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शिमला में इस बार कम हुआ सेब उत्पादन, अब तक 1 करोड़ 25 लाख पेटियां मंडी पहुंची - himachal pradesh hindi news

जिला शिमला में पिछले साल जहां 2 करोड़ 69 लाख पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी गई थी. वहीं, इस बार अब तक एक करोड़ 25 लाख पेटियां ही मंडियों को भेजी गई हैं. हालांकि सेब सीजन के शुरुआती दौर में पिछले साल की अपेक्षा इस बार बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिले, लेकिन अब सेब के दामो में कमी आई है. जिससे बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

Apple business decreased in the  district shimla this year
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Published : Sep 26, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 3:44 PM IST

शिमला: जिला शिमला में पिछले साल की अपेक्षा इस बार कम सेब का उत्पादन हुआ है. पिछले साल जहां 2 करोड़ 69 लाख पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी गई थी. वहीं, इस बार अब तक एक करोड़ 25 लाख पेटियां ही मंडियों को भेजी गई हैं.

जिला के निचले और मध्यवर्ती क्षेत्रों में सेब सीजन खत्म हो गया है, जबकि ऊपरी क्षेत्रों से सेब मंडियों में आ रहा है. हालांकि सेब सीजन के शुरुआती दौर में पिछले साल की अपेक्षा इस बार बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिले, लेकिन अब सेब के दामो में कमी आई है. जिससे बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बागवानों को इस बार कम उत्पादन से अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी.

वीडियो.

जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि इस बार काफी कम सेब उत्पादन हुआ है. कोरोना के चलते सेब सीजन में मजदूरों की कमी होने का डर सता रहा था, लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर प्रयास किए गए और सीजन के दौरान मजदूरों की कमी नही आने दी गई और कोरोना के दौरान बाहर से मजदूर लाए गए. जिन्हें क्वारंटाइन करने के बाद ही बगीचों में भेजा गया और जिला में कोरोना संक्रमण फैलने से रोका भी गया. उन्होंने कहा कि अभी तक इस साल एक करोड़ 25 लाख पेटियां विभिन मंडियों तक पहुंचाई गई हैं.

बता दें कि प्रदेश में ओलावृष्टि और तूफान के चलते दो सौ करोड़ तक फलों का प्रदेश भर में नुकसान हुआ है. जिसमे सेब को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जिससे सेब उत्पादन में इस बार गिरावट आई है.

शिमला: जिला शिमला में पिछले साल की अपेक्षा इस बार कम सेब का उत्पादन हुआ है. पिछले साल जहां 2 करोड़ 69 लाख पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी गई थी. वहीं, इस बार अब तक एक करोड़ 25 लाख पेटियां ही मंडियों को भेजी गई हैं.

जिला के निचले और मध्यवर्ती क्षेत्रों में सेब सीजन खत्म हो गया है, जबकि ऊपरी क्षेत्रों से सेब मंडियों में आ रहा है. हालांकि सेब सीजन के शुरुआती दौर में पिछले साल की अपेक्षा इस बार बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिले, लेकिन अब सेब के दामो में कमी आई है. जिससे बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बागवानों को इस बार कम उत्पादन से अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी.

वीडियो.

जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि इस बार काफी कम सेब उत्पादन हुआ है. कोरोना के चलते सेब सीजन में मजदूरों की कमी होने का डर सता रहा था, लेकिन सरकार की ओर से इसको लेकर प्रयास किए गए और सीजन के दौरान मजदूरों की कमी नही आने दी गई और कोरोना के दौरान बाहर से मजदूर लाए गए. जिन्हें क्वारंटाइन करने के बाद ही बगीचों में भेजा गया और जिला में कोरोना संक्रमण फैलने से रोका भी गया. उन्होंने कहा कि अभी तक इस साल एक करोड़ 25 लाख पेटियां विभिन मंडियों तक पहुंचाई गई हैं.

बता दें कि प्रदेश में ओलावृष्टि और तूफान के चलते दो सौ करोड़ तक फलों का प्रदेश भर में नुकसान हुआ है. जिसमे सेब को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जिससे सेब उत्पादन में इस बार गिरावट आई है.

Last Updated : Oct 3, 2020, 3:44 PM IST
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