शिमला: बरसात के मौसम में आपदाओं से निपटने को लेकर मंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को विशेष सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं. खासकर ऐसी सड़कें और राजमार्ग जिन पर निर्माण कार्य जारी है उन पर सड़क अवरूद्ध होने की आशंका अधिक बनी रहती है. शिमला-चंडीगढ़ और चंडीगढ़-मनाली सड़कों पर भी निर्माण कार्य के चलते बरसात में लहासे गिरने पर भी जल्द से जल्द यातायात सुचारू रखने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए.
इसके अलावा प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कों को चौड़ा करने का काम जारी है मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ऐसे संभावित स्थानों पर पर्याप्त मशीनरी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि समय पर सड़कें बाहाल की जा सकें. बरसात के समय में नदियों के जलस्तर में भी भारी वृद्धि हो जाती है जिसके कारण नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. ऐसे में लोगों को परेशानी से बचाने और अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ चर्चा की.
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उन्होंने कहा कि रिटेनिंग दिवारों, क्रैश बैरियर और पैरापिट्स आदि के निर्माण के माध्यम से 4115 ब्लैक स्पॉट्स का सुधार किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सभी नई सड़कों की स्वीकृति निष्पक्ष एजेंसी द्वारा सुरक्षा ऑडिट के उपरान्त ही दी जाएगी. उन्हांने कहा कि भविष्य में सड़क सुरक्षा ऑडिट डीपीआर का महत्वपूर्ण भाग होगा. सीएम ने कहा कि चल रही विभिन्न परियोजनाओं में देरी, परिणामस्वरूप बढ़ते खर्च के दृष्टिगत वन स्वीकृतियों में तेजी लाने के लिए चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जाना चाहिए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मुख्य जिला सड़कों के रखरखाव, चौराहों में सुधार के माध्यम से जियोमैट्रिक्स में सुधार और यात्रियों को बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए सुरंग निर्माण जैसे कार्यों को करने की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश सड़क अधोसंरचना विकास निगम को सुदृढ़ किया जाएगा. उन्होंने इस अवसर पर स्वीकृति और कार्य को अवार्ड करने के बीच समय सीमा में कमी लाने के लिए समीक्षात्मक कदम उठाने और चल रही सरकारी खरीद प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राज मार्गों में से, 4031 किलोमीटर लम्बे 63 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर लोक निर्माण विभाग द्वारा बना ली गई है, जबकि 170 किलोमीटर की कुल लम्बाई वाले तीन राष्ट्रीय उच्च मार्गों की डीपीआर एनएचआईडीसीएल द्वारा बनाई गई है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को क्रियान्वित करते समय गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और स्थानीय वास्तुकार और पारम्परिक तकनीकी जानकारियों का प्रयोग करते हुए भवन निर्माण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए आईजीएमसी के नये ओपीडी का निर्माण शीघ्र पूरा होना चाहिए. राज्य की कुल 3226 पंचायतों में से 3131 पंचायतों को सड़क सुविधा से जोड़ दिया गया हैं, जबकि प्रदेश की 18, 711 बस्तियों में से 13782 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है.