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ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया को जटिल करेगी जयराम सरकार, अब सिफारिश से नहीं बनेगा काम

हिमाचल में सड़क हादसों को कम करने के लिए जयराम सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को बदलने जा रही है. अब लाइसेंस बनाने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट.

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Published : Jun 15, 2019, 5:28 PM IST

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शिमला: हिमाचल में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना आसान नहीं होगा. सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन निगम ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया को जटिल करने जा रहा है.जानकारी के अनुसार, अब लाइसेंस बनाने के लिए मैनुअल नहीं बल्कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट होगा जो कि पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा. वहीं, ड्राइविंग टेस्ट की वीडियो बनेगी, जिसमें कार के अंदर कैमरा लगेगा ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि आवेदन करने वाला ही टेस्ट दे.

गोविंद ठाकुर परिवहन मंत्री हिमाचल प्रदेश

ड्राइविंग टेस्ट के लिए अलग से ट्रेक भी बनाया जाएगा, जिसमें सेंसर लगे होंगे. गाड़ी के ट्रैक से बाहर जाने पर आवेदक को फेल माना जाएगा. आवेदकों को इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट भी दी जाएगी. परिवहन निगम सभी जिलों में स्वचालित ट्रेक बनाएगा, जिससे लाइसेंस बनाने के लिए कोई सिफारिश काम नहीं आएगी.

प्रदेश परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को प्रदेश सरकार बदलने जा रही है. जल्द ही कम्प्यूटराइज तरीके से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा ताकि सही चालकों को ही लाइसेंस मिले.

बता दें कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन निगम द्वारा मैनुअल तरीके से बनाया जाता है. वहीं, कुछ जगह सिफारिश से भी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में आए दिन हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को प्रदेश सरकार जटिल करने जा रही है ताकि चालकों को पूरी परख के बाद ही लाइसेंस मिल सके, जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी आएगी.

शिमला: हिमाचल में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना आसान नहीं होगा. सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन निगम ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया को जटिल करने जा रहा है.जानकारी के अनुसार, अब लाइसेंस बनाने के लिए मैनुअल नहीं बल्कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट होगा जो कि पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा. वहीं, ड्राइविंग टेस्ट की वीडियो बनेगी, जिसमें कार के अंदर कैमरा लगेगा ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि आवेदन करने वाला ही टेस्ट दे.

गोविंद ठाकुर परिवहन मंत्री हिमाचल प्रदेश

ड्राइविंग टेस्ट के लिए अलग से ट्रेक भी बनाया जाएगा, जिसमें सेंसर लगे होंगे. गाड़ी के ट्रैक से बाहर जाने पर आवेदक को फेल माना जाएगा. आवेदकों को इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट भी दी जाएगी. परिवहन निगम सभी जिलों में स्वचालित ट्रेक बनाएगा, जिससे लाइसेंस बनाने के लिए कोई सिफारिश काम नहीं आएगी.

प्रदेश परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रूल्स को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को प्रदेश सरकार बदलने जा रही है. जल्द ही कम्प्यूटराइज तरीके से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा ताकि सही चालकों को ही लाइसेंस मिले.

बता दें कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन निगम द्वारा मैनुअल तरीके से बनाया जाता है. वहीं, कुछ जगह सिफारिश से भी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में आए दिन हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को प्रदेश सरकार जटिल करने जा रही है ताकि चालकों को पूरी परख के बाद ही लाइसेंस मिल सके, जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में कमी आएगी.

Intro:हिमाचल में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाना आसान नही होगा। सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन निगम ड्राइविंग लाइसेंस बनना जटिल कर रहा है। अब मैनुअल तरीके से नही बल्कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट होगा जो कि पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा। ड्राइविंग टेस्ट की वीडियो भी बनेगी ओर कार के अंदर कैमरा भी लगेगा ताकि ये पता भी लग सखे कि आवेदन करने वाला है टेस्ट दे रहा है या कोई और दे रहा है। यही नही अलग से इसके लिए ट्रेक भी बनाए जाएंगे जिसमे सेंसर लगे होंगे और गाड़ी के ट्रेक से बाहर जाने पर आवदेक को फेल माना जायेगा। यही नही आवेदकों को इसकी ऑनलाइन ही रिपोर्ट भी दी जाएंगीं परिवहन निगम सभी जिलों में स्वचालित ट्रेक बनाएगा। वही अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए कोई सिफारिश भी काम नही आएगी।



Body:प्रदेश के परिवहन मंत्री गोबिंद ठाकुर ने कहा कि रोड सेफ्टी ओर ट्रैफिक रूल को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस बने और ठीक से बने है इसके लिए व्यवस्था बदलने जा रहे है ओर जहा कम्प्यूटराइज तरीके से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा ताकि सही चालको को ही लाइसेंस मिले। विभाग जल्द ही ये व्यवस्था लागू करने जा रहा है।


Conclusion:ड्राइविंग लाइसेंस अभी परिवहन निगम द्वारा मैनुअल तरीके से बनाया जाता है और कही पर सिफारिश से भी लाइसेंस बना लिया जाता है।
बता दे प्रदेश में हर रोज सड़क हादसे होते है। इन हादसों में ज्यादातर चालको की लापरवाही ओर निपुण न होना बताया जाता है । जिसको देखते हुए निगम द्वारा ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को ओर जटिल बनाया जा रहा है ताकि चालको की पूरी परख के बाद ही लाइसेंस मिल सके। इससे प्रदेश में सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

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