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गारंटियों को लेकर भाजपा आक्रामक, लोकसभा चुनाव में सुखविंदर सरकार के लिए सिरदर्द बनेंगे कांग्रेस के वादे

Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. ऐसे में हिमाचल में कांग्रेस की गारंटियां प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनती दिख रही है. बता दें कि हिमाचल भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए चार जीरो का लक्ष्य तय किया हुआ है. भाजपा का दावा है कि जनता का सुक्खू सरकार से मोह भंग हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh government
गारंटियों को लेकर भाजपा आक्रामक
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 9:33 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस की गारंटियों पर विपक्ष ने जिस आक्रामक तरीके से सुखविंदर सरकार को घेरा है, उससे भाजपा की लोकसभा चुनाव की रणनीति का संकेत मिलता है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पूर्व दस गारंटियां दी थीं. कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन ओपीएस बहाली के अलावा अन्य कोई गारंटी अंजाम तक नहीं पहुंची है. लोकसभा चुनाव सिर पर आ रहे हैं और ऐसे में ये गारंटियां कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकती हैं. हिमाचल भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए चार जीरो का लक्ष्य तय किया हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में हिमाचल दौरे में भाजपा कार्यकर्ताओं को चारों सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए कहा है. प्रदेश भाजपा का दावा है कि एक ही साल में जनता का सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से मोह भंग हो रहा है.

दिलचस्प बात ये है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जिस अंदाज में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को गारंटियों के मुद्दे पर घेरा है, उसने जनता का ध्यान आकर्षित किया है. भाजपा के विधायक पहले दिन दस गारंटियों वाले लिखित कास्ट्यूम के साथ विरोध प्रदर्शन करने आए. अगले दिन भाजपा ने गोबर की टोकरियां लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सत्ता में आने पर पशुपालकों से दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा. उसके बाद भाजपा विधायकों ने दूध खरीद गारंटी पर सरकार को घेरा. भाजपा सदस्य दूध भरी गगरियां व खाली बाल्टियां लेकर सदन के बाहर पहुंचे. ग्वालों का वेश बनाकर आए भाजपा विधायकों ने सिर पर गमछा लपेटा हुआ था.

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दूध की बाल्टियां लेकर विपक्ष का विरोध प्रदर्शन.

ये भी पढ़ें- HP Assembly Winter Session: बेरोजगारी के मुद्दे पर नारेबाजी कर विपक्ष ने किया वॉकआउट

विपक्ष के सदस्य सरकार को चुनाव पूर्व दूध खरीद की गारंटी याद दिला रहे थे. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने भैंस का दूध सौ रुपए प्रति लीटर व गाय का दूध अस्सी रुपए प्रति लीटर खरीदने की गारंटी दी थी. इस गारंटी पर अभी काम नहीं हुआ है. इसी तरह गोबर खरीद की गारंटी भी अधूरी है. फिर बात आती है पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों की. सोलन की चुनावी रैली में प्रियंका वाड्रा ने ये वादा किया था कि सत्ता में आते ही पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान किया जाएगा. ये गारंटी भी अधूरी है. इस अधूरी गारंटी को लेकर भाजपा विधायकों ने सेशन के चौथे दिन प्रदर्शन किया. अब भाजपा विधायक महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने के वादे पर सरकार को घेरेंगे.

लोकसभा चुनाव में जवाब देना आसान नहीं होगा कांग्रेस को: हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं. कांगड़ा, हमीरपुर व शिमला सीट इस समय भाजपा के पास है. मंडी सीट से कांग्रेस की प्रतिभा सिंह सांसद हैं. आने वाले समय में भाजपा ने अपना लक्ष्य चारों सीटों पर जीत का तय किया है. चुनाव का मुख्य मुद्दा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 2014 से लेकर अब तक के काम और हिमाचल में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल रहेगा. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी भाजपा का फोकस गारंटियों को लेकर रहेगा. प्रदेश में जिस तरह के आर्थिक हालात हैं, उन्हें देखते हुए ये नहीं लगता कि कांग्रेस महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह का वादा पूरा कर पाएगी.

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बेरोजगारी के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन

कारण ये है कि इसके लिए सालाना 300 करोड़ रुपए से अधिक की रकम चाहिए. कांग्रेस सरकार ने इसका जो तोड़ निकाला है, उसे भी जनता स्वीकार करने वाली नहीं है. कांग्रेस ने वादा तो ये किया था कि 18 साल से लेकर 60 साल की आयु वर्ग वाली महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाएंगे. इस गारंटी को लेकर भाजपा ने सीपीएस सुंदर ठाकुर के उस बयान को हथियार बनाया है, जिसमें वे कुल्लवी बोली में कह रहे हैं कि परिवार में एक महिला होगी तो 1500 रुपए, दो होंगी तो तीन हजार, तीन होंगी तो 4500 रुपए और चार महिलाएं होंगी तो 6000 रुपए प्रति माह मिलेंगे. इसी तरह सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का पुराना बयान भी है, जिसमें वे कह रहे हैं कि एक महिला को साल भर में 18000 रुपए मिलेंगे. ऐसे में कांग्रेस को अपनी गारंटियों पर जवाब देना मुश्किल होगा.

भाजपा का तर्क, सिर्फ कर्मचारी ही नहीं वोटर: कांग्रेस सरकार ने ओपीएस की बहाली का अपना वादा पूरा किया है, लेकिन इसे लेकर भी भाजपा के अपने तर्क हैं. भाजपा का कहना है कि अकेले कर्मचारी ही वोटर नहीं हैं. हिमाचल में महिलाएं, युवा, किसान व बागवानों के अपने मुद्दे हैं. कांग्रेस ने वादा किया था एक साल में एक लाख रोजगार का, लेकिन अभी तक चयन आयोग को ही बहाल नहीं कर पाई है. इसी तरह 300 यूनिट फ्री बिजली, बागवान सेब का रेट खुद तय करेंगे, जैसी गारंटी अधूरी है. केवल ओपीएस बहाली के सहारे कांग्रेस जनता को बहला नहीं सकती है.

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भाजपा मुखिया डॉ. राजीव बिंदल के अनुसार कांग्रेस की गारंटियां झूठ का पुलिंदा साबित हुई हैं. युवाओं को रोजगार देने की बजाय सरकार ने अपने करीबी नेताओं को कैबिनेट रैंक बांटे हैं. जनता में सरकार के प्रति नाराजगी है और वोटर्स कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में आइना दिखाएंगे. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि उनकी सरकार ने तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं. बाकी गारंटियां भी चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी. वरिष्ठ मीडिया कर्मी नवनीत शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव कांग्रेस की गारंटियां कसौटी पर कसी जाएंगी. जनता अपने हिसाब से गारंटियों का आकलन करेगी. वैसे तो लोकसभा चुनाव के मुद्दे बहुत से हो सकते हैं, लेकिन हिमाचल में जनता विधानसभा चुनाव पूर्व कांग्रेस की गारंटियों को कसौटी पर कसेगी. खासकर महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए देने और दूध खरीद की गारंटी पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रचार के दौरान जवाब देना कठिन होगा.

ये भी पढ़ें- संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने से नाराज बजरंग पुनिया ने लौटाया पद्म श्री, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, कहा- अब इस सम्मान से घिन आती है

शिमला: हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस की गारंटियों पर विपक्ष ने जिस आक्रामक तरीके से सुखविंदर सरकार को घेरा है, उससे भाजपा की लोकसभा चुनाव की रणनीति का संकेत मिलता है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पूर्व दस गारंटियां दी थीं. कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन ओपीएस बहाली के अलावा अन्य कोई गारंटी अंजाम तक नहीं पहुंची है. लोकसभा चुनाव सिर पर आ रहे हैं और ऐसे में ये गारंटियां कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकती हैं. हिमाचल भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए चार जीरो का लक्ष्य तय किया हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में हिमाचल दौरे में भाजपा कार्यकर्ताओं को चारों सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए कहा है. प्रदेश भाजपा का दावा है कि एक ही साल में जनता का सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से मोह भंग हो रहा है.

दिलचस्प बात ये है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जिस अंदाज में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को गारंटियों के मुद्दे पर घेरा है, उसने जनता का ध्यान आकर्षित किया है. भाजपा के विधायक पहले दिन दस गारंटियों वाले लिखित कास्ट्यूम के साथ विरोध प्रदर्शन करने आए. अगले दिन भाजपा ने गोबर की टोकरियां लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सत्ता में आने पर पशुपालकों से दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा. उसके बाद भाजपा विधायकों ने दूध खरीद गारंटी पर सरकार को घेरा. भाजपा सदस्य दूध भरी गगरियां व खाली बाल्टियां लेकर सदन के बाहर पहुंचे. ग्वालों का वेश बनाकर आए भाजपा विधायकों ने सिर पर गमछा लपेटा हुआ था.

Himachal Pradesh government
दूध की बाल्टियां लेकर विपक्ष का विरोध प्रदर्शन.

ये भी पढ़ें- HP Assembly Winter Session: बेरोजगारी के मुद्दे पर नारेबाजी कर विपक्ष ने किया वॉकआउट

विपक्ष के सदस्य सरकार को चुनाव पूर्व दूध खरीद की गारंटी याद दिला रहे थे. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने भैंस का दूध सौ रुपए प्रति लीटर व गाय का दूध अस्सी रुपए प्रति लीटर खरीदने की गारंटी दी थी. इस गारंटी पर अभी काम नहीं हुआ है. इसी तरह गोबर खरीद की गारंटी भी अधूरी है. फिर बात आती है पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों की. सोलन की चुनावी रैली में प्रियंका वाड्रा ने ये वादा किया था कि सत्ता में आते ही पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान किया जाएगा. ये गारंटी भी अधूरी है. इस अधूरी गारंटी को लेकर भाजपा विधायकों ने सेशन के चौथे दिन प्रदर्शन किया. अब भाजपा विधायक महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने के वादे पर सरकार को घेरेंगे.

लोकसभा चुनाव में जवाब देना आसान नहीं होगा कांग्रेस को: हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं. कांगड़ा, हमीरपुर व शिमला सीट इस समय भाजपा के पास है. मंडी सीट से कांग्रेस की प्रतिभा सिंह सांसद हैं. आने वाले समय में भाजपा ने अपना लक्ष्य चारों सीटों पर जीत का तय किया है. चुनाव का मुख्य मुद्दा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 2014 से लेकर अब तक के काम और हिमाचल में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल रहेगा. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी भाजपा का फोकस गारंटियों को लेकर रहेगा. प्रदेश में जिस तरह के आर्थिक हालात हैं, उन्हें देखते हुए ये नहीं लगता कि कांग्रेस महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह का वादा पूरा कर पाएगी.

Himachal Pradesh government
बेरोजगारी के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन

कारण ये है कि इसके लिए सालाना 300 करोड़ रुपए से अधिक की रकम चाहिए. कांग्रेस सरकार ने इसका जो तोड़ निकाला है, उसे भी जनता स्वीकार करने वाली नहीं है. कांग्रेस ने वादा तो ये किया था कि 18 साल से लेकर 60 साल की आयु वर्ग वाली महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाएंगे. इस गारंटी को लेकर भाजपा ने सीपीएस सुंदर ठाकुर के उस बयान को हथियार बनाया है, जिसमें वे कुल्लवी बोली में कह रहे हैं कि परिवार में एक महिला होगी तो 1500 रुपए, दो होंगी तो तीन हजार, तीन होंगी तो 4500 रुपए और चार महिलाएं होंगी तो 6000 रुपए प्रति माह मिलेंगे. इसी तरह सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का पुराना बयान भी है, जिसमें वे कह रहे हैं कि एक महिला को साल भर में 18000 रुपए मिलेंगे. ऐसे में कांग्रेस को अपनी गारंटियों पर जवाब देना मुश्किल होगा.

भाजपा का तर्क, सिर्फ कर्मचारी ही नहीं वोटर: कांग्रेस सरकार ने ओपीएस की बहाली का अपना वादा पूरा किया है, लेकिन इसे लेकर भी भाजपा के अपने तर्क हैं. भाजपा का कहना है कि अकेले कर्मचारी ही वोटर नहीं हैं. हिमाचल में महिलाएं, युवा, किसान व बागवानों के अपने मुद्दे हैं. कांग्रेस ने वादा किया था एक साल में एक लाख रोजगार का, लेकिन अभी तक चयन आयोग को ही बहाल नहीं कर पाई है. इसी तरह 300 यूनिट फ्री बिजली, बागवान सेब का रेट खुद तय करेंगे, जैसी गारंटी अधूरी है. केवल ओपीएस बहाली के सहारे कांग्रेस जनता को बहला नहीं सकती है.

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भाजपा मुखिया डॉ. राजीव बिंदल के अनुसार कांग्रेस की गारंटियां झूठ का पुलिंदा साबित हुई हैं. युवाओं को रोजगार देने की बजाय सरकार ने अपने करीबी नेताओं को कैबिनेट रैंक बांटे हैं. जनता में सरकार के प्रति नाराजगी है और वोटर्स कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में आइना दिखाएंगे. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि उनकी सरकार ने तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं. बाकी गारंटियां भी चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी. वरिष्ठ मीडिया कर्मी नवनीत शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव कांग्रेस की गारंटियां कसौटी पर कसी जाएंगी. जनता अपने हिसाब से गारंटियों का आकलन करेगी. वैसे तो लोकसभा चुनाव के मुद्दे बहुत से हो सकते हैं, लेकिन हिमाचल में जनता विधानसभा चुनाव पूर्व कांग्रेस की गारंटियों को कसौटी पर कसेगी. खासकर महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए देने और दूध खरीद की गारंटी पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रचार के दौरान जवाब देना कठिन होगा.

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