लाहौल/स्पीति: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ‘लामाओं की भूमि’ कही जाने वाली स्पीति घाटी में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान लामाओं से जुड़ी संस्कृति एवं परंपराओं के प्रति गहरी रुचि दिखाई. स्पीति घाटी की महिलाओं को एक महत्वपूर्ण तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री ने घाटी की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जून से 1,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की घोषणा की. घाटी की बौद्ध भिक्षुणी 'छोमो' भी इससे लाभान्वित होंगी.
मुख्यमंत्री ने की-गोंपा में अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल दिवस पर सरकार ने स्पीति घाटी की छोमो सहित सभी महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन का एक बड़ा तोहफा दिया है. इससे इन महिलाओं में आत्म-सम्मान की भावना और मजबूत होगी. प्रवास के प्रथम दिन सगनम हेलिपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री ने कुंगरी, ढंखर, काजा और की मठों में पूजा-अर्चना की और बौद्ध धर्म की परंपराओं और इतिहास को नजदीक से जाना और समझा.
मुख्यमंत्री बनने के बाद स्पीति घाटी के पहले प्रवास में सुक्खू का लामाओं की ओर से पारंपरिक परिधान भेंट कर स्वागत किया गया. मुख्यमंत्री ने घाटी के विभिन्न मठों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री ने कुंगरी गोंपा को 50 लाख देने तथा ढंखर गोंपा के लिए छात्रावास निर्माण और पेयजल योजना की घोषणा की. इसके अतिरिक्त उन्होंने की-गोंपा के ध्यान केंद्र को स्तरोन्नत करने का भी आश्वासन दिया.
इसके लिए सरकार की ओर से समुचित धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. प्रवास के दौरान स्पीति घाटी के विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री से भेंट की और उन्हें अपनी विभिन्न मांगों से अवगत करवाया. मुख्यमंत्री ने चिचम में एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निरीक्षण किया. स्थानीय लोगों की मांग पर उन्होंने चिचम गांव के लिए पेयजल योजना के निर्माण पर विचार करने का वादा किया.
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