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देवभूमि के मेलों में अब स्थानीय कलाकारों को मिलेगी तवज्जो, CM जयराम ने बजट सत्र में दी जानकारी - जगत सिंह नेगी

विधानसभा बजट सत्र के दौरान मेलों में खर्च पर पूछे गए सवाल पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के मेलों में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा मौका दिया जाएगा.

विधानसभा में जयराम ठाकुर (फाइल)
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Published : Feb 7, 2019, 10:53 PM IST

शिमला: गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल के दौरान किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने सवाल किया कि प्रदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों पर कितनी धनराशि खर्च की गई है. जिसका जवाब सीएम जयराम ने दिया.

प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मेले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर समेत विभिन्न प्रकार के होते हैं, इसलिए इनमें अलग-अलग स्तर पर धनराशि खर्च की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 56 मेले जिला स्तर और 19 मेले राज्य स्तर के होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहती है कि मेलों से प्राप्त आय का खर्च सही तरीके से हो.

विधानसभा में जयराम ठाकुर (फाइल)
विधानसभा में जयराम ठाकुर (फाइल)
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मुख्यमंत्री ने मेलों के ऑडिट कि व्यवस्था पर बल देते हुए कहा कि मेलों में गलत तरीके से खर्च न हो इसके लिए सरकार पूरा ध्यान रखती है. जहां तक ऑडिट की बात है तो लोकल स्तर पर जिन मेलों का आयोजन होता है, उनका ऑडिट पहले से ही करवाया जाता है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मेलों में अधिकतर धन कलाकारों को देने वाले पैसों के रूप में खर्च किया जाता है. इसमें सुधार करते हुए हमने सुनिश्चित किया है कि मेलों में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा मौका दिया जाए. जिससे पैसे की बचत तो होती ही है साथ ही स्थानीय परंपरा को भी बढ़ावा मिलता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग मेलों में बड़े और राष्ट्रीय कलाकारों को भी सुनना चाहते हैं, ये कलाकार पैसा भी बहुत लेते हैं. ये स्थानीय प्रशासन की मजबूरी भी है, लेकिन फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि बड़े कलाकारों के स्थान पर स्थानीय कलाकारों ज्यादा से ज्यादा पैसा मिले. सीएम ने कहा कि मेले में बड़े फिल्मी कलाकारों को बुलाना भी जरूरी है ताकि लोकल कलाकारों को उनसे मिलने का मौका मिले और सीखने को भी मिले.

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सीएम जयराम ने कहा कि छोटे और स्थानीय कलाकारों को राशि कम दी जाती है. जिससे कलाकारों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि उनको पूरी टीम साथ लानी पड़ती है. सरकार कोशिश कर रही है कि कम से कम कलाकारों को इतनी राशि दी जाए की उनकी टीम और उनका पूरा खर्च आराम से निकल जाए.

श्री रेणुका जी से विधायक विनय कुमार ने दशहरे और श्री रेणुका जी मेले पर खर्च की राशि के बारे में मुख्यमंत्री से सवाल किया. मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा की राशि दशहरा मेले से इकट्ठा हुई है. अंतरराष्ट्रीय मेलों को 2 लाख रुपये प्रदेश सरकार की तरफ से दिया जाता है.

वहीं, सतपाल सिंह रायजादा ने ऊना उत्सव पर सवाल पूछा और कहा कि जब भी बीजेपी सरकार आती है तो मेला बंद कर दिया जाता है. जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 2016 से ही मेला बंद हैं. उस समय कांग्रेस की सरकार थी.

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शिमला: गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल के दौरान किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने सवाल किया कि प्रदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों पर कितनी धनराशि खर्च की गई है. जिसका जवाब सीएम जयराम ने दिया.

प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मेले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर समेत विभिन्न प्रकार के होते हैं, इसलिए इनमें अलग-अलग स्तर पर धनराशि खर्च की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 56 मेले जिला स्तर और 19 मेले राज्य स्तर के होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहती है कि मेलों से प्राप्त आय का खर्च सही तरीके से हो.

विधानसभा में जयराम ठाकुर (फाइल)
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मुख्यमंत्री ने मेलों के ऑडिट कि व्यवस्था पर बल देते हुए कहा कि मेलों में गलत तरीके से खर्च न हो इसके लिए सरकार पूरा ध्यान रखती है. जहां तक ऑडिट की बात है तो लोकल स्तर पर जिन मेलों का आयोजन होता है, उनका ऑडिट पहले से ही करवाया जाता है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मेलों में अधिकतर धन कलाकारों को देने वाले पैसों के रूप में खर्च किया जाता है. इसमें सुधार करते हुए हमने सुनिश्चित किया है कि मेलों में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा मौका दिया जाए. जिससे पैसे की बचत तो होती ही है साथ ही स्थानीय परंपरा को भी बढ़ावा मिलता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग मेलों में बड़े और राष्ट्रीय कलाकारों को भी सुनना चाहते हैं, ये कलाकार पैसा भी बहुत लेते हैं. ये स्थानीय प्रशासन की मजबूरी भी है, लेकिन फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि बड़े कलाकारों के स्थान पर स्थानीय कलाकारों ज्यादा से ज्यादा पैसा मिले. सीएम ने कहा कि मेले में बड़े फिल्मी कलाकारों को बुलाना भी जरूरी है ताकि लोकल कलाकारों को उनसे मिलने का मौका मिले और सीखने को भी मिले.

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सीएम जयराम ने कहा कि छोटे और स्थानीय कलाकारों को राशि कम दी जाती है. जिससे कलाकारों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि उनको पूरी टीम साथ लानी पड़ती है. सरकार कोशिश कर रही है कि कम से कम कलाकारों को इतनी राशि दी जाए की उनकी टीम और उनका पूरा खर्च आराम से निकल जाए.

श्री रेणुका जी से विधायक विनय कुमार ने दशहरे और श्री रेणुका जी मेले पर खर्च की राशि के बारे में मुख्यमंत्री से सवाल किया. मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा की राशि दशहरा मेले से इकट्ठा हुई है. अंतरराष्ट्रीय मेलों को 2 लाख रुपये प्रदेश सरकार की तरफ से दिया जाता है.

वहीं, सतपाल सिंह रायजादा ने ऊना उत्सव पर सवाल पूछा और कहा कि जब भी बीजेपी सरकार आती है तो मेला बंद कर दिया जाता है. जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 2016 से ही मेला बंद हैं. उस समय कांग्रेस की सरकार थी.

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शिमला. प्रश्नकाल के दौरान किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों पर कितना धनखर्चा किया गया है कितना खर्च किया जाएगा.

प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मेले अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर सहित विभिन्न प्रकार के होते हैं, इसलिए इनमें अलग-अलग स्तर पर धनराशि खर्च की जाती है मुख्यमंत्री ने कहा कि 56 मेले जिला स्तर और 19 मेले राज्य स्तर के होते हैं हमारी कोशिश रहती है कि मेलों से प्राप्त आय का खर्च सही तरीके से यह कोशिश हिमाचल प्रदेश हमेंशा ही करती है मुख्यमंत्री ने मेलों के ऑडिट कि व्यवस्था पर बल देते हुए कहा कि मेलों में गलत तरीके से खर्च न हो इसके लिए सरकार पूरा ध्यान रखती है. जहां तक ऑडिट की बात है लोकल स्तर पर जिन मेलों का आयोजन होता है उनका ऑडिट पहले से ही करवाया जाता है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मेलों में अधिकतर धन कलाकारों को देने वाले पैसों के रूप में खर्च किया जाता है. इसमें सुधार करते हुए हमने सुनिश्चित किया है कि स्थानीय कलाकारों को अधिक मौका दिया जाए. जिससे पैसे की बचत तो होती ही है साथ ही स्थानीय परंपरा को भी बढ़ावा मिलता है. लेकिन लोग मेलों में बड़े और राष्ट्रीय कलाकारों को भी सुनना चाहते हैं ये कलाकार पैसा भी पहुत लेते हैं. यह स्थानीय प्रशासन की मजबूरी भी है लेकिन फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि बड़े कलाकारों के स्थान पर स्थानीय कलाकारों अधिक से अधिक पैसा मिले यह कोशिश की जा रही. लेकिन बड़े फिल्मी कलाकारों को बुलाना भी जरूरी है. ताकि लोकल कलाकारों को उनसे मिलने का मौका मिले और सीखने को भी मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे और स्थानीय कलाकारों को राशि कम दी जाती है. इसमें कलाकारों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि उनको पूरी टीम साथ लानी पड़ती है. इसलिए हम कोशिश करेंगे कि कम से कम इतनी राशि तो स्थानीय कलाकारों को हम दे सकें कि उनकी टीम और उनका पूरा खर्च आराम से निकल जाए.

श्री रेणुका जी से विधायक विनय कुमार ने दशहरे और श्री रेणुका जी मेले पर खर्च की राशि के बारे में मुख्यमंत्री से सवाल किया. मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि 6 करोड़ से अधिक राशि दशहरा मेले से इक्ट्ठा हुई है. अंतर्राष्ट्रीय मेलों को 2 लाख रूपए प्रदेश सरकार की तरफ से दिया जाता है. वहीं सतपाल सिंह रायजादा ने ऊना उत्सव पर सवाल पूछा और कहा कि जब भी बीजेपी सरकार आती है तो बंद मेला बंद कर दिया जाता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जवाब में कहा कि 2016 से ही मेला बंद हैं. उस समय कांग्रेस की सरकार थी.     

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