शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को उद्योग क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया. यह सुविधा प्रदेश उद्योग विभाग द्वारा राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) की सुविधा के लिए शुरू की गई है.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत उद्यमियों को ऑनलाइन सेल्फ सर्टिफिकेशन की सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार की इस पहल से व्यापार करने में आसानी होगी और प्रक्रियाओं के सरलीकरण के साथ ही उद्यमियों को राहत मिलेगी.
ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पोर्टल विभाग और निवेशकों, उद्योगपतियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों को अपने उपक्रम को शुरू करने से पहले संबंधित विभागों की मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिसमें समय की काफी बर्बादी होती थी.
ऐसे में ऑनलाइन प्रमाणन सुविधा न केवल उद्यमियों को कठिन प्रक्रियाओं से बचाएगी, बल्कि उद्यमों को शीघ्र स्थापित करने में भी मदद मिलेगी, जिससे परियोजना की लागत में अनावश्यक वृद्धि नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऑनलाइन स्वयं प्रमाणन पोर्टल सेवा आरंभ होने के बाद उद्यमी पोर्टल पर इलैक्ट्रॉनिक रूप से नोडल ऐजेंसी के समक्ष डैक्लेरेशन ऑफ इन्टेन्ट प्रस्तुत करेगें. उन्होंने कहा कि नोडल ऐजेंसी सात दिनों के भीतर उद्यमियों को इलैक्ट्रॉनिक प्रारूप में एक्नॉलेजमेंट सर्टिफिकेट प्रदान करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुविधा के शुरू होने के बाद, उद्यम के कार्य शुरू होने तक के तीन वर्ष की अवधि तक विभिन्न कानूनों जैसे हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम-1994, हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1994, हिमाचल प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम-1984.
हिमाचल प्रदेश रोड साइड लैंड कंट्रोल एक्ट-1968, हिमाचल प्रदेश दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम-1969, हिमाचल प्रदेश सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-2006 और हिमाचल प्रदेश शहर और नगर नियोजन के तहत किसी भी प्रकार का निरीक्षण नहीं किया जाएगा, और न ही संबंधित विभाग से कोई मंजूरी मांगी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा सेल्फ सर्टिफिकेशन के लिए 6 नवम्बर 2019 को एक अध्यादेश लाया था, जिसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया गया था और इसे 18 जनवरी, 2020 को अधिसूचित किया गया था. इस कानून के तहत 11 जून, 2020 को नियम बनाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य में 1 जुलाई, 2020 से एमएसएमई की नई परिभाषा लागू होगी. अब 50 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित इकाइयां और मशीनरी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की श्रेणी में आएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 99.5 प्रतिशत उद्योग इस श्रेणी में आते हैं, इसलिए ऑनलाइन सेल्फ सर्टिफिकेशन की सुविधा मिलने से उद्योगपतियों को सहायता मिलेगी.
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष 7 और 8 नवंबर को इन्वेस्टर्ज मीट का आयोजन किया था, जिसका शुभांरभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. उन्होंने कहा कि हजारों निवेशकों ने प्रदेश में अपनी इकाइयां स्थापित करने में रूचि दिखाई है. उम्मीद है ऐसे में नई ऑनलाइन सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था उद्यमियों को राहत देगी.