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'बेनामी पत्र किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम आ सकते हैं... तो क्या सब ही इस्तीफा दे देंगे'

वायरल लेटर के बारे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि बेनामी पत्र किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आ सकते हैं, तो क्या सब ही इस्तीफा दे देंगे

सतपाल सत्ती ने लेटर बम्ब को लेकर किया मुख्यमंत्री समर्थन
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Published : Sep 17, 2019, 12:06 AM IST

शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने लेटर बम को लेकर कहा कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इस तरह की चिट्ठियां लिखने वालों को पुलिस ढूंढ निकालेगी. उनके पास चिट्ठी को लेकर कोई तथ्य हैं तो उचित कार्रवाई जाएगी. इस प्रकार के पत्रों से सनसनी फैलाने का प्रयास किया जाता है. अगर पत्र में सच्चाई है तो व्यक्ति सामने आए और सरकार उस व्यक्ति का पूरा सहयोग करेगी.

उन्होंने कहा कि समाज के अंदर अनेकों बार ऐसी बातें उठती है कभी नेताओं के प्रति, कभी अधिकारियों के प्रति और कभी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति. विधानसभा में भी ऐसे बेनामी पत्रों को लेकर अनेकों बार चर्चा हुई है. किसी भी व्यक्ति के पास अगर तथ्य है तो सरकार उस पर जांच करवाने को तैयार है.

सत्ती ने कहा कि 1998 में प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री रहते प्रवीण शर्मा के खिलाफ बेनामी पत्र आए थे. उस दौरान प्रवीण शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था पर उनका इस्तीफा नहीं लिया गया था. ऐसे बेनामी पत्र किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आ सकते हैं, तो क्या सब ही इस्तीफा दे देंगे, जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तब उनके मंत्री जीएस बाली के खिलाफ भी बेनामी पत्र आए थे, तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इस्तीफा मंजूर नहीं किया था , बेनामी पत्रों को लेकर कोई भी संज्ञान आज तक नहीं लिया गया है.

शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने लेटर बम को लेकर कहा कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इस तरह की चिट्ठियां लिखने वालों को पुलिस ढूंढ निकालेगी. उनके पास चिट्ठी को लेकर कोई तथ्य हैं तो उचित कार्रवाई जाएगी. इस प्रकार के पत्रों से सनसनी फैलाने का प्रयास किया जाता है. अगर पत्र में सच्चाई है तो व्यक्ति सामने आए और सरकार उस व्यक्ति का पूरा सहयोग करेगी.

उन्होंने कहा कि समाज के अंदर अनेकों बार ऐसी बातें उठती है कभी नेताओं के प्रति, कभी अधिकारियों के प्रति और कभी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति. विधानसभा में भी ऐसे बेनामी पत्रों को लेकर अनेकों बार चर्चा हुई है. किसी भी व्यक्ति के पास अगर तथ्य है तो सरकार उस पर जांच करवाने को तैयार है.

सत्ती ने कहा कि 1998 में प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री रहते प्रवीण शर्मा के खिलाफ बेनामी पत्र आए थे. उस दौरान प्रवीण शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था पर उनका इस्तीफा नहीं लिया गया था. ऐसे बेनामी पत्र किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आ सकते हैं, तो क्या सब ही इस्तीफा दे देंगे, जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तब उनके मंत्री जीएस बाली के खिलाफ भी बेनामी पत्र आए थे, तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इस्तीफा मंजूर नहीं किया था , बेनामी पत्रों को लेकर कोई भी संज्ञान आज तक नहीं लिया गया है.

Intro:Body:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने लेटर बम्ब को लेकर कहा कि आदरणीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने जो निर्णय लिया है उसे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा, जो लोग इस तरह की चिट्टियां लिखा करते हैं उनको पुलिस द्वारा ढूंढा जाएगा और उनसे बातचीत की जाएगी अगर उनके पास चिट्ठी को लेकर तथ्य है तो उचित कार्यवाही की जाएगी अपितु चिट्ठी के जारीकर्ता पर उचित कार्रवाई की जाएगी । इस प्रकार के पत्रों से सनसनी फैलाने का प्रयास किया जाता है और अगर पत्र में सच्चाई है तो व्यक्ति सामने आए तो सरकार उस व्यक्ति का पूरा सहयोग करेगी ।
उन्होंने कहा कि समाज के अंदर अनेकों बार ऐसी बातें उठती है कभी नेताओं के प्रति , अधिकारियों के प्रति और कभी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति। विधानसभा में भी ऐसे बेनामी पत्रों को लेकर अनेकों बार चर्चा हुई है और इन पत्रों को लेकर निर्णय भी लिए गए हैं । किसी भी व्यक्ति के पास अगर तथ्य है तो सरकार उस पर इंक्वायरी करने को तैयार है । मुकेश अग्निहोत्री को लेकर भी शिमला में बेनामी पत्र बाटे थे, 1998 में जब प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे तब भी उनके मंत्री प्रवीण शर्मा के प्रति बेनामी पत्र आए थे तब तो प्रवीण शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था पर उनका इस्तीफा नहीं लिया गया ऐसे तो बेनामी पत्र किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आ सकते हैं तो क्या सब ही इस्तीफा दे देंगे, जब वीरभद्र सिंह जी भी मुख्यमंत्री थे तब उनके मंत्री जीएस बाली के खिलाफ भी बेनामी पत्र आए थे तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इस्तीफा मंजूर नहीं किया था , बिनानी पत्रों को लेकर कोई भी संज्ञान आज तक नहीं लिया गया है ।Conclusion:
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