शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में भी कोई टैक्स ( Jairam Thakur presented a tax free budget) नहीं लगाया. कुल 51365 करोड़ के इस टैक्स फ्री बजट में सामाजिक सुरक्षा पर फोकस किया गया है. पेंशन के लिए आयु सीमा साठ साल कर दी गई है. इससे पूर्व सत्ता में आते ही जयराम सरकार ने पेंशन की आयु सीमा अस्सी साल से घटाकर सत्तर साल की थी. इस बार ये आयु सीमा दस साल और कम की गई है. इसके साथ ही पेंशन में बढ़ोतरी भी की गई है.
बजट में 30 हजार नए रोजगार: सरकार ने दिहाड़ीदारों सहित पंचायत व स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों को लाभ दिया है. दिहाड़ी बढ़ाने के साथ ही कई वर्गों का मानदेय बढ़ाकर चुनावी साल में समाज के ऐसे हिस्से को छुआ है, जिसे केंद्र व राज्य की अन्य योजनाओं में खास तवज्जो नहीं मिलती है. इसके अलावा सरकार ने बजट में रोजगार के 30 हजार नए अवसर का वादा है. हिमाचल में स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा अधिकारियों का कोई पद खाली नहीं है, इसके बावजूद सरकार ने इस बजट में पांच सौ नए मेडिकल ऑफिसर के पद सृजित करने का ऐलान किया है. जयराम सरकार ने सरस्वती पुत्री लता मंगेशकर के नाम पर संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है.
शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक बजट: यदि बजट भाषण (himachal budget 2022) का अवलोकन किया जाए तो सबसे अधिक बजट शिक्षा के क्षेत्र को दिया गया है. शिक्षा के क्षेत्र में कुल 8412 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र को 2752 करोड़ रुपए, कृषि सेक्टर को 583 करोड़ रुपए, पंचायती राज विभाग को 1662 करोड़ रुपए, बागवानी सेक्टर को 540 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है.
आशा वर्कर्स के बढ़ाए जाएंगे मानदेय: चुनावी साल में जयराम सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सिलाई अध्यापिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर महिला वर्ग का समर्थन हासिल करने का प्रयास किया है. इसके अलावा पंचायत चौकीदारों, पंप ऑपरेटर्स, नंबरदारों, एसपीओज का मानदेय बढ़ाकर वंचित वर्ग को साधने की कोशिश की है. आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतनमान साढ़े दस हजार रुपए किया गया है. इसके अलावा एसएमसी के तहत रखे गए अध्यापकों को नौकरी से न हटाने का ऐलान किया गया है. साथ ही उनका वेतन भी बढ़ाया गया है. इस तरह सरकार ने हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत दी है
मासिक पेंशन में बढ़ोतरी: यदि मास्टर स्ट्रोक की बात की जाए तो सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु सीमा घटाने के साथ सभी तरह के पेंशन का लाभ पाने वालों की पेंशन बढ़ाई गई है. इस बार के बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत अभी तक 850 रुपए प्रतिमाह पेंशन पाने वालों को अब एक हजार रुपए मासिक मिलेंगे. इनमें कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति आते हैं. वर्तमान में अन्य वर्गों के एक हजार रुपए पेंशन पाने वालों को अब 1150 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे.
जिन पात्र लोगों को अभी डेढ़ हजार रुपए मासिक पेंशन मिल रही थी, उन्हें 1700 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी. इसके अलावा 60 से 69 साल के पुरुषों को बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिलेगा. इस तरह अब हिमाचल में साढ़े सात लाख पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी. सरकार इस पर सालाना 1300 करोड़ रुपए खर्च करेगी. महिलाओं के लिए कृषि सखी, पशु सखी, कृषि उद्योग सखी, वित्ती सखी, बैंक सखी को पांच सौ रुपए प्रतिदिन का मानदेय घोषित किया गया है.
पशुपालकों को सौगात: सरकार ने बजट में पशुपालकों के लिए दूध खरीद मूल्य को दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है. पशुपालन सेक्टर को 469 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. निजी क्षेत्र में संचालित की जा रही गोशालाओं में प्रति गौवंश प्रति माह पांच सौ रुपए की जगह सात सौ रुपए दिए जाएंगे. साथ ही बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए पांच बड़ी काउ सेंक्चुरी खोली जाएंगी. राज्य में दो मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट खोले जाएंगे, जिनकी क्षमता पचास हजार लीटर की होगी.
हिमाचल में एक हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र: जयराम सरकार ने बजट में एक हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का ऐलान किया है. हिमाचल में 6718 आंगनबाड़ी केंद्र मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किए गए हैं. इस बजट में शेष बचे 12207 केंद्रों को भी मॉडल बनाया जाएगा. सरकार ने विधवा पुनर्विवाह को प्रेरित करने के लिए अनुदान राशि को प्रति दंपति पचास हजार रुपए से बढ़ाकर 65 हजार किया है.
पंचायत प्रतिनिधि व मेयर के मानदेय में बढ़ोतरी: पंचायती राज प्रतिनिधियों सहित नगर निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय भी बढ़ाया गया है. सरकार ने मेयर व डिप्टी मेयर का मानदेय क्रमश: पंद्रह हजार व दस हजार रुपए किया गया है. इसी तरह जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का मानदेय भी क्रमश: पंद्रह हजार व दस हजार रुपए मासिक किया गया है. इसके अलावा पंचायत समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पंचायत प्रधान, उपप्रधान का मानदेय भी बढ़ाया गया है.
हिमाचल में आउटसोर्स कर्मियों को राहत: सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों को राहत (outsource personnel in himachal) देते हुए उनका न्यूनतम वेतन साढ़े दस हजार रुपए किया है. एसएमसी टीचर्स को नहीं हटाया जाएगा. सरकार ने एसएमसी टीचर्स का वेतन भी प्रति माह एक हजार रुपए बढ़ाया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमीरपुर व नाहन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैथ लैब स्थापित की जाएगी. इससे दिल के रोगियों को लाभ होगा. टांडा अस्पताल में भी पैट स्कैन मशीन लगाई जाएगी, ताकि कैंसर रोगियों को शिमला व पीजीआई न जाना पड़े. पंद्रह करोड़ रुपए से पचास नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी. एचआरटीसी के बेड़े में 220 नई बसें शामिल होंगी.
इस बार राजकोषीय घाटा 9602 करोड़ रुपए: बजट में कर्ज के मर्ज (Debt on himachal) का इलाज करने के लिए आय के अतिरिक्त संसाधन तलाशने का कोई उपक्रम नहीं है. यदि सौ रुपए को मानक माना जाए तो वेतन व पेंशन पर 41 रुपए खर्च हो जाएंगे. ब्याज अदायगी पर दस रुपए और लोन अदा करने पर 11 रुपए खर्च होंगे. विकास के लिए केवल 29 रुपए बचेंगे. इस बार राजकोषीय घाटा 9602 करोड़ रुपए है. यह जीडीपी का 4.98 फीसदी है. रादस्व प्राप्तियां 36375 करोड़ रुपए रहेंगी. राजस्व खर्च 40278 करोड़ रुपए है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ये बजट सामाजिक सुरक्षा को नई दिशा देगा.
ये भी पढ़ें: हिमाचल का बजट पेश: वेतन और पेंशन पर खर्च होंगे 100 में से 41 रुपए ,कर्ज के मर्ज का नहीं मिल रहा इलाज