ETV Bharat / state

HPMC की 'मेहरबानी' से सड़कों पर सड़ रही बागवानों की मेहनत, लोगों ने CM से लगाई मदद की गुहार

कुमारसैन के करेवथी में सड़कों पर सड़ रहा सेब. एचपीएमसी की कार्यप्रणाली पर लोगों ने उठाए सवाल. सीएम जयराम से लगाई मदद की गुहार.

Apples rotting in HPMC dippu in kumarsain
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 9:54 PM IST

Updated : Sep 6, 2019, 10:51 PM IST

शिमलाः प्रदेश की मुख्य आर्थिकी सेब का सीजन इन दिनों जोरों पर है. सरकारें बागवानों की मेहनत को सही मोल दिलवाने के वायदे और दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. साल भर जी तोड़ मेहनत के बाद तैयार सेब सड़कों पर सड़ रहा है और सरकार और प्रशासन सुध लेने को तैयार नहीं है.

स्थानीय लोगों की सेब की खरीद के लिए एचपीएमसी का डिपू कुमारसैन की करेवथी पंचायत में खोला गया है और एचपीएमसी की नाकामी से यहां पर बागवानों का सेब खुले में सड़ रहा है, आवारा पशु सेब को खा रहे हैं और सड़क में पड़े सेबों के ऊपर से गाड़ियां चल रही हैं, लेकिन एचपीएमसी के कानों में जूं तक नही रेंग रही. बागवानों का कहना है कि कई दिनों से सेब को ले जाने के लिए एचपीएमसी की कोई गाड़ी नहीं आ रही है और एचपीएमसी के ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने CM से लगाई मदद की गुहार

एचपीएमसी ने यहां डिपू तो खोल दिया, लेकिन सेबरखने के लिए कोई स्टोर नहीं है जो बागवानों पर भारी पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि एचपीएमसी नियमित रूप से डिपू से सेब नहीं उठा रहा. जिसके चलते यहां तीन-चार तीन के बाद पर्ची कटती है, कई बार तो 10 दिनों के बाद भी नंबर आता है और तब कई बोरी सेब सड़ जाता है. सेब सड़ जाने के बादइसकी भरपाई भी किसानों से ही की जाती है. वहीं एचपीएमसी के कर्मचारी खुद सेब को चेक करने नहीं पहुंच रहे, जबकि ट्रांसपोर्टर और चौधरी सेब उठाने में मनमानी कर रहे हैं.

इन सभी अनियमितताओं पर विभाग का कोई कंट्रोल नहीं है. लोगों का कहना है कि एचपीएमसी कई सालों तक सेब की पेमेंट भी नहीं करती और कई बार सालों बाद सेब के पैसे के बदले बागवानों को इसके बदले एचपीएमसी का सामान दे देती है.

बता दें कि सरकार की ओर से एचपीएमसी ने बागवानों से सेब खरीदने का जिम्मा लिया है, लेकिन एचपीएमसी की लापरवाही क चलते बागवान मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री से मांग कर रहे हैं कि बागवानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए. साथ ही लोगों ने एचपीएमसी के कर्मचारियों के ढुलमुल रवैये पर रोक लगवाने की मांग की है.

शिमलाः प्रदेश की मुख्य आर्थिकी सेब का सीजन इन दिनों जोरों पर है. सरकारें बागवानों की मेहनत को सही मोल दिलवाने के वायदे और दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. साल भर जी तोड़ मेहनत के बाद तैयार सेब सड़कों पर सड़ रहा है और सरकार और प्रशासन सुध लेने को तैयार नहीं है.

स्थानीय लोगों की सेब की खरीद के लिए एचपीएमसी का डिपू कुमारसैन की करेवथी पंचायत में खोला गया है और एचपीएमसी की नाकामी से यहां पर बागवानों का सेब खुले में सड़ रहा है, आवारा पशु सेब को खा रहे हैं और सड़क में पड़े सेबों के ऊपर से गाड़ियां चल रही हैं, लेकिन एचपीएमसी के कानों में जूं तक नही रेंग रही. बागवानों का कहना है कि कई दिनों से सेब को ले जाने के लिए एचपीएमसी की कोई गाड़ी नहीं आ रही है और एचपीएमसी के ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने CM से लगाई मदद की गुहार

एचपीएमसी ने यहां डिपू तो खोल दिया, लेकिन सेबरखने के लिए कोई स्टोर नहीं है जो बागवानों पर भारी पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि एचपीएमसी नियमित रूप से डिपू से सेब नहीं उठा रहा. जिसके चलते यहां तीन-चार तीन के बाद पर्ची कटती है, कई बार तो 10 दिनों के बाद भी नंबर आता है और तब कई बोरी सेब सड़ जाता है. सेब सड़ जाने के बादइसकी भरपाई भी किसानों से ही की जाती है. वहीं एचपीएमसी के कर्मचारी खुद सेब को चेक करने नहीं पहुंच रहे, जबकि ट्रांसपोर्टर और चौधरी सेब उठाने में मनमानी कर रहे हैं.

इन सभी अनियमितताओं पर विभाग का कोई कंट्रोल नहीं है. लोगों का कहना है कि एचपीएमसी कई सालों तक सेब की पेमेंट भी नहीं करती और कई बार सालों बाद सेब के पैसे के बदले बागवानों को इसके बदले एचपीएमसी का सामान दे देती है.

बता दें कि सरकार की ओर से एचपीएमसी ने बागवानों से सेब खरीदने का जिम्मा लिया है, लेकिन एचपीएमसी की लापरवाही क चलते बागवान मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री से मांग कर रहे हैं कि बागवानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए. साथ ही लोगों ने एचपीएमसी के कर्मचारियों के ढुलमुल रवैये पर रोक लगवाने की मांग की है.

Intro:एचपीएमसी की नाकामी से सड़ रहा सड़क पर सेब।करेवथि पंचयात में बागवानों को रुला रहा विभाग।आवारा पशु खा रहे सेब को।ठेकेदार की मनमानी से लोग परेशान।मुख्यमंत्री से लोगों ने लगाई सहायता की गुहार


प्रदेश की मुख्य आर्थिक सेब का सीजन इन दिनों जोरो पर है और सरकार बागवानों का सेब समय पर मण्डियों तक पहुंचे इसके लिए कई घोषणा करती है।लेकिन धरातल पर ये सब खोखली साबित नजर आती है।सेब के एक एक दाने पर बागवानों की कड़ी मेहनत होती है।लेकिन यही मेहनत जब सड़को पर सड़ जाए और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहे तो बागवान किसके पास जाए।ऐसे ही हालत आज हम आपको दिखाते है।कि किस तरह सेब सड़को पर ही सड़ रहा है।और सेब का जिम्मा लेने वाली सरकार और सरकारी एजेंसी एचपीएमसी किस तरह बागवानों को रुलाने पर विवश कर रही है।Body:
सड़को पर सड़ रही इन सेब की बोरियों को देखकर आजकल बागवानों को रोना आ रहा है।रोना आ रहा है कि ये सेब क्यो उगाया अब उगाया तो अपनी रोजी रोटी के लिए था की सरकार सेब के दाने दाने की कीमत देगी।लेकिन अब ये सेब सड़को पर सड़ रहा है।ऊपरी शिमला के सेब उत्पादक क्षेत्र कुमारसैन के करेवथि पँचायत में इन दिनों बागवानों को रोने के सिवाय कुछ हाथ नही लग रहा है।यंहा सरकार ने एक डिपू तो खोल रखा है लेकिन ये डिपू लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।पिछले कई दिनों से एचपीएमसी ने यंहा बागवानों को रोने पर मजबूर कर दिया है।करेवथि में सरकारी डिप्पु की हालत देखकर आप भी सकते में पड़ जाएंगे।सरकारी तंत्र की लापरवाही से साल भर पसीना बहाकर खून पसीने की कमाई इन दिनों सड़को पर गल सड़ रही है।सुबह से शाम तक बगीचों में मेहनत कर रहे बागवान सेब की इस दुर्दशा से बेहाल है। करेवथि में बागवानों का सेब सड़को पर सड़ रहा लेकिन एचपीएमसी की तरफ से यंहा पर न तो तिरपाल की सुविधा है और न ही कोई कांटा लगाया गया है।

बाईट ,, स्थानीय लोग

सेब खुले में सड़ रहा है आवारा पशु सेब को खा रहे है कोई इन सेबो के ऊपर से गाड़ी चला रहा है।लेकिन एचपीएमसी के कानों में जूं तक नही रेंग रही है।बागवानों का कहना है कि कई दिनों से सेब को ले जाने कोई गाड़ी नहीं आ रही है।ओर एचपीएमसी की तरफ से यंहा पर कोई इंतजाम नहीं है।ठेकेदार मनमानी कर रहे है।

बाईट,,, स्थानीय लोग

वंही एपीएमसी की तरफ से रखे गए एक क्लर्क को जनता कोसती है लेकिन एक कर्मचारी बिना किसी सहयोग के बेबस है।और जो सेब बागवान डिपू में लाते है उसकी तीन चार तीन के बाद पर्ची कटती है।ओर कई बार 10 दिन के बाद पर्ची कटती है और तब कई बोरियां सेब सड़ जाता है।सेब को रखने के लिए कोई स्टोर नही है जो बागवानों पर भारी पड़ रही है।वन्ही ट्रांसपोर्टर अपनी मनमानी से सेब उठाता है और बागवानों पर सेब न उठाने की धमकी देता है।जिस पर विभाग का कोई कंट्रोल नही है।लोगों का कहना है कि एचपीएमसी कई सालों तक सेब की पेमेंट नही करती और सालो बाद सेब के पैसे के बदले बागवानो को सामान इसके बदले देती है वो भी बाजार से ज्यादा कीमतों पर।जिससे बागवानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।

बाईट,,स्थानीय लोग Conclusion:आपको बता दे कि सरकार की तरफ से एचपीएमसी ने बागवानों से सेब का लेने का जिम्मा लिया है लेकिन एचपीएमसी की लापरवाही से बागवान मुख्यमंत्री ओर बागवानी मंत्री से मांग कर रहे है कि बागवानों की समस्याओं पर ध्यान दे जिससे उनका सेब सड़को पर ही न सड़े।साथ ही लोगों ने एचपीएमसी के कर्मचारियों पर उनकी मनमर्जी पर रोक लगाने की मांग की है।
Last Updated : Sep 6, 2019, 10:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.