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छात्रवृति घोटाला: बैंक अधिकारियों के खिलाफ CBI ने की विभागीय कार्रवाई की सिफारिश

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Published : Jan 11, 2021, 12:53 PM IST

हिमचल प्रदेश में 265 करोड़ की छात्रवृति घोटाले में सीबीआई जांच में तेजी ला रही है. छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े के.सी. इंस्टीट्यूट ऑफ नवांशहर में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले के मामले में सीबीआई ने बैंक के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है.

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छात्रवृति घोटाला में CBI ने की बैंक अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश

शिमलाः हिमचल प्रदेश में 265 करोड़ की छात्रवृति घोटाले में सीबीआई जांच में तेजी ला रही है. हर दिन सीबीआई की नई कार्रवाई सामने आ रही है. बीते दिन मुख्य आरोपी अरविंद राजटा के होम स्टे की नीलामी के बाद अब सीबीआई ने बैंक अधिकारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

विभागीय कार्रवाई की सिफारिश

छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े के.सी. इंस्टीट्यूट ऑफ नवांशहर में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले के मामले में सीबीआई ने बैंक के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि इनके खिलाफ आपराधिक मामला बनाने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं मिल पाएं हैं, लेकिन छानबीन में पता चला है कि इन अधिकारियों ने अपनी दायित्व का निर्वहन नहीं किया.

सीबीआई की चार्जशीट में एस.पी. सिंह आरोपी
गैर कानूनी तरीके से खातों से करोड़ों की छात्रवृत्ति की निकासी हुई. इन अधिकारियों ने अपनी दायित्व का निर्वहन किया होता तो इस घोटाले को होने से रोका जा सकता था. इसे देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ बैंक प्रबंधन को विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है. इस मामले में बैंक के एक कर्मी एस.पी. सिंह को सीबीआई ने चार्जशीट में आरोपी बनाया है.

फर्जी खाते बना हड़पी छात्रवृत्ति

अब तक जांच में पता चला है कि संस्थानों ने विद्यार्थियों के नाम पर फर्जी खाते बनाकर गलत तरीके से वाउचर भरकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली. इसमें ज्यादातर छात्र ऐसे थे, जिन्होंने इन संस्थानों से पढ़ाई ही नहीं की थी. इसमें बैंकों की मिलीभगत भी सामने आई है.

2.38 लाख छात्रों की छात्रवृति गबन
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, जन-जाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृति देती थी. शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षण संसथान के साथ मिलकर साल 2013 से साल 2017 तक 2.38 लाख छात्रों से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृति राशि जारी कर दी.

नियमों को ताक पर रख किया छात्रवृति आवंटन

इसके अलावा 360 छात्रों की छात्रवृति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी. बताया जा रहा है कि 5 हजार 729 छात्रों को छात्रवृति देने में आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया. इस तरह से छात्रवृति आवंटन में निजी शिक्षण संसथान ने सभी नियमों को ताक पर रखा.

शिमलाः हिमचल प्रदेश में 265 करोड़ की छात्रवृति घोटाले में सीबीआई जांच में तेजी ला रही है. हर दिन सीबीआई की नई कार्रवाई सामने आ रही है. बीते दिन मुख्य आरोपी अरविंद राजटा के होम स्टे की नीलामी के बाद अब सीबीआई ने बैंक अधिकारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

विभागीय कार्रवाई की सिफारिश

छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े के.सी. इंस्टीट्यूट ऑफ नवांशहर में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले के मामले में सीबीआई ने बैंक के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि इनके खिलाफ आपराधिक मामला बनाने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं मिल पाएं हैं, लेकिन छानबीन में पता चला है कि इन अधिकारियों ने अपनी दायित्व का निर्वहन नहीं किया.

सीबीआई की चार्जशीट में एस.पी. सिंह आरोपी
गैर कानूनी तरीके से खातों से करोड़ों की छात्रवृत्ति की निकासी हुई. इन अधिकारियों ने अपनी दायित्व का निर्वहन किया होता तो इस घोटाले को होने से रोका जा सकता था. इसे देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ बैंक प्रबंधन को विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है. इस मामले में बैंक के एक कर्मी एस.पी. सिंह को सीबीआई ने चार्जशीट में आरोपी बनाया है.

फर्जी खाते बना हड़पी छात्रवृत्ति

अब तक जांच में पता चला है कि संस्थानों ने विद्यार्थियों के नाम पर फर्जी खाते बनाकर गलत तरीके से वाउचर भरकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली. इसमें ज्यादातर छात्र ऐसे थे, जिन्होंने इन संस्थानों से पढ़ाई ही नहीं की थी. इसमें बैंकों की मिलीभगत भी सामने आई है.

2.38 लाख छात्रों की छात्रवृति गबन
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, जन-जाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृति देती थी. शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षण संसथान के साथ मिलकर साल 2013 से साल 2017 तक 2.38 लाख छात्रों से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृति राशि जारी कर दी.

नियमों को ताक पर रख किया छात्रवृति आवंटन

इसके अलावा 360 छात्रों की छात्रवृति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी. बताया जा रहा है कि 5 हजार 729 छात्रों को छात्रवृति देने में आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया. इस तरह से छात्रवृति आवंटन में निजी शिक्षण संसथान ने सभी नियमों को ताक पर रखा.

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