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प्रदेश सरकार पर बरसी एबीवीपी, पर्यटन को बढ़ावा देने की उठाई मांग

शिमला में युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और शिक्षा के गिरते स्तर के खिलाफ एबीवीपी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एबीवीपी ने शिमला में प्रेस वार्ता का आयोजन करके सरकार को चेतावनी दी है कि छात्रों और युवाओं के हितों में अगर सरकार काम नहीं करेगी तो बीजेपी को भी सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा.

ABVP press conference against government in Shimla
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Published : Nov 16, 2019, 8:43 AM IST

शिमला: राजधानी शिमला में शुक्रवार को एबीवीपी ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान छात्र संघ ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वतर्मान शैक्षणिक परिदृश्य को सही रूप देने में प्रदेश की सरकार विफल रही है. पूर्व की सरकार की तरह ही यह सरकार भी छात्रों और युवाओं के हितों को लेकर काम करने में कहीं ना कहीं पिछड़ रही है.

बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है. छात्र संघ अब इन्हीं दो मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है कि प्रदेश में जहां युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिए पयर्टन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तो वहीं निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाए.

वीडियो रिपोर्ट

एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी का कहना है कि हिमाचल में बहुत से युवा बेरोजगार हैं, लेकिन प्रदेश में जिस क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार के अवसर युवाओं को मिल सकते हैं, उसी दिशा में प्रदेश सरकार काम नहीं कर रही है. सरकार को प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बनाने के साथ ही खेलों के लिए सही नीति, स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. जिससे कि युवाओं को रोजगार मिल सके.

एबीवीपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश की वतर्मान सरकार भी कहीं ना कहीं अपना काम करने में विफल रही है. संघ कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्लस्टर विश्वविद्यालय से लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में सरकार कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है. सरकार द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा जा रहा है और वह अपनी ही मानमानी कर रहे हैं.

प्रदेश में बात चाहे क्लस्टर विश्वविद्यालय की हो या फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय की बात हो किसी भी विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाएं सरकार मुहैया करवाने के विफल हुई है। निजी शिक्षण संस्थानों पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा जा रहा है और वह अपनी ही मानमानी कर रहे है

प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि अगर सरकार एबीवीपी की इन सब मांगों को पूरा नहीं करती है, तो प्रदेश सरकार के खिलाफ एबीवीपी अपना आंदोलन शुरू करेगी. छात्र संघ ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस को प्रदेश में सत्ता से हाथ धोना पड़ा था, वैसे ही भाजपा सरकार को भी सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एबीवीपी का भाजपा से कोई लेना देना नहीं है और जो सरकार प्रदेश के युवाओं और छात्रों के हितों के फैसले लेगा एबीवीपी उस पार्टी का समर्थन करेगी.

शिमला: राजधानी शिमला में शुक्रवार को एबीवीपी ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान छात्र संघ ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वतर्मान शैक्षणिक परिदृश्य को सही रूप देने में प्रदेश की सरकार विफल रही है. पूर्व की सरकार की तरह ही यह सरकार भी छात्रों और युवाओं के हितों को लेकर काम करने में कहीं ना कहीं पिछड़ रही है.

बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है. छात्र संघ अब इन्हीं दो मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है कि प्रदेश में जहां युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिए पयर्टन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तो वहीं निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाए.

वीडियो रिपोर्ट

एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी का कहना है कि हिमाचल में बहुत से युवा बेरोजगार हैं, लेकिन प्रदेश में जिस क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार के अवसर युवाओं को मिल सकते हैं, उसी दिशा में प्रदेश सरकार काम नहीं कर रही है. सरकार को प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बनाने के साथ ही खेलों के लिए सही नीति, स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. जिससे कि युवाओं को रोजगार मिल सके.

एबीवीपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश की वतर्मान सरकार भी कहीं ना कहीं अपना काम करने में विफल रही है. संघ कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्लस्टर विश्वविद्यालय से लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में सरकार कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है. सरकार द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा जा रहा है और वह अपनी ही मानमानी कर रहे हैं.

प्रदेश में बात चाहे क्लस्टर विश्वविद्यालय की हो या फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय की बात हो किसी भी विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाएं सरकार मुहैया करवाने के विफल हुई है। निजी शिक्षण संस्थानों पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा जा रहा है और वह अपनी ही मानमानी कर रहे है

प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि अगर सरकार एबीवीपी की इन सब मांगों को पूरा नहीं करती है, तो प्रदेश सरकार के खिलाफ एबीवीपी अपना आंदोलन शुरू करेगी. छात्र संघ ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस को प्रदेश में सत्ता से हाथ धोना पड़ा था, वैसे ही भाजपा सरकार को भी सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एबीवीपी का भाजपा से कोई लेना देना नहीं है और जो सरकार प्रदेश के युवाओं और छात्रों के हितों के फैसले लेगा एबीवीपी उस पार्टी का समर्थन करेगी.

Intro:प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य ओर प्रदेश के वतर्मान शैक्षणिक परिदृश्य को सही रूप देने में प्रदेश की सरकार विफल रही है। पूर्व की सरकार की तरह ही यह सरकार भी छात्रों और ययुवाओं के हितों को लेकर काम करने में कहीं ना कहीं पिछड़ रही है। यही वजह भी है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अब अपनी ही सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोलने जा रही है। एबीवीपी अब इन्ही दो मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार से यह मांग कर रही है कि प्रदेश में जहां युवाओ को रोजगार दिलवाने के लिए पयर्टन को बढ़ावा दिया जाए तो वहीं निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाए। एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश में युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं है।


Body:बहुत से युवा बेरोजगार है लेकिन प्रदेश में जिस क्षेत्र ने सबसे अधिक रोजगार के अवसर युवाओं को मिल सकते है उसी दिशा में प्रदेश सरकार काम नहीं कर रही है। सरकार को प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बनाने के साथ ही खेलों के लिए सही नीति,स्थानीय हस्तशिल्प ओर हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए जिससे कि युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उन्हें बेहतर करने, पहाड़ ओर पेड़ो के कटान के साथ ही हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स की संख्या पर नियंत्रण। कर कृषि ओर बाग़वानी करने वाले लोगों को आवारा पशुओं ओर बंदरों से निजात दिलवाने के लिए कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाने की दिशा में भी सरकार को काम करना चाहिए।


Conclusion:एबीवीपी ने आरोप लगाया कि प्रदेश की वतर्मान सरकार भी कहीं ना कहीं अपना काम करने में विफल रही हैं। प्रदेश में बात चाहे क्लस्टर विश्वविद्यालय की हो या फिर कर केंद्रीय विश्वविद्यालय की बात हो किसी भी विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाएं सरकार मुहैया करवाने के विफल हुई है। निजी शिक्षण संस्थानों पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा जा रहा है और वह अपनी ही मानमानी कर रहे है। स्कूलों में किताबें से लेकर वर्दी भी निजी स्कूलों के अंदर ही भारी कीमतों पर दी जा रही है जिसपर सरकार का कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। प्रदेश में एक मात्र तकनीकी विश्वविद्यालय है जो पूरी तरह से सेल्फ फाइनेंसिंग पर ही चल रहा है सरकार कोई बजट उस विवि को नहीं दे रही है। मेडिकल कॉलेजों में ना तो उपकरण है ना ही सुविधाएं ना डॉक्टर न स्टाफ । ऐसे में विद्यार्थी परिषद की यह मांग है कि सरकार जहां प्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में काम करें युवाओं को रोजगार के अवसर दिलवाए जाए। इसके साथ ही शिक्षा की व्यवस्था को सुधारने के लिए भी सरकार काम करे। इन सब मांगो के साथ ही छात्र संघ चुनावों को बहाल करने की मांग भी एबीवीपी ने प्रदेश सरकार से की है। प्रांत सह मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि अगर सरकार एबीवीपी की इन सब मांगों को पूरा नहीं करती है या इनपर काम नहीं करती है तो प्रदेश सरकार के खिलाफ एबीवीपी अपना आंदोलन शुरू करेगी और किस तरह से कांग्रेस को प्रदेश में सत्ता से हाथ धोना पड़ा था वैसे ही भाजपा सरकार को भी सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एबीवीपी का भाजपा से कोई लेना देना नहीं है ओर जो सरकार प्रदेश के युवाओं ओर छात्रों के हितों के फ़ैसले लेगा एबीवीपी उस पार्टी का समर्थन करेगी।
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