शिमला: उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी प्रदेश का फार्मा उद्योग क्रियाशील रहा है. यहां निर्मित दवाइयां दूसरे देशों को भी निर्यात की गई है. सीएम ने कहा कि विपत्ति की घड़ी को अवसर में तब्दील करने के प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि देश के अन्य राज्य कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और हिमाचल की स्थिति इनकी अपेक्षा कहीं बेहतर है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योग पक्षियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से धर्मशाला में 7 और 8 नवंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया था. जिसमें 96721 करोड़ रुपये के 703 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए थे. इस मीट के 2 महीने के बाद 311.75 करोड़ रुपये के 204 समझौता ज्ञापनों का ग्राउंटब्रेकिंग समारोह भी आयोजित किया था.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में व्यापार को और आसान बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर बैंक स्थापित कर 600 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई जा चुकी है. जबकि 1308 हेक्टेयर जमीन की ट्रांसफर प्रक्रिया जारी है. सीएम ने कहा कि जिन व्यापारियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, उन सभी से अधिकारी लगातार संपर्क बनाए रखें ताकि परियोजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि सेमिनार के माध्यम से संभावित निवेशकों और उद्योग संघों से निरंतर संपर्क किया जाना चाहिए ताकि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 311. 75 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एकीकृत गोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन के 16 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त 147. 42 करोड़ रुपये की लागत के खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता के सृजन और विस्तार के 20 मामलों को भी मंजूरी प्रदान की गई है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत विभिन्न बैंकों के माध्यम से 25 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किए जा रहे हैं और इसके अंतर्गत परियोजना लागत की 35 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 1181 पर योजनाओं के लक्ष्य के मुकाबले 1214 लाभार्थियों को गैर कृषक आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इन्हें विद प्रबंधित किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सूक्ष्म लघु मध्यम इकाइयों को वित्तीय लाभ देने के लिए 12 सौ करोड़ रुपये वितरित किए गए. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रदेश में 728 इकाइयां स्थापित की गई.
सीएम ने इस परियोजना की धीमी रफ्तार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की एक टीम नामित की जानी चाहिए ताकि अधिकतम युवा इससे लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप हिमाचल योजना के अंतर्गत 92 नए उद्यमी लाभान्वित हुए हैं और 29 स्टार्टअप का व्यवसायीकरण किया गया है.
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