ETV Bharat / state

टिड्डियों से बचाव के लिए फसल पर छिड़काव करें किसान: कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा

author img

By

Published : May 29, 2020, 3:27 PM IST

रामलाल मारकंडा ने कहा कि टिड्डियों के संभावित हमले को देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को उचित प्रबंध करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. किसानों को रसायनों के छिड़काव के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का प्रयोग भी किया जाएगा, ताकि सड़क के आस-पास वाले क्षेत्रों में अग्निशमन के वाहनों के साथ छिड़काव किया जा सके.

Ramlal Markanda on Locusts attack
टिड्डियों के हमले पर रामलाल मारकंडा

शिमला: टिड्डी के संभावित हमले को देखते हुए कृषि विभाग ने कमर कस ली है. कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डी के संभावित आक्रमण के कारण प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

रामलाल मारकंडा ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को उचित प्रबंध करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. किसानों को रसायनों के छिड़काव के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का प्रयोग भी किया जाएगा, ताकि सड़क के आस-पास वाले क्षेत्रों में अग्निशमन के वाहनों के साथ छिड़काव किया जा सके.

वीडियो रिपोर्ट.

कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि सीमावर्ती तीनों जिला ऊना, कांगड़ा और सोलन में विभाग के अधिकारी किसानों को जागरूक कर रहे हैं. छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में छिड़काव के लिए दवाइयां भी कृषि विभाग की तरफ से मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से इंटीरियो की ओर से फसलों को नष्ट करने की सूचना मिली है. प्रदेश में भी इनके आक्रमण की आशंका है, जिसे देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है

कृषि मंत्री ने कहा रामलाल मारकंडा ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. कृषि मंत्री न किसानों को किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट अपने निकटतम कृषि अधिकारियों को तुरंत देने का आग्रह किया है. मारकंडा ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ते हैं और 1 दिन में लगभग 5 से 130 किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि इनसे बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजिम और बावरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. यह लंबे समय तक प्रभावी रहता है. इसके अलावा जैव नियंत्रण प्रयोगशाला कांगड़ा और मंडी को इन जैविक नाशकों को पर्याप्त मात्रा में तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी फील्ड अधिकारियों को टिड्डियों के हमले के प्रति किसानों को जागरूक करने और कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दे दिए हैं.

रामलाल मारकंडा ने कहा कि फिलहाल अभी तक राज्य के किसी भी भाग में कीड़ों की गतिविधि की कोई सूचना नहीं है. इन पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखने और खेतों में इनकी किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट कृषि निदेशालय को भेजने के लिए पहले ही बोल दिया गया है.

ये भी पढ़ें: शिमला के कृष्णा नगर में बनेंगे 224 मकान, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होगा निर्माण

शिमला: टिड्डी के संभावित हमले को देखते हुए कृषि विभाग ने कमर कस ली है. कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डी के संभावित आक्रमण के कारण प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

रामलाल मारकंडा ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को उचित प्रबंध करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. किसानों को रसायनों के छिड़काव के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का प्रयोग भी किया जाएगा, ताकि सड़क के आस-पास वाले क्षेत्रों में अग्निशमन के वाहनों के साथ छिड़काव किया जा सके.

वीडियो रिपोर्ट.

कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि सीमावर्ती तीनों जिला ऊना, कांगड़ा और सोलन में विभाग के अधिकारी किसानों को जागरूक कर रहे हैं. छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में छिड़काव के लिए दवाइयां भी कृषि विभाग की तरफ से मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से इंटीरियो की ओर से फसलों को नष्ट करने की सूचना मिली है. प्रदेश में भी इनके आक्रमण की आशंका है, जिसे देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है

कृषि मंत्री ने कहा रामलाल मारकंडा ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. कृषि मंत्री न किसानों को किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट अपने निकटतम कृषि अधिकारियों को तुरंत देने का आग्रह किया है. मारकंडा ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ते हैं और 1 दिन में लगभग 5 से 130 किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि इनसे बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजिम और बावरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. यह लंबे समय तक प्रभावी रहता है. इसके अलावा जैव नियंत्रण प्रयोगशाला कांगड़ा और मंडी को इन जैविक नाशकों को पर्याप्त मात्रा में तैयार करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी फील्ड अधिकारियों को टिड्डियों के हमले के प्रति किसानों को जागरूक करने और कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दे दिए हैं.

रामलाल मारकंडा ने कहा कि फिलहाल अभी तक राज्य के किसी भी भाग में कीड़ों की गतिविधि की कोई सूचना नहीं है. इन पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखने और खेतों में इनकी किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट कृषि निदेशालय को भेजने के लिए पहले ही बोल दिया गया है.

ये भी पढ़ें: शिमला के कृष्णा नगर में बनेंगे 224 मकान, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होगा निर्माण

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.