शिमला: एक बार फिर देशभर में कोरोना अपना आतंक फैला रहा है. देश के कई राज्यों से कोरोना तेजी से फैल रहा है. इस बार कोरोना के नए वैरिएंट ने हिमाचल में भी स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं. कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 को लेकर हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है. अस्पताल में लोगों के कोरोना के टेस्ट लिए जा रहे हैं. ऑपरेशन से पहले मरीजों के कोरोना के टेस्ट लिए जा रहे हैं. आईजीएमसी में अब नए वेरिएंट की टेस्टिंग हो रही है.
हिमाचल में एक भी मामला नहीं: मिली जानकारी के अनुसार उत्तर भारत में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं. हालांकि हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में अभी तक कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर सतर्क हो गया है. शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मेकशिफ्ट अस्पताल में हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा अस्पताल में मास्क व सैनेटाइजर का स्टॉक उपलब्ध है. अब किसी भी मरीज के ऑपरेशन से पहले उसका कोरोना का टेस्ट जरूरी कर दिया गया है. अस्पताल प्रशासन ने लोगों को कोरोना के प्रति सतर्क रहने व कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की है.
क्या है जेएन-1 वैरिएंट: यह कोरोना का नया सब वेरिएंट है. इसका पहला मामला अगस्त में लक्जमबर्ग में सामने आया था. जिसके बाद यह धीरे-धीरे करीब 40 देशों में फैल गया. इससे भारत भी अछूता नहीं रहा है. यह सब वेरिएंट पिरोला वैरिएंट से जुड़ा हुआ है, जिसे ओमिक्रॉन सब वैरिएंट का ऑफशूट कहा जाता है. जेएन-1 वैरिएंट से संक्रमित होने पर व्यक्ति में बुखार, गले में खराश, नाक बहना, जुकाम, खांसी जैसे लक्षण नजर आते हैं. ऐसे में तुरंत कोरोना संक्रमण की जांच करवाएं और डॉक्टर से इलाज करवाएं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कुछ एतिहायत भी जरूर बरतें. जैसे की सामाजिक दूरी का पालन करें, घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें. किसी सामान को छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और हाथों को बार-बार धोएं. इसके अलावा खान-पान का भी खास ख्याल रखें, पौष्टिक भोजन लें.
मेकशिफ्ट अस्पताल में 22 बेड की सुविधा: आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. राहुल राव ने कहा कि हिमाचल के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. इस नए वेरिएंट के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मेकशिफ्ट अस्पताल को तैयार कर लिया गया है. इसमें मरीजों के लिए 22 बेड की सुविधा प्रदान की जा रही है. इन सभी बेड पर कोरोना के समय से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एन-95, थ्री लेयर मास्क और सैनिटाइजर का स्टॉक भी उपलब्ध हैं. आईजीएमसी अस्पताल में ओपीडी व ऑपरेशन थिएटर में भी कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं. फिलहाल अभी तक कोई भी मरीज कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 का सामने नहीं आया है. लोगों से कोरोना के नियमों का पालन करने की अपील की है.
हमेशा वायरस का म्यूटेट बदलता है कोरोना: आईजीएमसी शिमला में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. बलवीर शर्मा ने बताया कि कोरोना की अब तक विभिन्न तरह की वेव्स सामने आई हैं. इनमें अल्फा, डेल्टा, ओमीक्रॉन शामिल थी. इनमें सबसे धातक डेल्टा वेव थी. कोरोना का वायरस म्यूटेट करता रहता है. कोरोना का नया वेरिएंट जेएन-1 डेल्टा वेव से ज्यादा घातक नहीं है. यह ओमीक्रॉन की तरह है, लेकिन बुजुर्गों के लिए कोरोना का नया वेरिएंट घातक साबित हो सकता है. इसके अलावा पहले से किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है. जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें सतर्क रहना होगा। कोरोना से निपटने अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध हैं.
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