ETV Bharat / state

Shimla News: लैंडस्लाइड की जद में भट्टाकुफर फल मंडी, आढ़तियों को शिफ्ट करने के निर्देश, लेकिन उन्हें सता रहा ये डर - हिमाचल प्रदेश न्यूज

हिमाचल प्रदेश के शिमला की सबसे बड़ी फल मंडी भट्टाकुफर को बंद कर दिया गया है. वहीं, APMC द्वारा आढ़तियों को पराला मंडी शिफ्ट करने की बात कही गई है, लेकिन आढ़ती वहां जाने के लिए तैयार नहीं हैं. वजह जानने के लिए पढे़ं पूरी खबर... (Shimla Bhattakuffer fruit mandi).

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
फल मंडी भट्टाकुफर
author img

By

Published : Jul 11, 2023, 7:27 PM IST

शिमला से ETV भारत संवाददाता खुशहाल सिंह की रिपोर्ट.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की सबसे बड़ी फल मंडी भट्टाकुफर को बंद कर दिया गया है. पहाड़ी से मलबा गिरने के बाद प्रशासन ने मंडी को एहतियातन बंद करने के निर्देश जारी किए हैं. यहां कारोबार करने वाले आढ़तियों को फल मंडी पराला में शिफ्ट करने को कहा गया है. ढली मंडी में करीब 20 आढ़ती काम कर रहे हैं, इनको अब पराला मंडी शिफ्ट किया जाएगा. भट्टाकुफर फल मंडी में फलों का कारोबार रोक दिया गया है. फल मंडी के ऊपर पहाड़ी से ताजा भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते यहां मंडी को बंद करना पड़ा है.

भट्टाकुफर फल मंडी शिमला जिले की सबसे बड़ी फल मंडी है. जहां शिमला जिले के अलावा किन्नौर, मंडी और कुल्लू जिले से भी सेब और अन्य फल बेचने के लिए बागवान आते हैं. मंडी बंद होने से इन बागवानों को दिक्कत होगी. हालांकि एपीएमसी ने भट्टाकुफर मंडी के आढ़तियों को ठियोग के समीप पराला मंडी में शिफ्ट करने की बात कही है, लेकिन वहां आढ़ती जाने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इससे उनका कारोबार प्रभावित होने के आसार हैं.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
भट्टाकुफर से शिफ्ट होने पर आढ़तियों को कारोबार प्रभावित होने का डर सता रहा है.

आढ़तियों को सता रहा ये डर: पराला मंडी शिमला जिला के जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल और ठियोग क्षेत्र के बागवानों के लिए ज्यादा नजदीक है. कुल्लू और मंडी और किन्नौर जिला के बागवान यहां कम ही जाते हैं. वे शिमला फल मंडी फल बेचना ज्यादा मुनासिब समझते हैं. यही वजह है कि भट्टाकुफर से शिफ्ट होने पर आढ़तियों को कारोबार प्रभावित होने का डर सता रहा है.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
भट्टाकुफर फल मंडी में फलों का कारोबार रोक दिया गया है.

तीन सालों से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं: शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी सभी जिलों के बागवानों के लिए सेंटर प्वाइंट है यही वजह है कि यहां पर शिमला जिला के अलावा किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले के बागवान अपना सेब बेचने को आते हैं. तीन साल पहले इस फल मंडी के ऊपर पहाड़ी गिर गई थी, जिसकी चपेट में यहां सेब की पेटियां आ गई थीं. इसके बाद इस मंडी को बंद कर दिया गया था, लेकिन बाद में प्रशासन ने फिर यहां पर आढ़तियों को कारोबार करने की इजाजत दे दी थी. हालांकि इसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त था, जिससे यहां जगह तंग हो थी, बावजूद इसके आढती यहां कारोबार कर रहे थे. लेकिन अब फिर से भूस्खलन होने से आढ़ती इसको फिर से बंद कर दिया गया है. लेकिन आढतियो का कहना है कि तीन सालों से प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, अब फिर से मलबा गिरने से मंडी को बंद कर दिया गया है.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
आढ़तियों को शिफ्ट करने के निर्देश

'अनसेफ जगह पर काम करने की नहीं दे सकते परमिशन': एपीएमसी शिमला-किनौर के सचिव देवराज कश्यप ने कहा है कि पहाड़ी से भूस्खलन होने के वजह से फल मंडी को बंद कर दिया गया है. असुरक्षित जगह पर आढ़तियों को काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि यहां से आढ़तियों को पराला मंडी शिफ्ट किया जाएगा, ताकि वे अपना काम सुचारू रूप से कर सके.

ये भी पढ़ें- Himachal Flood: मंडी और कुल्लू जिले में भारी तबाही, सैंकड़ों सड़कें बंद, सड़कों पर रहने को मजबूर वाहन चालक

शिमला से ETV भारत संवाददाता खुशहाल सिंह की रिपोर्ट.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की सबसे बड़ी फल मंडी भट्टाकुफर को बंद कर दिया गया है. पहाड़ी से मलबा गिरने के बाद प्रशासन ने मंडी को एहतियातन बंद करने के निर्देश जारी किए हैं. यहां कारोबार करने वाले आढ़तियों को फल मंडी पराला में शिफ्ट करने को कहा गया है. ढली मंडी में करीब 20 आढ़ती काम कर रहे हैं, इनको अब पराला मंडी शिफ्ट किया जाएगा. भट्टाकुफर फल मंडी में फलों का कारोबार रोक दिया गया है. फल मंडी के ऊपर पहाड़ी से ताजा भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते यहां मंडी को बंद करना पड़ा है.

भट्टाकुफर फल मंडी शिमला जिले की सबसे बड़ी फल मंडी है. जहां शिमला जिले के अलावा किन्नौर, मंडी और कुल्लू जिले से भी सेब और अन्य फल बेचने के लिए बागवान आते हैं. मंडी बंद होने से इन बागवानों को दिक्कत होगी. हालांकि एपीएमसी ने भट्टाकुफर मंडी के आढ़तियों को ठियोग के समीप पराला मंडी में शिफ्ट करने की बात कही है, लेकिन वहां आढ़ती जाने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इससे उनका कारोबार प्रभावित होने के आसार हैं.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
भट्टाकुफर से शिफ्ट होने पर आढ़तियों को कारोबार प्रभावित होने का डर सता रहा है.

आढ़तियों को सता रहा ये डर: पराला मंडी शिमला जिला के जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल और ठियोग क्षेत्र के बागवानों के लिए ज्यादा नजदीक है. कुल्लू और मंडी और किन्नौर जिला के बागवान यहां कम ही जाते हैं. वे शिमला फल मंडी फल बेचना ज्यादा मुनासिब समझते हैं. यही वजह है कि भट्टाकुफर से शिफ्ट होने पर आढ़तियों को कारोबार प्रभावित होने का डर सता रहा है.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
भट्टाकुफर फल मंडी में फलों का कारोबार रोक दिया गया है.

तीन सालों से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं: शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी सभी जिलों के बागवानों के लिए सेंटर प्वाइंट है यही वजह है कि यहां पर शिमला जिला के अलावा किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले के बागवान अपना सेब बेचने को आते हैं. तीन साल पहले इस फल मंडी के ऊपर पहाड़ी गिर गई थी, जिसकी चपेट में यहां सेब की पेटियां आ गई थीं. इसके बाद इस मंडी को बंद कर दिया गया था, लेकिन बाद में प्रशासन ने फिर यहां पर आढ़तियों को कारोबार करने की इजाजत दे दी थी. हालांकि इसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त था, जिससे यहां जगह तंग हो थी, बावजूद इसके आढती यहां कारोबार कर रहे थे. लेकिन अब फिर से भूस्खलन होने से आढ़ती इसको फिर से बंद कर दिया गया है. लेकिन आढतियो का कहना है कि तीन सालों से प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, अब फिर से मलबा गिरने से मंडी को बंद कर दिया गया है.

Shimla Bhattakuffer fruit mandi
आढ़तियों को शिफ्ट करने के निर्देश

'अनसेफ जगह पर काम करने की नहीं दे सकते परमिशन': एपीएमसी शिमला-किनौर के सचिव देवराज कश्यप ने कहा है कि पहाड़ी से भूस्खलन होने के वजह से फल मंडी को बंद कर दिया गया है. असुरक्षित जगह पर आढ़तियों को काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि यहां से आढ़तियों को पराला मंडी शिफ्ट किया जाएगा, ताकि वे अपना काम सुचारू रूप से कर सके.

ये भी पढ़ें- Himachal Flood: मंडी और कुल्लू जिले में भारी तबाही, सैंकड़ों सड़कें बंद, सड़कों पर रहने को मजबूर वाहन चालक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.