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किसानों और बागवानों के हक में उतरे बिंदल, बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करने की उठाई मांग

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने किसानों और बागवानों के हकों के लिए आवाज़ उठाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करना चाहिए और नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.

BJP State President Rajeev Bindal
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल
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Published : Jun 2, 2023, 8:42 PM IST

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल

शिमला: हिमाचल में इस साल बारिश और ओलावृष्टि ने जमकर कहर बसाया है और गेंहू की फसल को खासकर काफी नुकसान हुआ है. वहीं, किसान बागवानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने की है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा की दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में जो अपेक्षित बर्फ और बरसात होनी चाहिए थी वह नहीं हुई. किसानों और बागवानों का भारी मात्रा में इससे नुकसान हुआ.

अप्रैल और मई के महीने में लगातार बारिश और ओलावृष्टि का होना, आंधी तूफान का होना, इससे हिमाचल प्रदेश के किसान को भारी नुकसान हुआ है. जहां बागवान की फसलें टूट गई, झड़ गई, पेड़ टूट गए. ऊपर से उखड़ तक गए. वहीं, पर किसान की खड़ी हुई फसल बैठ गई. पिछले कुछ दिनों के अंदर एक अजीब और गरीब सा मौसम पूरे प्रदेश के अंदर व्याप्त है. ऐसे में किसान-बागवान व अनेकों ग्रामीण, शहरी लोग ऐसे हैं जिनके मकानों की छतें उड़ गई, मकान ध्वस्त हो गए. गाड़ियों के ऊपर पेड़ों के गिरने से भारी नुकसान हुआ.

ऐसे में प्रदेश की सरकार की ओर से धरातल स्तर के ऊपर एवं जमीनी स्तर के ऊपर अभी कोई असेसमेंट करते हुए लोगों के नुकसान की भरपाई की दिशा के अंदर कोई पद दिखाई नहीं दे रहा. हमारा आग्रह है कि सरकार इस मामले में मुस्तैदी के साथ काम करते हुए नुकसान का असेसमेंट करते हुए किसान-बागवानों व अन्य लोगों के नुकसान की भरपाई करें.

Read Also- शराब तस्करों पर आबकारी विभाग की कार्रवाई, नूरपुर में 13 हजार लीटर कच्ची लाहन जब्त

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल

शिमला: हिमाचल में इस साल बारिश और ओलावृष्टि ने जमकर कहर बसाया है और गेंहू की फसल को खासकर काफी नुकसान हुआ है. वहीं, किसान बागवानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने की है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा की दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में जो अपेक्षित बर्फ और बरसात होनी चाहिए थी वह नहीं हुई. किसानों और बागवानों का भारी मात्रा में इससे नुकसान हुआ.

अप्रैल और मई के महीने में लगातार बारिश और ओलावृष्टि का होना, आंधी तूफान का होना, इससे हिमाचल प्रदेश के किसान को भारी नुकसान हुआ है. जहां बागवान की फसलें टूट गई, झड़ गई, पेड़ टूट गए. ऊपर से उखड़ तक गए. वहीं, पर किसान की खड़ी हुई फसल बैठ गई. पिछले कुछ दिनों के अंदर एक अजीब और गरीब सा मौसम पूरे प्रदेश के अंदर व्याप्त है. ऐसे में किसान-बागवान व अनेकों ग्रामीण, शहरी लोग ऐसे हैं जिनके मकानों की छतें उड़ गई, मकान ध्वस्त हो गए. गाड़ियों के ऊपर पेड़ों के गिरने से भारी नुकसान हुआ.

ऐसे में प्रदेश की सरकार की ओर से धरातल स्तर के ऊपर एवं जमीनी स्तर के ऊपर अभी कोई असेसमेंट करते हुए लोगों के नुकसान की भरपाई की दिशा के अंदर कोई पद दिखाई नहीं दे रहा. हमारा आग्रह है कि सरकार इस मामले में मुस्तैदी के साथ काम करते हुए नुकसान का असेसमेंट करते हुए किसान-बागवानों व अन्य लोगों के नुकसान की भरपाई करें.

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