शिमला : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा साल 26 मई को पूरा होने जा रहा है. मोदी सरकार के दो साल पूरा होने और छह महीने से चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए सीटू ने 26 मई को विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. सीटू का आरोप है कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सात सालों में सारे सार्वजनिक क्षेत्रों को बेच दिया.
शिमला सीटू ईकाई के जिला सचिव बाबू राम ने कहा कि मोदी सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया. आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर यहां की आत्मनिर्भरता को ही खत्म कर दिया है. किसानों और मजदूर मेहनत करने वालों के खिलाफ महामारी में ऐसी साजिशें रची गई, जिससे आने वाली पीढ़ियां गुलामी जैसी जिंदगी जीने को मजबूर होंगी. इसका ताजा उदाहरण महामारी के समय में लाए गए तीन किसान विरोधी कृषि कानून हैं. इन कानूनों से किसानों को अपने ही खेतों में गुलामों की तरह रहने को मजबूर होना पड़ेगा. सरकार देश की खाद्य सुरक्षा के साथ भी धोखा कर रही है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, ट्रांसपोर्ट, एलआईसी, बीएसएनएल, बैंक, रेलवे, एयरपोर्ट्स, सारे सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचा जा रहा है. इन सात सालों में देश को बेचने के अलावा जनता के हित में कोई भी काम नहीं किया गया. सिर्फ झूठ और जुमलों के अलावा कोई काम नहीं किया गया. मोदी सरकार अपने राजनैतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है.
26 मई को मनाया जाएगा काला दिवस
सीटू जिला सचिव बाबू राम ने कहा है की केंद्र व प्रदेश सरकार की कोविड महामारी में असफलता व मजदूर कर्मचारी विरोधी और पूंजीपति परस्त नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत 26 मई को काला दिवस मनाया जाएगा. इसी कड़ी में 30 मई को सीटू के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर जिला भर में सीटू का ध्वजारोहण करने के साथ ही जगह-जगह सेमिनार व अन्य कार्यक्रम आयोजित करके केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों की पोल खोली जाएगी. सीटू ने फैसला लिया है कि एक से दस जून तक जिला भर में बारह सूत्रीय मांग पत्र पर प्रचार अभियान चलाकर मजदूरों व जनता को जागरूक किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की हालत स्थिर, फिलहाल IGMC में हैं भर्ती