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शिमला स्कूल बस हादसे पर गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने घेरा निदेशालय, प्रर्दशन के दौरान हुई धक्का-मुक्की

शिमला में सोमवार को हुए स्कूल बस हादसे से स्कूली बच्चों की मौत से गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया. मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए. इस दौरान अभिभावकों की संयुक्त निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ बहसबाजी हो गई. प्रर्दशन के दौरान निदेशालय सुरक्षा गार्ड और मंच के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.

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Published : Jul 1, 2019, 8:22 PM IST

शिमला स्कूल बस हादसे पर गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने घेरा निदेशालय.

शिमला: राजधानी में सोमवार को हुए स्कूल बस हादसे से स्कूली बच्चों की मौत से गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया. मंच के सदस्यों ने उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा निदेशक को पद से हटाने की मांग की.

रोष प्रर्दशन के दौरान छात्र अभिभावक मंच का आक्रोश इतना ज्यादा था कि उन्हें मनाने और चुप करवाने के लिए शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी प्रयास करते रहे, लेकिन मंच के सदस्य नहीं माने और निदेशक से मिलने की मांग पर अड़े रहे. सदस्यों की मांग पर कुछ लोगों को निदेशक से मिलने के लिए कार्यालय में जाने की इजाजद दी गई. इस दैरान मंच के सदस्यों ने भी निदेशक के कार्यालय में जाने का प्रयास किया, जिसके चलते सुरक्षा गार्ड और मंच के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.

वीडियो.

मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए. इस दौरान अभिभावकों की संयुक्त निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ बहसबाजी हो गई. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मंच पिछले दो वर्षों से निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली के विषय उठा रहा है और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

मंच ने शिक्षा निदेशक से जवाब निजी स्कूलों को अपनी बसें लेने के साथ ही हाईकोर्ट के छात्रों की सुरक्षा को लेकर दिए गए आदेशों की पालना न करने बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है विभाग मूकदर्शक बना फिर रहा है. मंच ने आरोप लगाया कि शिक्षा निदेशक जवाब दे कि उनकी क्या सांठ गांठ निजी स्कूलों के साथ चल रही है या उन पर किसका दवाब है जो कोई भी कार्रवाई इन स्कूलों पर नहीं कि जा रही है.

शिमला: राजधानी में सोमवार को हुए स्कूल बस हादसे से स्कूली बच्चों की मौत से गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया. मंच के सदस्यों ने उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा निदेशक को पद से हटाने की मांग की.

रोष प्रर्दशन के दौरान छात्र अभिभावक मंच का आक्रोश इतना ज्यादा था कि उन्हें मनाने और चुप करवाने के लिए शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी प्रयास करते रहे, लेकिन मंच के सदस्य नहीं माने और निदेशक से मिलने की मांग पर अड़े रहे. सदस्यों की मांग पर कुछ लोगों को निदेशक से मिलने के लिए कार्यालय में जाने की इजाजद दी गई. इस दैरान मंच के सदस्यों ने भी निदेशक के कार्यालय में जाने का प्रयास किया, जिसके चलते सुरक्षा गार्ड और मंच के सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.

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मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए. इस दौरान अभिभावकों की संयुक्त निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ बहसबाजी हो गई. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मंच पिछले दो वर्षों से निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली के विषय उठा रहा है और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

मंच ने शिक्षा निदेशक से जवाब निजी स्कूलों को अपनी बसें लेने के साथ ही हाईकोर्ट के छात्रों की सुरक्षा को लेकर दिए गए आदेशों की पालना न करने बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है विभाग मूकदर्शक बना फिर रहा है. मंच ने आरोप लगाया कि शिक्षा निदेशक जवाब दे कि उनकी क्या सांठ गांठ निजी स्कूलों के साथ चल रही है या उन पर किसका दवाब है जो कोई भी कार्रवाई इन स्कूलों पर नहीं कि जा रही है.

Intro:शिमला में स्कूल बस हादसे से स्कूली बच्चों की मौत से गुस्साए छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। मंच के सदस्यों ने उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की ओर निदेशक को पद से हटाने की मांग की। छात्र अभिभावक मंच का आक्रोश इतना अधिक था कि उन्हें मनाने ओर चुप करवाने के लिए शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी प्रयास करते रहे लेकिन मंच के सदस्य नहीं माने ओर निदेशक से मिलने की मांग पर अड़े रहे,जिसपर मात्र कुछ एक लोगों को ही निदेशक से मिलने के लिए अंदर कार्यालय में बुलाया गया। इस दैरान मंच के सदस्यों ने भी निदेशक के कार्यालय में जाने का प्रयास किया। इस दौरान धक्का मुक्की भी सुरक्षा गार्ड ओर मंच के सदस्यों के बीच हुई। निदेशक कार्यालय में भी अभिभावकों ने जमकर नारेबाजी की।


Body:मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशक से मिलकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल किए। अभिभावकों की अपनी बच्चों को लेकर चिंता ही थी कि उच्च शिक्षा निदेशक के साथ ही संयुक्त निदेशकों ओर अन्य अधिकारियों से भी अभिभावकों को जोरदार बहसबाजी हो गई। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मंच पिछले दो वर्षों से निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली के विषय उठा रहा है ओर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है,लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई इन स्कूलों पर नहीं हो रही हैं। मंच ने शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा की निजी स्कूलों को अपनी बसें लेने के साथ ही हाई कोर्ट के छात्रों की सुरक्षा को लेकर दिए गए आदेशों की पालना कियूं नहीं करवाई जा रही है। बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है विभाग मूकदर्शक बना फिर रहा है। मंच ने आरोप लगाया कि शिक्षा निदेशक जवाब दे कि उनकी क्या सांठ गांठ निजी स्कूलों के साथ चल रही है या उन पर किसका दवाब है जो कोई भी कार्रवाई इन स्कूलों पर नहीं कि जा रही है।




Conclusion:मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निदेशक ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों को दो दिनों अंदर पूरा कर दिया जाएगा,जिसमें सभी निजी स्कूलों को दो दिनों के भीतर अपनी निजी बसें में चलाने के साथ ही पीटीए गठन के लिए स्कूल के प्रधानाचार्यों ओर हेडमास्टरों की लिस्ट जारी करेगा जो इस प्रक्रिया को पूरा करवाएंगे। इसके साथ ही निजी स्कूलों को फीस कम करने के लिए विभाग कोई समय नहीं देगा और उन्हें तुरंत फीस कम करने के निर्देश दिए जायेंगे। अगर यह मांगे दो दिन के अंदर पूरी नहीं होती तो मंच अपना आंदोलन जारी रखेगा। वहीं शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने हादसे पर गहरा दुःख जताया और कहा कि निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए जाएंगे कि वह अपनी निजी बसें चलाए ओर इसके साथ ही एचआरटीसी की जो बसें छात्रों को स्कूल पहुंचा रही है उनका निरीक्षण करने के निर्देश भी आरटीओ को दिए जाएंगे।
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