शिमलाः अफगानिस्तान में बिगड़े हालात के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में पढ़ रहे 17 अफगानी छात्र-छात्राएं बेहद दुखी हैं. उन्हें अपने परिवार, सगे संबंधियों और देश की चिंता सता रही है. यहां एमबीए, एमए राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन जैसे विभागों में डिग्री कर रहे इन विद्यार्थियों का कहना है कि उनके देश में तख्ता पलट होने से अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है.
पत्रकारिता विभाग दूसरा सेमेस्टर के छात्र वहीद जहीर ने कहा कि घर परिवार, देश की चिंता है, आगे क्या होगा इसका कोई पता नहीं है. भारत सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. हम यही चाहते हैं कि तालिबानी भी लोगों की भावनाओं का ख्याल रखें. इससे तालिबानियों और अफगानिस्तान के लोगों के बीच तालमेल बढ़ेगा, सब सामान्य हो जाएगा.
वहीं, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र की पढ़ाई कर रहे मिस्बाह ने कहा कि अफगानिस्तान में जो हुआ, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था. पूरे देश के लोग टेंशन में हैं. कर्फ्यू लग रहा है. जो स्थिति देश में बनी है, पूरे शहर खामोश हैं. हर घंटे घर वालों से बात हो रही है. विश्वविद्यालय में पढ़ रहे सभी अफगानी छात्र परेशान हैं. पढ़ाई कर लौटेंगे, तो वहां जॉब नहीं होगी.
अफगानिस्तान में पैदा हुई स्थिति से हर कोई परेशान है. कट्टरपंथी तालिबानियों के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के लोग अन्य देशों में शरण लेने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लोगों के जहन में साल 1996 के दौर की पुरानी यादें भी ताजा हो गई हैं.
बता दें कि तालिबान ने करीब 20 साल बाद दोबारा अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के करीब तीन सप्ताह बाद ही सत्ता से बेदखल हो गई. यही वजह है कि इस मुश्किल घड़ी में भारत में अपना भविष्य संवारने आए अफगानी विद्यार्थी भी सहमे हुए हैं. अफगानी विद्यार्थी लगातार अपने परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही ये छात्र भारत सरकार से भी मदद की अपील कर रहे हैं. ताकि इस मुश्किल घड़ी में उनकी परेशानी कुछ कम हो सके.
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