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नहीं आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का समापन समारोह, व्यापारियों को हो रहा नुकसान

रामपुर बुशहर में इस बार कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है. मेले का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करते थे और मेले का समापन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री करते थे. कुछ ही लोग मेले में पहुंच रहे हैं. किन्नौर से ड्राई फ्रूट व सेब इत्यादि बेचने के लिए लाए हैं, जिसको लेने के लिए इक्का-दुक्का लोग पहुंच रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय लवी मेला
अंतरराष्ट्रीय लवी मेला
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Published : Nov 11, 2020, 4:14 PM IST

Updated : Nov 11, 2020, 4:33 PM IST

रामपुर: रामपुर बुशहर में इस बार कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है. इस बार ना ही मेले का शुभारंभ हुआ और ना ही मेले के समापन का आयोजन किया जाएगा. हर साल 11 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन किया जाता था. मेले का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करते थे और मेले का समापन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री करते थे.

मेला मैदान में सरकारी विभागों की ओर से विभिन्न प्रदर्शनियां लगाई जाती थी, जो आकर्षण का केंद्र होती थी. इसके साथ-साथ किन्नौर से लाए गए ड्राई फ्रूट व अन्य उत्पाद भी मेले में आकर्षण का केंद्र रहते थे, लेकिन इस बार मेला मैदान में नाममात्र व्यापारी ही बैठे हुए हैं. इस बार मेला मैदान में सन्नाटा छाया हुआ है. कुछ ही लोग मेले में पहुंच रहे हैं.

वीडियो

बता दें कि यह ऐतिहासिक मेला काफी लंबे समय से चलता आ रहा है, लेकिन इस साल अंतरराष्ट्रीय लवी मेला नहीं मनाया जा रहा है. किन्नौर के खाब गांव से आए व्यापारी ने बताया कि वह किन्नौर से ड्राई फ्रूट व सेब इत्यादि बेचने के लिए लाए हैं, जिसको लेने के लिए इक्का-दुक्का लोग पहुंच रहे हैं. मेला मैदान में लगभग 15 से 20 के बीच व्यापारी बैठे हुए हैं और सभी किन्नौर के रहने वाले हैं.

पढ़ें: लवी मेले को लेकर पुलिस ने बढ़ाई चौकसी, कोविड-19 के नियमों का किया जाएगा पालन

रामपुर: रामपुर बुशहर में इस बार कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है. इस बार ना ही मेले का शुभारंभ हुआ और ना ही मेले के समापन का आयोजन किया जाएगा. हर साल 11 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन किया जाता था. मेले का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करते थे और मेले का समापन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री करते थे.

मेला मैदान में सरकारी विभागों की ओर से विभिन्न प्रदर्शनियां लगाई जाती थी, जो आकर्षण का केंद्र होती थी. इसके साथ-साथ किन्नौर से लाए गए ड्राई फ्रूट व अन्य उत्पाद भी मेले में आकर्षण का केंद्र रहते थे, लेकिन इस बार मेला मैदान में नाममात्र व्यापारी ही बैठे हुए हैं. इस बार मेला मैदान में सन्नाटा छाया हुआ है. कुछ ही लोग मेले में पहुंच रहे हैं.

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बता दें कि यह ऐतिहासिक मेला काफी लंबे समय से चलता आ रहा है, लेकिन इस साल अंतरराष्ट्रीय लवी मेला नहीं मनाया जा रहा है. किन्नौर के खाब गांव से आए व्यापारी ने बताया कि वह किन्नौर से ड्राई फ्रूट व सेब इत्यादि बेचने के लिए लाए हैं, जिसको लेने के लिए इक्का-दुक्का लोग पहुंच रहे हैं. मेला मैदान में लगभग 15 से 20 के बीच व्यापारी बैठे हुए हैं और सभी किन्नौर के रहने वाले हैं.

पढ़ें: लवी मेले को लेकर पुलिस ने बढ़ाई चौकसी, कोविड-19 के नियमों का किया जाएगा पालन

Last Updated : Nov 11, 2020, 4:33 PM IST
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