रामपुर: नगर परिषद रामपुर ठेका मजदूर यूनियन संबंधित सीटू ने आज नगर परिषद में कार्य कर रहे मजदूरों को गैरकानूनी तरीके से निकाले जाने के विरोध में नगर परिषद के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा कि रामपुर नगर परिषद के प्रबंधन व ठेकेदार की मिलीभगत से नगर परिषद के अंदर कूड़ा व सफाई का काम कर रहे मजदूरों को बिना किसी नोटिस के गैरकानूनी तरीके से निकाला जा रहा है.(CITU Protest in Rampur)
मजदूरों को निकालने के लिए किसी भी श्रम कानून को लागू नहीं किया गया है. जब नगर परिषद के अंदर मार्च में टेंडर को रिवाइज किया गया और नगर परिषद के अंदर कूड़ा उठाने के लिए मजदूरों की संख्या कम थी. उस समय ठेकेदार के माध्यम से मजदूरों को काम पर बुलाया गया. लेकिन अब बीच में मजदूरों को बिना किसी कारण निकालना न्यायसंगत नहीं है. इससे नगर परिषद का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आता है. एक तरफ प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. दूसरी तरफ रोजगार पर लगे मजदूरों को नौकरी से गैरकानूनी तरीके से निकाला जा रहा है.
नगर परिषद रामपुर के अंदर काम कर रहे ठेका मजदूरों पर किसी भी श्रम कानूनों को लागू नहीं किया जा रहा है और न ही मजदूरों की सेफ्टी का कोई ख्याल रखा जा रहा है. मजदूरों को सेफ्टी के नाम पर ग्लव्स, मास्क कुछ नहीं दिया जा रहा है और न ही श्रम कानून के अनुसार हर माह की 7 तारिख से पहले वेतन दिया जा रहा है. वेतन की मांग करने पर नौकरी से निकालने की धमकी ठेकेदार व नगर परिषद के प्रबंधन के द्वारा दी जा रही है. नगर परिषद के अंदर काम कर रहे मजदूरों को न तो श्रम अधिकारी द्वारा सत्यापित कोई आई कार्ड, वेतन स्लिप, रविवार की छुट्टी के अलावा अन्य कोई छुट्टी तक नहीं दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि ईपीएफ का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा गया है. यहां तक कि मजदूरों का ठेकेदार व नगर परिषद प्रबंधन के द्वारा 2018 से 2022 तक के ईपीएफ का कोई रिकॉर्ड तक मजदूरों को नहीं दिया गया है और कई मजदूरों का तो ईपीएफ भी नहीं काटा गया है और न ही उसे जमा नहीं किया गया है. नगर परिषद के अंदर सफाई मजदूरों की खुली लूट नगर परिषद प्रबंधन व ठेकेदारों की मिलीभगत से की जा रही है. (City Council Rampur) (City Council Rampur Office) (Protest in Rampur)
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