ETV Bharat / state

Geological Survey in Himachal: बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात, सांसद सुरेश कश्यप ने उठाई हिमाचल में जियोलॉजिकल सर्वे की मांग

हिमाचल में भूगर्भीय सर्वेक्षण की मांग उठाई गई है. शनिवार को शिमला से सांसद सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने जियोलॉजिकल सर्वे करवाने को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा है. पढ़ें पूरी खबर.. (Geological Survey in Himachal) ( BJP mp suresh kashyap Met Governor)

suresh kashyap submitted Memorandum to Governor  BJP mp suresh kashyap Met Governor Geological Survey in Himachal
जियोलॉजिकल सर्वे को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 2, 2023, 8:24 PM IST

हिमाचल में जियोलॉजिकल सर्वे की मांग

शिमला: हिमाचल प्रदेश में जियोलॉजिकल सर्वे करवाने को लेकर भाजपा ने शनिवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, हिमाचल में आई आपदा से भारी नुक्सान हुआ है और कई हिस्सों में जमीन धंसने की घटनाएं सामने आ रही है. वहीं, जियोलॉजिकल सर्वे करवाने को लेकर भाजपा के शिमला से सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर सर्वेक्षण करवाने का आग्रह किया है.

दरअसल, सुरेश कश्यप ने बताया की हमने एक ज्ञापन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को सौंपा है. जिसमें कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण बड़ी आपदा आई है, जिसके कारण प्रदेश में भारी जान-माल की क्षति हुई है. सुरेश कश्यप ने कहा कि संसदीय क्षेत्र (शिमला) भी इससे अछूता नहीं है. जिसके कारण लोग अपना घर-गांव छोड़कर शरणार्थियों की तरह जीवन जीने के लिए विवश हैं. शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत बड़ी संख्या में सड़कें ठप्प है और सड़कें गिरने के कगार पर है. इनको जल्द से जल्द ठीक करने के दिशा-निर्देश पी.डब्ल्यू.डी. महकमे को देने चाहिए ताकि आम जनजीवन पटरी पर लौट सके.

'अन्य विधान सभा क्षेत्रों में भी छुट-पुट नुकसान हुआ है. इस आपदा में कई लोगों की जमीन पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उनकी आमदनी के स्त्रोत भी पूरी तरह खत्म हो गए हैं. मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी तादाद में आर्थिक सहायता देनी चाहिए.' :- सुरेश कश्यप, सांसद, शिमला

हिमाचल प्रदेश और शिमला संसदीय क्षेत्र के क्षतिग्रस्त इलाकों का जियोलॉजिकल सर्वे करवाना जरूरी है, इससे स्पष्ट हो जाएगा कि किस क्षेत्र में वहां की भूमि रहने लायक है, अथवा नहीं. जिन लोगों की भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है, उनको भूमि के बदले दूसरे स्थान पर भूमि आवंटित की जाए. वहीं, जिनकी भूमि पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, उन्हें कम से कम 05 बिस्वा भूमि गृह निर्माण हेतु दी जाए. दून, नालागड़, रेणुका, नाहन, पांवटा साहिब, चौपाल, कसौली, कोटखाई, रोहडू और ठियोग में ज्यादा क्षति हुई है. जहां लोगों के मकान / गौ शालाओं को भारी नुकसान हुआ है, वहां सर्वेक्षण करवा कर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए.

ये भी पढ़ें: Jagat Singh Negi on China: 'PM मोदी की बात झूठ साबित हुई, भारत की जमीन पर चीन का कब्जा, गूगल में दिखेंगी बंकर और सड़कें'

हिमाचल में जियोलॉजिकल सर्वे की मांग

शिमला: हिमाचल प्रदेश में जियोलॉजिकल सर्वे करवाने को लेकर भाजपा ने शनिवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, हिमाचल में आई आपदा से भारी नुक्सान हुआ है और कई हिस्सों में जमीन धंसने की घटनाएं सामने आ रही है. वहीं, जियोलॉजिकल सर्वे करवाने को लेकर भाजपा के शिमला से सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर सर्वेक्षण करवाने का आग्रह किया है.

दरअसल, सुरेश कश्यप ने बताया की हमने एक ज्ञापन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को सौंपा है. जिसमें कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण बड़ी आपदा आई है, जिसके कारण प्रदेश में भारी जान-माल की क्षति हुई है. सुरेश कश्यप ने कहा कि संसदीय क्षेत्र (शिमला) भी इससे अछूता नहीं है. जिसके कारण लोग अपना घर-गांव छोड़कर शरणार्थियों की तरह जीवन जीने के लिए विवश हैं. शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत बड़ी संख्या में सड़कें ठप्प है और सड़कें गिरने के कगार पर है. इनको जल्द से जल्द ठीक करने के दिशा-निर्देश पी.डब्ल्यू.डी. महकमे को देने चाहिए ताकि आम जनजीवन पटरी पर लौट सके.

'अन्य विधान सभा क्षेत्रों में भी छुट-पुट नुकसान हुआ है. इस आपदा में कई लोगों की जमीन पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उनकी आमदनी के स्त्रोत भी पूरी तरह खत्म हो गए हैं. मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी तादाद में आर्थिक सहायता देनी चाहिए.' :- सुरेश कश्यप, सांसद, शिमला

हिमाचल प्रदेश और शिमला संसदीय क्षेत्र के क्षतिग्रस्त इलाकों का जियोलॉजिकल सर्वे करवाना जरूरी है, इससे स्पष्ट हो जाएगा कि किस क्षेत्र में वहां की भूमि रहने लायक है, अथवा नहीं. जिन लोगों की भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है, उनको भूमि के बदले दूसरे स्थान पर भूमि आवंटित की जाए. वहीं, जिनकी भूमि पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, उन्हें कम से कम 05 बिस्वा भूमि गृह निर्माण हेतु दी जाए. दून, नालागड़, रेणुका, नाहन, पांवटा साहिब, चौपाल, कसौली, कोटखाई, रोहडू और ठियोग में ज्यादा क्षति हुई है. जहां लोगों के मकान / गौ शालाओं को भारी नुकसान हुआ है, वहां सर्वेक्षण करवा कर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए.

ये भी पढ़ें: Jagat Singh Negi on China: 'PM मोदी की बात झूठ साबित हुई, भारत की जमीन पर चीन का कब्जा, गूगल में दिखेंगी बंकर और सड़कें'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.