शिमला: हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने इस्तीफे की पेशकश की है. सुरेश कश्यप ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर पद छोड़ने की इच्छा जताई है. अभी उनके इस्तीफे को स्वीकार करने को लेकर फैसला नहीं हुआ है, चूंकि कश्यप का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया और वे अगला लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते हैं, लिहाजा उन्होंने पद से मुक्त होने की इच्छा जताई है.
सुरेश कश्यप के त्यागपत्र पर फैसला जल्द: पार्टी के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सुरेश कश्यप के त्यागपत्र पर फैसला लिया जाएगा. कार्यकाल पूरा होने पर अभी कुछ राज्यों के पार्टी मुखिया और भी तय होने हैं. ऐसे में सुरेश कश्यप को लेकर भी उनके साथ ही फैसला हो जाएगा. अब भाजपा को नगर निगम शिमला के चुनाव के दौरान नया मुखिया मिल सकता है.
नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ये नाम शामिल: पार्टी के नए मुखिया की दौड़ में पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, विधायक रणधीर शर्मा, विधायक विपिन परमार व राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी के नाम की भी चर्चा है.फिलहाल, सुरेश कश्यप की बात करें तो वे दिल्ली में हैं. दिल्ली में उनकी जेपी नड्डा से मुलाकात हुई और उन्होंने पद से मुक्त किए जाने की मांग की. पार्टी के एक धड़े का मानना था कि नगर निगम चुनाव तक सुरेश कश्यप को अध्यक्ष बनाए रखा जाए. वहीं, सुरेश कश्यप 2024 का चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं. इस चुनाव की तैयारी के लिए उन्हें समय चाहिए.
सांसद सुरेश कश्यप तबीयत खराब: नगर निगम चुनाव में व्यस्त होने के कारण वे अपने लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय नहीं हो पा रहे थे. ऐसे में उन्हें पद से मुक्त होना ही सही लग रहा था. दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद सांसद सुरेश कश्यप तबीयत भी कुछ खराब सी हो गई थी. इसके लिए वे रूटीन के चेकअप के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे. वहीं, बता दें कि पीटीआई ने भी शिमला नगर निगम चुनाव से पहले सुरेश कश्यप के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा सौंपने की बात सूत्रों के हवाले से कही है. पीटीआई के मुताबिक भाजपा पदाधिकारियों के अनुसार सुरेश कश्यप ने व्यक्तिगत कारणों के चलते इस्तीफा देने की बात कही है.
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