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अधर में लटका भराड़िया स्कूल का भवन निर्माण, पुराने असुरक्षित भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र

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Published : Feb 26, 2021, 4:20 PM IST

शिमला के कुफरी शिलोन बाग के नजदीक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक भराड़िया स्कूल में साल 2012 से नए स्कूल भवन का शिलान्यास तो हुआ, लेकिन अब तक स्कूल का भवन बनकर तैयार ही नहीं हो पाया है.

bad condition of govermenrt school Bharadia shimla
अधर में लटका भराड़िया स्कूल का भवन निर्माण

शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नजदीक कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. एक ऐसा ही स्कूल है, शिमला में कुफरी शिलोन बाग के नजदीक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया.

भराड़िया स्कूल के हालात खस्ता

यहां साल 2012 से नए स्कूल भवन का शिलान्यास तो हुआ, लेकिन अब तक स्कूल का भवन बनकर तैयार ही नहीं हो पाया है. इसका कारण बजट का आभाव है. भराड़िया स्कूल का पुराना भवन असुरक्षित घोषित किया गया है और नए भवन का निर्माण कार्य बजट के अभाव में बीच में रूक गया है.

वीडियो

2012 में हुआ था भवन का शिलान्यास

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया के नए भवन का वर्ष 2012 में शिलान्यास किया गया था. इसके बाद स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन बजट जारी नहीं होने से इसका निमार्ण कार्य रूक गया है. नए भवन के लिए सिर्फ ढांचा तैयार किया गया है. इसमें चार कमरे और एक हॉल है. स्कूल के पुराने भवन में जहां अभी कक्षाएं चल रही हैं, वहां भी सात-आठ कमरे हैं. यह कमरे बेहद छोटे हैं. इसमें बच्चों के बैठने के लिए जगह कम है. इनमें छात्रों के बैठने की सही व्यवस्था नहीं है. साथ ही कमरों की हालत भी जर्जर है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ जारी है जंग

पुराना भवन असुरक्षित

स्कूल के प्रधानाचार्य पवन कुमार सोनी का कहना है कि पुराने भवन को असुरक्षित घोषित किया गया है. इसके चलते स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था. एक वर्ष में स्कूल की तीन मंजील भी तैयार की गई, लेकिन इसके बाद बजट ही नहीं आया. स्कूल के नए भवन में खिड़कियां, दरवाजे और फर्श ही नहीं हैं. स्कूल परिसर में भी मिट्टी और पत्थर हैं.

मिट्टी-पत्थर से भरा स्कूल ग्रांउड

प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल ग्रांउड भी मिट्टी और पत्थरों से भरा है. छात्र यहां खेल भी नहीं सकते. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया में 137 छात्र पढ़ रहे हैं. भराड़िया स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि सरकार केवल गिने-चुने स्कूल का सुधार करने में लगी है, जबकि राजधानी के ही समीप कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.

जल्द पूरा हो भवन का निर्माण

स्कूल प्रधानाचार्य का कहना है कि ठेकेदार ने स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य करना बंद कर दिया है. ठेकेदार का कहना है कि विभाग पैसा नहीं दे रहा है. इसके चलते काम बंद किया गया है. स्कूल प्रशासन ने सरकार से आग्रह किया है गांवों के स्कूल पर भी ध्यान दिया जाए. स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल विधानसभा बजट सत्र

शिमलाः हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नजदीक कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. एक ऐसा ही स्कूल है, शिमला में कुफरी शिलोन बाग के नजदीक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया.

भराड़िया स्कूल के हालात खस्ता

यहां साल 2012 से नए स्कूल भवन का शिलान्यास तो हुआ, लेकिन अब तक स्कूल का भवन बनकर तैयार ही नहीं हो पाया है. इसका कारण बजट का आभाव है. भराड़िया स्कूल का पुराना भवन असुरक्षित घोषित किया गया है और नए भवन का निर्माण कार्य बजट के अभाव में बीच में रूक गया है.

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2012 में हुआ था भवन का शिलान्यास

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया के नए भवन का वर्ष 2012 में शिलान्यास किया गया था. इसके बाद स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन बजट जारी नहीं होने से इसका निमार्ण कार्य रूक गया है. नए भवन के लिए सिर्फ ढांचा तैयार किया गया है. इसमें चार कमरे और एक हॉल है. स्कूल के पुराने भवन में जहां अभी कक्षाएं चल रही हैं, वहां भी सात-आठ कमरे हैं. यह कमरे बेहद छोटे हैं. इसमें बच्चों के बैठने के लिए जगह कम है. इनमें छात्रों के बैठने की सही व्यवस्था नहीं है. साथ ही कमरों की हालत भी जर्जर है.

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पुराना भवन असुरक्षित

स्कूल के प्रधानाचार्य पवन कुमार सोनी का कहना है कि पुराने भवन को असुरक्षित घोषित किया गया है. इसके चलते स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था. एक वर्ष में स्कूल की तीन मंजील भी तैयार की गई, लेकिन इसके बाद बजट ही नहीं आया. स्कूल के नए भवन में खिड़कियां, दरवाजे और फर्श ही नहीं हैं. स्कूल परिसर में भी मिट्टी और पत्थर हैं.

मिट्टी-पत्थर से भरा स्कूल ग्रांउड

प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल ग्रांउड भी मिट्टी और पत्थरों से भरा है. छात्र यहां खेल भी नहीं सकते. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भराड़िया में 137 छात्र पढ़ रहे हैं. भराड़िया स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि सरकार केवल गिने-चुने स्कूल का सुधार करने में लगी है, जबकि राजधानी के ही समीप कई सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.

जल्द पूरा हो भवन का निर्माण

स्कूल प्रधानाचार्य का कहना है कि ठेकेदार ने स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य करना बंद कर दिया है. ठेकेदार का कहना है कि विभाग पैसा नहीं दे रहा है. इसके चलते काम बंद किया गया है. स्कूल प्रशासन ने सरकार से आग्रह किया है गांवों के स्कूल पर भी ध्यान दिया जाए. स्कूल के नए भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए.

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