शिमला: सीएम जयराम ठाकुर ने दसवीं में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ सीएम ने कहा जिन छात्रों के परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहे, उन्हें कड़ी मेहनत करके दोबारा प्रयास के लिए जुटना होगा. छात्रों को निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं.
वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा जो दसवीं में पास हुए उन सभी को शुभकामनाएं. जो छात्र पास नहीं हो सके वह दोबारा कोशिश करें.
शिक्षा मंत्री ने कहा हमने कोरोना काल में किसी तरह की ढील नहीं बरती. जिस तरह से काम पिछले सालों से होता आ रहा है. उसी हिसाब से हुआ. कोरोना और लॉकडाउन में शिक्षा बोर्ड ने सराहनीय काम किया उसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र हैं.
68.11 प्रतिशत रहा परीक्षा परिणाम
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश सोनी ने बताया कि दसवीं कक्षा का परिणाम 68.11 प्रतिशत रहा है. यह परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष परीक्षा परिणाम 8 प्रतिशत बेहतर रहा.
पिछले पांच सालों में इस बार के मैट्रिक रिजल्ट की पास प्रतिशतता सबसे अधिक रही है. साल 2019 में मैट्रिक के रिजल्ट की पास प्रतिशतता 60.79 फीसदी रही थी, जबकि इस साल इसमें वृद्धि हुई है और पास प्रतिशतता 68.11 फीसदी पहुंची है.
छात्रों ने की मेहनत
बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2015-16 में मैट्रिक की पास प्रतिशतता 66.88 फीसदी रही थी, जबकि वर्ष 2016-17 में 67.57 फीसदी, वर्ष 2017-18 में 63.39 फीसदी, वर्ष 2018-19 में 60.79 फीसदी और इस वर्ष यानी वर्ष 2019-20 में पास प्रतिशतता 68.11 फीसदी रही है.
इस बार के मैट्रिक रिजल्ट पर नजर डालें तो परीक्षा में 1 लाख 4 हजार 323 परीक्षार्थी बैठे थे, जिनमें से 70 हजार 571 पास हुए, 27 हजार 197 अनुत्र्तीण रहे, 5 हजार 617 कम्पार्टमेंट घोषित किए गए.
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कहा कि इस बार मैट्रिक परीक्षा परिणाम की पास प्रतिशतता पिछले साल की अपेक्षा 8 फीसदी अधिक है. पिछले साल से बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित किया है.
ऐसे में स्टूडेंटस को भी आभास हो गया है कि पास होने के लिए लगन से पढ़ाई जरूरी है, इसी के चलते स्टूडेंटस ने मेहनत करके पढ़ाई की, जिसके चलते इस बार परीक्षा परिणाम में पास प्रतिशतता में इजाफा हुआ.