शिमला: हिमाचल में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना आसान नहीं होगा. सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन निगम ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया को जटिल करने जा रहा है.जानकारी के अनुसार, अब लाइसेंस बनाने के लिए मैनुअल नहीं बल्कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट होगा जो कि पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा. वहीं, ड्राइविंग टेस्ट की वीडियो बनेगी, जिसमें कार के अंदर कैमरा लगेगा ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि आवेदन करने वाला ही टेस्ट दे.
ड्राइविंग टेस्ट के लिए अलग से ट्रेक भी बनाया जाएगा, जिसमें सेंसर लगे होंगे. गाड़ी के ट्रैक से बाहर जाने पर आवेदक को फेल माना जाएगा. आवेदकों को इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट भी दी जाएगी. परिवहन निगम सभी जिलों में स्वचालित ट्रेक बनाएगा, जिससे लाइसेंस बनाने के लिए कोई सिफारिश काम नहीं आएगी.
प्रदेश परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को प्रदेश सरकार बदलने जा रही है. जल्द ही कम्प्यूटराइज तरीके से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा ताकि सही चालकों को ही लाइसेंस मिले.
बता दें कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन निगम द्वारा मैनुअल तरीके से बनाया जाता है. वहीं, कुछ जगह सिफारिश से भी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में आए दिन हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को प्रदेश सरकार जटिल करने जा रही है ताकि चालकों को पूरी परख के बाद ही लाइसेंस मिल सके, जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी आएगी.