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'CPS पर बोलने वाली जयराम सरकार ने बोर्डों व निगमों में की थी बड़े स्तर पर नियुक्तियां'

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करने पर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे फिजूलखर्ची करार दिया है. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने इसका पलटवार किया है. (Anirudh Singh and Vikramaditya Singh on Jairam)

Anirudh Singh and Vikramaditya Singh on Jairam.
विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने किया जयराम का पलटवार.
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Published : Jan 9, 2023, 7:46 PM IST

शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर हिमाचल में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. भाजपा इसको फिजूलखर्ची करने दे रही है. पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसको लेकर कांग्रेस को घेरा है. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार इसके बचाव में आ गई है. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप भी गैर-जिम्मेदाराना हैं. (Jairam Thakur statement on 6 CPS in Himachal) (Anirudh Singh and Vikramaditya Singh on Jairam)

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में विभिन्न बोर्डों एवं निगमों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की बड़े स्तर पर नियुक्तियां की गई थीं. उन्होंने कहा कि सभी हारे और नकारे हुए दूसरी पंक्ति के नेताओं को उस समय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर मलाईदार पदों पर सुशोभित किया गया था. अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य में आय के साधनों का सृजन कर और फिजूल खर्च में कटौती कर प्रदेश की खराब और बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाना सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का अधिकार नहीं है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित करने का परामर्श दिया, क्योंकि कांग्रेस एक जिम्मेदार और अनुभवी पार्टी है और राज्य के लोगों के हित और कल्याण में दक्षता से कार्य करना भलीभांति जानती है.

मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं- दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही किया गया है और उचित समय पर कांगड़ा और अन्य जिलों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह प्रतिशोध और भेदभाव की राजनीति का सहारा नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के उद्देश्य से अनेक निर्णय लिए थे. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को धैर्य रखने और राज्य के लोगों के जनादेश का सम्मान करने का परामर्श दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार पर पूरा विश्वास जताया है.

प्रदेश सरकार उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी. कैबिनेट मंत्रियों ने संस्थानों को डिनोटिफाई करने के जयराम ठाकुर के ब्यान पर हैरानी जताते हुए कहा कि अपने कार्यकाल के अंतिम चरणों में प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को डनोटिफाई करने का मामला पूर्व मुख्यमंत्री बार-बार उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह सभी संस्थान बिना किसी दूरगामी सोच और बजट प्रावधानों के बगैर केवल मात्र मतदाताओं को लुभाने के लिए खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी संस्थानों को बंद करने और इन सभी की समीक्षा करने का निर्णय लिया है. निर्धारित मापदंडों एवं लोगों की आवश्यकतानुसार ही, अगर आवश्यकता होगी, प्रदेश सरकार उचित बजट प्रावधान कर इन्हें पुनः खोलने पर निर्णय लेगी.

सुक्खू सरकार को 75 हजार करोड़ का ऋण सौगात में मिला- दोनों मंत्रियों ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण वर्तमान प्रदेश सरकार को 75,000 करोड़ रुपये का ऋण सौगात में मिला है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, पूर्व भाजपा सरकार ने लगभग 5000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारियां भी छोड़ी हैं और ऐसे में भाजपा नेताओं को प्रदेश सरकार के निर्णयों पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

उप-चुनावों में हारने के बाद किए थे पेट्रोल डीजल के रेट कम- उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बिना सोचे- समझे किए गए गैर-जरूरी व अनुत्पादक खर्चों के कारण ही वर्तमान प्रदेश सरकार को राज्य में डीजल पर वैट की दरें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है. जयराम सरकार ने उप चुनावों में हारने के बाद ही पेट्रोल और डीजल के रेट कम किए थे.

अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्ष 2021 में मंडी संसदीय और अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनावों में मिली करारी हार के उपरांत ही तत्कालीन प्रदेश सरकार को राज्य में पैट्रोल और डीजल पर सात रुपये की कमी करने की याद आई थी. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार को उस समय यह निर्णय उप-चुनावों में 4-0 की हार से उपजी हताशा एवं डर के कारण ही लेना पड़ा था. (Vikramaditya Singh on Jairam Thakur statement) (Cabinet Minister Anirudh Singh and Vikramaditya) (6 CPS in Himachal) (Anirudh Singh on Jairam Thakur statement)

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में डीजल के रेट पड़ोसी राज्यों से कमः नरेश चौहान

शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर हिमाचल में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. भाजपा इसको फिजूलखर्ची करने दे रही है. पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इसको लेकर कांग्रेस को घेरा है. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार इसके बचाव में आ गई है. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री के आरोप भी गैर-जिम्मेदाराना हैं. (Jairam Thakur statement on 6 CPS in Himachal) (Anirudh Singh and Vikramaditya Singh on Jairam)

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में विभिन्न बोर्डों एवं निगमों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की बड़े स्तर पर नियुक्तियां की गई थीं. उन्होंने कहा कि सभी हारे और नकारे हुए दूसरी पंक्ति के नेताओं को उस समय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर मलाईदार पदों पर सुशोभित किया गया था. अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य में आय के साधनों का सृजन कर और फिजूल खर्च में कटौती कर प्रदेश की खराब और बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाना सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का अधिकार नहीं है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित करने का परामर्श दिया, क्योंकि कांग्रेस एक जिम्मेदार और अनुभवी पार्टी है और राज्य के लोगों के हित और कल्याण में दक्षता से कार्य करना भलीभांति जानती है.

मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं- दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही किया गया है और उचित समय पर कांगड़ा और अन्य जिलों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह प्रतिशोध और भेदभाव की राजनीति का सहारा नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के उद्देश्य से अनेक निर्णय लिए थे. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को धैर्य रखने और राज्य के लोगों के जनादेश का सम्मान करने का परामर्श दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार पर पूरा विश्वास जताया है.

प्रदेश सरकार उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी. कैबिनेट मंत्रियों ने संस्थानों को डिनोटिफाई करने के जयराम ठाकुर के ब्यान पर हैरानी जताते हुए कहा कि अपने कार्यकाल के अंतिम चरणों में प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को डनोटिफाई करने का मामला पूर्व मुख्यमंत्री बार-बार उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह सभी संस्थान बिना किसी दूरगामी सोच और बजट प्रावधानों के बगैर केवल मात्र मतदाताओं को लुभाने के लिए खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी संस्थानों को बंद करने और इन सभी की समीक्षा करने का निर्णय लिया है. निर्धारित मापदंडों एवं लोगों की आवश्यकतानुसार ही, अगर आवश्यकता होगी, प्रदेश सरकार उचित बजट प्रावधान कर इन्हें पुनः खोलने पर निर्णय लेगी.

सुक्खू सरकार को 75 हजार करोड़ का ऋण सौगात में मिला- दोनों मंत्रियों ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण वर्तमान प्रदेश सरकार को 75,000 करोड़ रुपये का ऋण सौगात में मिला है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, पूर्व भाजपा सरकार ने लगभग 5000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारियां भी छोड़ी हैं और ऐसे में भाजपा नेताओं को प्रदेश सरकार के निर्णयों पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

उप-चुनावों में हारने के बाद किए थे पेट्रोल डीजल के रेट कम- उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बिना सोचे- समझे किए गए गैर-जरूरी व अनुत्पादक खर्चों के कारण ही वर्तमान प्रदेश सरकार को राज्य में डीजल पर वैट की दरें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है. जयराम सरकार ने उप चुनावों में हारने के बाद ही पेट्रोल और डीजल के रेट कम किए थे.

अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्ष 2021 में मंडी संसदीय और अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनावों में मिली करारी हार के उपरांत ही तत्कालीन प्रदेश सरकार को राज्य में पैट्रोल और डीजल पर सात रुपये की कमी करने की याद आई थी. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार को उस समय यह निर्णय उप-चुनावों में 4-0 की हार से उपजी हताशा एवं डर के कारण ही लेना पड़ा था. (Vikramaditya Singh on Jairam Thakur statement) (Cabinet Minister Anirudh Singh and Vikramaditya) (6 CPS in Himachal) (Anirudh Singh on Jairam Thakur statement)

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