शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं में हिमाचल के हक बेचे हैं. पांवटा साहिब से भाजपा विधायक सुखराम चौधरी के इस सवाल पर कि मौजूदा सरकार के समय में 1 जनवरी 31 अगस्त तक पनबिजली परियोजनाओं को लेकर कितने एमओयू साइन किए गए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर कहा कि इन्वेस्टर मीट के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में एमओयू साइन कर हिमाचल के हकों को बेचने का काम पूर्व सरकार ने किया है.
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इनको लेकर जो एमओयू साइन किए, उनमें हिमाचल की आने वाली पीढ़ी को कुछ भी नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसजेवीएनएल और एनटीपीसी के साथ पूर्व सरकार ने जो एमओयू साइन किए उसमें रॉयल्टी के क्लॉज को हटाया गया. पूर्व सरकार ने लूहरी व धौलासिद्ध, सुन्नी परियोजनाओं के लिए एमओयू किया और इनमें हिमाचल के हित्त बेच डाले.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने 40 साल बाद परियोजनाओं को हिमाचल को वापस मिलने वाली शर्त को भी हटाया. इन कंपनियों के साथ इम्लीमेंटेशन एग्रीमेंट नहीं किए गए. इसके अलावा लाडा (लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड) और जीएसटी व अन्य टैक्स के रूप में मिलने वाली राशि के क्लॉज को भी हटाया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने एसजेवीएनएल और एनटीपीसी को इन प्रोजेक्टों को लेकर नोटिस दिए और कहा कि अगर वे सरकार की शर्तें नहीं मानते तो इन प्रोजेक्टों को सरकार टेकओवर करेगी. इसके बाद अब ये कंपनियां सरकार के साथ बातचीत करने को लेकर तैयार हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने हिमाचल के हित्तों को संरक्षित करने के लिए ऊर्जा नीति में बदलाव किया है. इसके तहत प्रोजेक्ट लगने के शुरुआती 12 साल तक 20 फीसदी फ्री बिजली की रायल्टी का प्रावधान किया गया है. वहीं 12 से 20 साल तक राज्य को 30 फीसदी और 20 से 30 साल तक 40 फीसदी फ्री बिजली का प्रावधान किया. वहीं 40 साल बाद ये प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलेंगे.