शिमलाः हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव का दौर चल रहा है. साथ में सियासी शोर भी मचा हुआ है. हर चुनावी चरण के साथ सियासतदानों के वार-पलटवार की नई किश्त भी सामने आ रही है. दरअसल पहले शहरी निकाय और फिर पंचायत चुनाव के पहले चरण के नतीजों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमासान मचा है.
दोनों का अपनी-अपनी जीत का दावा
चुनाव भले सिंबल पर न हुआ हो लेकिन, दावा अपनी-अपनी जीत का हो रहा है. शहरी निकाय की तरफ पंचायत चुनाव के पहले चरण में जीत का राग बीजेपी ने पहले गाया. बीजेपी ने जीत का राग छेड़ा तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उनके दावे को झूठा बताकर अपनी जीत का दावा ठोक दिया.
उम्मीदवार को अपने पाले में लाने को बीजेपी भिड़ा रही तिकड़मः कांग्रेस
कांग्रेस का आरोप है कि शहरी निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तक कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीत रहे हैं और बीजेपी उन्हें अपने पाले में करने के लिए पैसे से लेकर ताकत तक हर तिकड़म भिड़ा रही है. शहरी निकाय के नतीजों के बाद भी हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयराम सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई थी. पंचायत चुनाव के पहले चरण के बाद भी यह दौर जारी है.
नतीजे आने के बाद बीजेपी थपथपा रही अपना पीठ
दरअसल बीजेपी चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में बताकर अपने संगठन और सरकार की पीठ थपथपा रही है. हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष सुरेश कश्यप का दावा है कि आगे भी पार्टी के जीत के पथ पर बढ़ती रहेगी. उधर, कांग्रेस पंचायत चुनाव के नतीजों अपने पक्ष में बताकर अगले चरणों में भी जीत का दावा कर रही है. खासकर एक चुनावी नतीजे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष बीजेपी के दावों पर चुटकी ले रहे हैं.
हर मोर्चे पर फेल सरकारः कांग्रेस
बीजेपी अपनी सरकार के काम पर जीत का दावा कर रही है और कांग्रेस भ्रष्टाचार से लेकर महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना काल समेत हर मोर्चे पर सरकार को फेल बता रही है. दरअसल आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर भले मौजूदा चुनावी नतीजों को लेकर हो लेकिन, यह सियासी उबाल अगले साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर है. इन चुनावों में प्रदेश की बड़ी आबादी वोट डाल रही है. चुनाव भले सिंबल पर न हो लेकिन जनता की वोट की चोट किसपर पड़ी सब जानते हैं.
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