शिमला: प्रदेश के स्कूलों में इस बार बाल दिवस अलग तरीके से मनाया जाएगा. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथी बच्चों को इको क्लब और यूथ क्लब की गतिविधियों में भी शामिल किया जाएगा, जिससे बच्चों का दिमाग सही दिशा में लग सके और छात्र गलत आदतों को छोड़ सकें.
प्रदेश के 15 हजार स्कूलों में समग्र शिक्षा की ओर से बाल दिवस पर ये निर्देश जारी किए गए हैं कि छात्रों को यूथ और इको क्लब के माध्यम से जागरूक किया जाए. साथ ही उन्हें नशे जैसी बुरी लत से दूर रखने के लिए यूथ और इको क्लब की गतिविधियों में शामिल किया जाए. यहां तक कि यूथ इको क्लब के तहत बजट भी स्कूलों को जारी किया गया है.
केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत ही स्कूलों को समग्र शिक्षा की ओर से यूथ क्लब और इको क्लब के लिए प्राइमरी स्कूलों में 5 हजार और मिडिल स्कूलों को 15 हजार जबकि हाई सेकेंडरी स्कूलों को 25 हजार तक की राशि दी गई है. ये राशि जो यूथ और इको क्लब के लिए स्कूलों को जारी की गई है. इसके तहत स्कूल इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे जिससे कि छात्र स्कूलों में होने वाली अतिरिक्त गतिविधियों में भाग ले सकें.
स्कूल के प्लेग्राउंड को सही करने के साथ ही खेलों से जुड़ा सामान बी स्कूल इस राशि से खरीदेंगे और इसके साथ ही वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिताएं स्कूलों में करवाई जाएंगी. वहीं, इको क्लब में स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना के तहत किचन गार्डन बनाए जाएंगे और उस से जुड़ी गतिविधियों में छात्रों को शामिल कर उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा.
इसके साथ ही समग्र शिक्षा की ओर से स्कूलों में बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं को देखते हुए स्कूल में आपदा और छात्रों की सुरक्षा से जुड़े हेल्पलाइन नंबर डिस्प्ले करने के लिए भी 500 रुपए की राशि जारी की गई है. इस काम को भी स्कूलों को पूरा करना होगा. हर बार जहां बाल दिवस पर बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम स्कूलों में आयोजित किए जाते थे.
वहीं, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि स्कूलों में बाल दिवस के अवसर पर इको और यूथ क्लब की गतिविधियों में छात्रों को शामिल किया जाएगा. साथ ही स्कूल में आपदा और छात्र सुरक्षा को लेकर हेल्पलाइन नंबर डिस्प्ले करने के निर्देश स्कूलों को जारी किए गए हैं.
बता दें कि स्कूलों में गुरुवार को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. ऐसे में जहां बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा तो वहीं छात्रों को अलग-अलग तरह की खेलकूद गतिविधियों के साथ ही अन्य गतिविधियां भी करवाई जाएंगी.
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