शिमला: प्रदेश के अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां गेहूं का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है, वहां किसानों को मजदूरों की समस्या झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन के चलते अधिकतर मजदूर पहले ही अपने राज्यों की ओर रवाना हो गए हैं. ऐसे में प्रदेश में फंसे मजदूरों के साथ ही किसानों को काम चलाना पड़ रहा है. दूसरी तरफ मौसम का व्यवहार भी सामान्य नहीं है. पकी फसल पर बारिश हो जाने के कारण भी किसानों को भारी दिक्कत झेलनी पड़ रही है.
कृषि हिमाचल प्रदेश के लोगों का मुख्य व्यवसाय है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण स्थान है प्रदेश देश का अकेला ऐसा राज्य है जिसकी 2011 की जनगणना के अनुसार 89.96 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. इसलिए कृषि और बागवानी पर प्रदेश के लोगों की निर्भरता अधिक है . कृषि से राज्य की कुल कामगारों में से लगभग 69 प्रतिशत को रोजगार उपलब्ध होता है. कृषि राज्य आय का मुख्य स्रोत है.
राज्य के कुल राज्य घरेलू उत्पाद का लगभग 13% कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों से प्राप्त होता है. प्रदेश में कुल 55.67 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से 9.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र 9.61लाख किसानों द्वारा जोता जाता है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर निर्भर करती है. अभी तक भी राज्य की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण स्थान. वर्क 2017 18 कृषि तथा उससे संबंधित क्षेत्रों का कुल राज्य घरेलू उत्पादन में लगभग 8.8% योगदान रहा है. खाद्यान्न उत्पादन में तकनीक भी उतार-चढ़ाव अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करती है.वर्ष दो 2018- 19 कृषि के लिए सामान्य वर्ष होने की वजह से खाद्यान्न उत्पादन 2017 -18 के 15.81 लाख मैट्रिक टन की तुलना में वर्ष 2018 19 में अनुमानित 16.92 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ.
कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि किसानों को कर्फ्यू से पूरी तरह छूट दे दी गई है .वह बिना पास के अपने खेतों में जाकर कटाई कर सकते हैं. इसके अलावा किसानों से अपील की है कि मशीनों का अधिक से अधिक प्रयोग करें, क्योंकि अधिकतर क्षेत्रों से मजदूर ना मिलने की बात सामने आ रही है. इसके अलावा किसानों से अपील भी की गई है कि फसल कटाई के काम में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी हिमाचल के किसानों का मुद्दा उठाया गया था.
किसानों की फसल उचित समय पर मंडियों में पहुंच सके, इसके लिए गाड़ियों की परमिशन में भी छूट दी गई है. आने वाले सीजन को ध्यान में रखते हुए बीज और कीटनाशक का भी उचित प्रबंध किया जा रहा है. इनकी खरीद के लिए दुकानें खुली रखने के भी आदेश दिए गए हैं.
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