शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी. इसके साथ ही नशे का कारोबार गैर जमानती अपराध भी हिमाचल में होगा. हिमाचल सरकार ने इस बारे में एक संकल्प प्रस्ताव विधानसभा सदन में लाया, जिसे सदन ने पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया. इस बारे में डिप्टी सीएम मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में संकल्प प्रस्ताव पेश किया था.
केंद्र सरकार को भेजे संकल्प प्रस्ताव में हिमाचल को नशा मुक्त बनाने के लिए ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही गई है. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव में नशे की संलिप्ता को गैर जमानती बनाने की बात है, चाहे पकड़े गए पदार्थ की मात्रा कितनी भी क्यों न हो. इसी तरह संकल्प में नशे के व्यापार में शामिल लोगों को 10 से 20 साल की कैद और कम से कम 5 लाख का जुर्माने का प्रावधान है.
वहीं, नशे की गैंग बनाकर काम करने वालों को उम्र कैद की सजा देने और नशे की तस्करी से अर्जित संपत्ति को जब्त कर उनको उम्रकैद करने का आग्रह किया गया है. संकल्प में केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है कि नशीले पदार्थों के नियंत्रण से संबंधित सभी एजेंसियों के सशक्तिकरण के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एनडीपीएस-1985 में संशोधन किया जाए.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कानूनी कार्रवाई करने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए कमेटियां गठित की गई हैं. इनमें सीएम की अध्यक्षता में कमेटी, एडीजीपी सीआईडी की अध्यक्षता में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और जिलों में डीसी की अध्यक्षता में कमेटियां बनाई गई हैं जो कि नशे पर कड़ी नजर रखेंगी. जागरूकता अभियान और पुनर्वास केंद्र की जांच करने का काम भी कमेटियां करेंगी.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि नशा पीढ़ियों को बर्बाद कर रहा है और प्रदेश सरकार राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए कृत संकल्प है. उन्होंने कहा कि किसी भी नशे के प्रकरण में कोई भी सदस्य किसी भी थाने में पुलिस अफसर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं करेगा. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीते तीन माह में हिमाचल में एनडीपीएस के तहत 530 मामले दर्ज किए गए और इसमें 729 गिरफ्तार किए गए. पुलिस ने 182 केसों में 238 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किए गए हैं.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि नशा दरअसल बाहर विदेशों से आ रहा है. यह केंद्र का विषय है कि वह सीमाओं को सील करें. उन्होंने कहा कि नशे की काराबोर पहले हिमाचल के बार्डर एरिया में होता था, लेकिन अब यह पूरे प्रदेश में फैल गया है. खासकर चिट्टा अब पहा़डों तक पहुंच गया है और इसकी चपेट में छात्र भी आ गए हैं.
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