शिमला: हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज शिमला के कस्तूरबा बाल आश्रम रॉक-वुड में बच्चों को फल और मिठाई बांट कर अपना 46वां जन्मदिन मनाया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह एक्शन मोड में भी नजर आए. उन्होंने आश्रम के कामों के प्रति गंभीर का नाम बरतने के लिए अधिकारियों की क्लास लगा दी. अनिरुद्ध सिंह ने मौके से ही अधिकारियों को फोन किया. कैबिनेट मंत्री का फोन आते ही अधिकारी आनन-फानन में बाल आश्रम पहुंच गए. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सिर्फ सिफारिश से ही आम लोगों के काम नहीं होंगे.
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आश्रम के काम के प्रति गंभीरता बरतना जरूरी है. उन्होंने अधिकारियों को बगीचे की छत को जल्द ठीक करने के निर्देश दिए. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री के सामने ही नाप-नपाई का काम भी शुरू कर दिया. इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने तीन घंटे के अंदर अधिकारियों को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए भी कहा. ऐसे में सवाल यह भी खड़े होते हैं कि आखिर कैबिनेट मंत्री के फोन से पहले ये अधिकारी बाल आश्रम के कामों के प्रति गंभीरता क्यों नहीं बरत रहे थे.
निराश्रित बच्चों का भविष्य संवारने के लिए बनेगी नीति: कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार निराश्रित बच्चों के लिए गंभीरता से काम कर रही है. अधिकारियों को आश्रम के काम में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि बाल आश्रम से निकलने के बाद इन बच्चों का भविष्य कैसे संवारा जाएगा, इस पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसे लेकर बेहद संवेदनशील हैं.
सरकार निराश्रित बच्चों को लेकर रणनीति तैयार करने के बारे में भी विचार कर रही है. जल्द ही इन बच्चों के बारे में पुख्ता नीति तैयार की जाएगी, ताकि 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद इन बच्चों का भविष्य संवर सके. उन्होंने बाल आश्रम में काम कर रहे कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने की मांग को बजट में शामिल करने की भी बात कही है.
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