शिमलाः कोरोना काल में हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पर्यटन कारोबार से जुड़ी अन्य गतिविधियां भी पूरी तरह ठप हो गई हैं. होटल कारोबारियों के लिए बैंक की किस्तें देना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में पर्यटन कारोबारियों ने प्रदेश सरकार से राहत की मांग की है.
शिमला के मशोबरा में होटल चलाने वाले प्रताप चौहान का कहना है की कोरोना से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. होटल कारोबारियों पर एनपीए का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि होटल कारोबारियों के लिए लोन को अदा करने की समय अवधि बढ़ाई जाए. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश सरकार से ब्याज दरों को भी माफ करने की मांग की है.
हिमाचल प्रवेश के लिए नियमों में दी जाए ढील
पर्यटन कारोबारियों की सरकार से मांग है कि हिमाचल प्रदेश आने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की बाध्यता को खत्म किया जाए. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश आने के लिए ई-पास की प्रणाली को छोड़ केवल रजिस्ट्रेशन ही की जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा बैठक हिमाचल प्रदेश आए और पर्यटन कारोबारियों को राहत मिल सके.
टूर एंड ट्रेवल का काम भी प्रभावित
शिमला शहर में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले मोहित शर्मा का कहना है कि पर्यटन कारोबार ठप होने का असर टूर एंड ट्रेवल का काम करने वाले लोगों पर भी पड़ा है. उनके लिए कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि हिमाचल आने के लिए नियमों में ढील दी जाए.
घर बैठने को मजबूर टैक्सी संचाल
कपर्यटन कारोबार से जुड़े टैक्सी कारोबारी भरत उपाधयाय ने कहा कि कोरोना से टैक्सी ड्राइवर बेहद परेशान हैं. टैक्सी संचालक भरत उपाध्याय का कहना है कि प्रदेश के सभी टैक्सी संचालकों का काम पूरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि टैक्सी संचालकों को गाड़ी की किस्तें जमा करवाने लिए कुछ रियायत दी जाए, ताकि वे भी अपने घर परिवार का भरण-पोषण कर सकें.