शिमला: हिमाचल प्रदेश में सियासी वार-पलटवार का दौर चल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को आइना दिखा रहे हैं. एक तरह बीजेपी को युवाओं की याद आई तो उसने रोजगार के वादे याद दिलाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया तो वहीं कांग्रेस ने ओपीएस का आईना दिखाकर बीजेपी को सियासत से ऊपर उठने की नसीहत दे डाली.
दरअसल हिमाचल की कांग्रेस सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है और बीजेपी कांग्रेस को वो चुनावी वादे याद दिला रही है जिसे कांग्रेस ने गारंटियों का नाम दिया था. बीजेपी ने प्रदेश के युवाओं की दुहाई देते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. बीजेपी प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने कहा कि कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन सरकार सिर्फ अखबारी बयानबाजी में मशगूल है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में 18 से 35 साल तक के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा 9 लाख है. ये सिर्फ वे युवा हैं जो प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में रजिस्टर्ड हैं. सुक्खू सरकार सिर्फ युवाओं को गुमराह करने में जुटी है.
"सुक्खू सरकार झूठ के सहारे और केवल अखबारी बयानबाजी कर रही है. ई-टैक्सी के जिस स्टार्टअप की बात मुख्यमंत्री कर रहे हैं उसके लिए जो मूलभूत सुविधाएं या इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए उसकी कोई भी योजना सरकार के पास नहीं है. कांग्रेस सरकार सिर्फ गुमराह करने का काम कर रही है" - महेंद्र धर्माणी, बीजेपी प्रवक्ता
उधर कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए राजनीति ना करने की नसीहत दी है. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने जो वादे किए थे उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. जिनमें से सबसे पहला वादा ओपीएस का था जिसे पूरा कर दिया गया है. कर्मचारियों के हित में ये कदम ना तो बीजेपी की प्रदेश सरकार ने उठाया और ना ही केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन दी.
"ओपीएस जैसा बड़ा कदम सुक्खू सरकार ने उठाया. क्या बीजेपी को ये नजर नहीं आ रहा है. अगर बीजेपी को नहीं दिखता तो लोगों से इसके बारे में पूछे. सरकार बाकी गारंटियों पर भी काम कर रही है. युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने ई-टैक्सी स्टार्टअप जैसी योजना को शुरू किया है. ये सिर्फ बीजेपी की बौखलाहट है और सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं"- नरेश चौहान, सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार
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