ETV Bharat / state

शिमला-कालका ट्रैक पर छुक-छुक कर दौड़ा ऐतिहासिक स्टीम इंजन, 7 विदेशी सैलानियों ने 1 लाख 12 हजार में किया 22 KM सफर

बर्फबारी में भी छुक-छुक करता दौड़ा ऐतिहासिक स्टीम इंजन. 1 लाख 12 हजार में ब्रिटिश सैलानियों ने की थी बुकिंग.

स्टीम इंजन में सफर करते विदेशी पर्यटक
author img

By

Published : Feb 27, 2019, 5:56 PM IST

शिमला: रेलवे का 113 साल पुराना स्टीम लोकोमोटिव इंजन केसी 530 बुधवार को बर्फबारी के बीच एक बार फिर शिमला-कालका ट्रैक पर उतारा गया. ब्रिटिश सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक स्टीम इंजन से जोड़े वीआईपी कोच में 22 किलोमीटर का सफर तय किया.

स्टीम इंजन में सफर करते विदेशी पर्यटक

जानकारी के अनुसार, बर्फबारी के बीच सुबह साढ़े नौ बजे के करीब स्टीम इंजन शिमला रेलवे स्टेशन से कैथलीघाट तक चलाया गया. ब्रिटिश सैलानियों ने इस स्टीम इंजन को एक लाख 12 हजार रुपये में बुक करवाया था.
फरवरी महीने में इस स्टीम इंजन को पांच बार शिमला-कालका ट्रैक पर दौड़ाया गया. रेलवे को एक महीने में स्टीम इंजन से करीब छह लाख की आमदनी हुई है. ट्रैवल एजेंट पॉल ने बताया कि फरवरी महीने 22 सैलानियों ने स्टीम इंजन को शिमला से कैथलीघाट तक बुक करवाया था. उन्होंने कहा कि विदेशी सैलानी स्टीम इंजन में सफर करना पसंद करते हैं.

बता दें कि स्टीम इंजन में भाप के पिस्टन के कारण छुक-छुक की आवाज पैदा होती है. वहीं इंजन में लाइट भी स्टीम से ही जलती है. शिमला-कालका रेल लाइन देश की तीसरी लाइन है, जिसे 8 जुलाई 2008 को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया था. इससे पहले दार्जिलिंग और नीलगिरी रेलवे को भी विश्व धरोहर का दर्जा यूनेस्को दे चुका है.

undefined

शिमला: रेलवे का 113 साल पुराना स्टीम लोकोमोटिव इंजन केसी 530 बुधवार को बर्फबारी के बीच एक बार फिर शिमला-कालका ट्रैक पर उतारा गया. ब्रिटिश सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक स्टीम इंजन से जोड़े वीआईपी कोच में 22 किलोमीटर का सफर तय किया.

स्टीम इंजन में सफर करते विदेशी पर्यटक

जानकारी के अनुसार, बर्फबारी के बीच सुबह साढ़े नौ बजे के करीब स्टीम इंजन शिमला रेलवे स्टेशन से कैथलीघाट तक चलाया गया. ब्रिटिश सैलानियों ने इस स्टीम इंजन को एक लाख 12 हजार रुपये में बुक करवाया था.
फरवरी महीने में इस स्टीम इंजन को पांच बार शिमला-कालका ट्रैक पर दौड़ाया गया. रेलवे को एक महीने में स्टीम इंजन से करीब छह लाख की आमदनी हुई है. ट्रैवल एजेंट पॉल ने बताया कि फरवरी महीने 22 सैलानियों ने स्टीम इंजन को शिमला से कैथलीघाट तक बुक करवाया था. उन्होंने कहा कि विदेशी सैलानी स्टीम इंजन में सफर करना पसंद करते हैं.

बता दें कि स्टीम इंजन में भाप के पिस्टन के कारण छुक-छुक की आवाज पैदा होती है. वहीं इंजन में लाइट भी स्टीम से ही जलती है. शिमला-कालका रेल लाइन देश की तीसरी लाइन है, जिसे 8 जुलाई 2008 को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया था. इससे पहले दार्जिलिंग और नीलगिरी रेलवे को भी विश्व धरोहर का दर्जा यूनेस्को दे चुका है.

undefined
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.