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हिमाचल में मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही आयुष्मान और हिम केयर योजना, अब तक इतनों को मिला लाभ

आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर प्रदेश भर से मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए हिम केयर और आयुष्मान योजना के कार्ड को एक्टीवेट करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है. ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत ना आए.

igmc shimla
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Published : Aug 15, 2021, 12:55 PM IST

शिमला: आईजीएमसी शिमला में इलाज के लिए दाखिल मरीजों के लिए आयुष्मान और हिम केयर योजना (Ayushman and Him Care Scheme) वरदान साबित हो रही है. अस्पताल आने वाले गरीब मरीज जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते थे और आधे इलाज के बाद घर चले जाते थे, अब वही मरीज अस्पताल आकर बिना पैसे की चिंता के इलाज करा रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान और हिम केयर कार्ड का मरीज ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और महंगे से महंगा इलाज निशुल्क करा रहे हैं.

सरकार इन मरीजों पर करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है. अभी भी इस योजना का लोग लाभ ले रहे हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने आंकड़ा जारी किया है. प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत 2018-19 में 2110 मरीजों का उपचार हुआ और 2,85,45,085 रुपये खर्च किए गए. 2019-20 में 8579 मरीजों का उपचार हुआ और 12,55,79,135 रुपये खर्च किए गए. 2020-21 में 6034 मरीजों का उपचार हुआ और 11,16,48,686 रुपये खर्च हुए और 2021-22 में 4148 मरीजों का उपचार हुआ और 7,87,84,357 रुपये खर्च हुए हैं.

इस योजना के तहत कुल 20,871 मरीजों का उपचार और 34,45,57,263 रुपये खर्च हुए हैं. इसके अलावा हिम केयर योजना के तहत 2018-19 में 2615 मरीजों का उपचार और 4,46,35,950 रुपये खर्च हुए हैं. 2019-20 में 10,169 मरीजों का उपचार हुआ और 17,36,38,543 रुपये खर्च हुए हैं. 2020-21 में 11,078 मरीजों का उपचार हुआ और 21,93,86,286 रुपये खर्च और 2021-22 में 3719 मरीजों का उपचार और 7,43,97,731रुपये खर्च हुए हैं. इस योजना के तहत कुल 27,581 मरीजों का उपचार हुआ और 51,20,58,510 रुपये खर्च हुए हैं.

आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर प्रदेश भर से मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए हिम केयर और आयुष्मान योजना के कार्ड को एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है. ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत ना आए. इस संबंध में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को निशुल्क और बेहतर इलाज मिले, इसके लिए सरकार की योजना, आयुष्मान और हिम केयर योजना चल रही है. अब तक बहुत से मरीज इसका लाभ उठा चुके हैं.

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शिमला: आईजीएमसी शिमला में इलाज के लिए दाखिल मरीजों के लिए आयुष्मान और हिम केयर योजना (Ayushman and Him Care Scheme) वरदान साबित हो रही है. अस्पताल आने वाले गरीब मरीज जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते थे और आधे इलाज के बाद घर चले जाते थे, अब वही मरीज अस्पताल आकर बिना पैसे की चिंता के इलाज करा रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान और हिम केयर कार्ड का मरीज ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और महंगे से महंगा इलाज निशुल्क करा रहे हैं.

सरकार इन मरीजों पर करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है. अभी भी इस योजना का लोग लाभ ले रहे हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने आंकड़ा जारी किया है. प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत 2018-19 में 2110 मरीजों का उपचार हुआ और 2,85,45,085 रुपये खर्च किए गए. 2019-20 में 8579 मरीजों का उपचार हुआ और 12,55,79,135 रुपये खर्च किए गए. 2020-21 में 6034 मरीजों का उपचार हुआ और 11,16,48,686 रुपये खर्च हुए और 2021-22 में 4148 मरीजों का उपचार हुआ और 7,87,84,357 रुपये खर्च हुए हैं.

इस योजना के तहत कुल 20,871 मरीजों का उपचार और 34,45,57,263 रुपये खर्च हुए हैं. इसके अलावा हिम केयर योजना के तहत 2018-19 में 2615 मरीजों का उपचार और 4,46,35,950 रुपये खर्च हुए हैं. 2019-20 में 10,169 मरीजों का उपचार हुआ और 17,36,38,543 रुपये खर्च हुए हैं. 2020-21 में 11,078 मरीजों का उपचार हुआ और 21,93,86,286 रुपये खर्च और 2021-22 में 3719 मरीजों का उपचार और 7,43,97,731रुपये खर्च हुए हैं. इस योजना के तहत कुल 27,581 मरीजों का उपचार हुआ और 51,20,58,510 रुपये खर्च हुए हैं.

आईजीएमसी हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर प्रदेश भर से मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए हिम केयर और आयुष्मान योजना के कार्ड को एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है. ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत ना आए. इस संबंध में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को निशुल्क और बेहतर इलाज मिले, इसके लिए सरकार की योजना, आयुष्मान और हिम केयर योजना चल रही है. अब तक बहुत से मरीज इसका लाभ उठा चुके हैं.

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