शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई प्रत्यक्ष कर सुधार पहल ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह नवीनतम पहल है जो जटिलता, समग्र कर दरों और मुकदमेबाजी को कम करने, पारदर्शिता बढ़ाने, अनुपालन बढ़ाने और करदाता पर भरोसा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए उपायों के आधार पर परिणति का प्रतीक है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान, भारत ने कर प्रशासन में शासन का एक नया माॅडल विकसित किया है. वित्त वर्ष 2012-13 में दाखिल किए गए रिटर्न के 0.90 प्रतिशत से लेकर 2018-19 में दाखिल किए गए रिटर्न के 0.26 प्रतिशत तक की जांच के आकलन में कमी से पता चलता है कि बदलाव कितना व्यापक है.
सीएम ने कहा कि काॅरपोरेट कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई है और नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इसे और घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है. साथ ही पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डाॅक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (डीआईएन) का शुभारंभ करना एक बड़ा कदम है. जिसमें विभाग का हर संचार एक कंप्यूटर जनरेटेड यूनीक डाॅक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर लाएगा. टैक्स विवादों को निपटाने के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास तक योजना शुरू की गई है.
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए संरचनात्मक परिवर्तन न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएंगे और जटिलता को दूर करेंगे बल्कि कराधान को निर्बाध और सामान्य भी बनाएंगे. यह न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के लाभ के उद्देश्य की ओर एक बड़ा कदम है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि करदाता अब निष्पक्ष और तर्कसंगत व्यवहार के प्रति आश्वत है, लेकिन देश की 130 करोड़ से अधिक की आबादी में केवल 1.5 करोड़ लोग कर का भुगतान कर रहे हैं। जो लोग अभी भी कर के दायरे में नहीं हैं, उन्हें भी विवेकपूर्वक कर भुगतान के लिए विचार करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इन सुधारों को लाने के प्रयासों के लिए आयकर विभाग के अधिकारियों की भी प्रशंसा की.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई यह पहल सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है, ताकि लोग सत्ता केंद्रित होने के विरोध में प्रणाली को केंद्रित और जनता के अनुकूल बना सकें.
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