शिमला: विधानसभा बजट सत्र के समापन पर विपक्ष ने सरकार को कर्ज न लेने की नसीहत दी है. हिमाचल सरकार हर साल करोड़ों के कर्ज में दब रही है. इस समय हिमाचल पर 49,745 करोड़ का ऋण है.
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश की जयराम सरकार को चुनावी वादा याद दिलाते हुए कहा कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हिमाचल को कर्ज मुक्त करने का हिमाचल की जनता के साथ वादा किया था लेकिन, अब कर्ज कम करने के बजय जयराम सरकार कर्ज उठा रही है. उन्होंने कहा की कर्जे उठाने में सरकार नियंत्रण रखे और फिजूल खर्ची पर अंकुश लगाए.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 15 जनवरी, 2019 तक प्रदेश सरकार ने 1838.75 करोड़ का ऋण लिया है जबकि अपने चुनावी वायदे के मुताबिक सरकार को ऋण कम करने के प्रयास करने चाहिए थे, लेकिन हर साल हिमाचल पर कर्ज बढ़ रहा है. मुकेश ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 44 हजार करोड़ का बजट पेश किया है इस बजट के बाद कर्जे न उठाये हैं और फिजूलखर्ची न करें और ताकि प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाया जा सके.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस काम करने पर विश्वास रखती है. उन्होंने कहा कि ये सत्र छोटा था. विपक्ष ने अपनी भूमिका बखूभी निभाई है और जनहित के मुद्दे सदन में उठाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने समय में पूरा वक्त विरोध करने में गुजार देते थे.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने इस बजट को भी और 2018 के बजट में सरकार ने जो वादा किया था उसको पूरा क्यों नहीं किया गया. सरकार ने पिछले बजट में 30 नई योजनायें चलाई थीं. लेकिन, उस पर अम्ल नहीं किया और अब नई योजनाओं की घोषणा कर दी. नेशनल हाइवे के लिए 65 हजार करोड़ लाने का वादा किया था, लेकिन नहीं मिले और अब दोबारा केन्द्रीय मंत्री से पूछें की क्यों नहीं मिला है.