शिमला: राजधानी शिमला में कोरोना वायरस का कहर न फैले इसके लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर दी है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन अब शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है. कोरोना वायरस के खतरे के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए प्रशासन ने अधिकारियों से लेकर आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्कर तक को ट्रेनिंग दी है.
कार्यशाला के बाद जिला के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी चिकित्सा केन्द्रों पर लोगों को जागरूक करेंगे. सोमवार को जिला के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान कोरोना वायरस किस तरह से बचाव कर सकते हैं और इस बीमारी के क्या लक्षण हैं इस पर जानकारी दी गई .
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि कोरोना वायरस के शुरुआती चरण में अचानक तेज बुखार होना, खांसी होना, शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी, लिवर और किडनी में परेशानी, सांस में तकलीफ होना और पाचन क्रिया में अचानक तकलीफ होना मुख्य लक्षण हैं. इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सक की सलाह जरूर लें.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डीडीयू शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान ने कहा कि यह वायरस 6 वर्ष से कम और 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों को ज्यादा प्रभावित करता है. इससे बचने के लिये आप नियमित तौर पर साबुन और पानी से हाथ को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं. बैक्टीरिया को मारने वाला अच्छा सेनिटाइजर या अल्कोहल सेनिटाइजर का भी उपयोग कर सकते हैं. ऐसा करने से हाथों पर रहने वाले वायरस से छुटकारा मिल जाएगा. इसके अलावा अपने आसपास के लोगों के साथ कम से कम 3 फीट का फासला बनाए रखने की कोशिश करें.
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