शिमला: कोरोना की वजह से पिछले लंबे समय से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बंद है. विश्वविद्यालय में छात्रों की कक्षाएं नहीं लग रही हैं. विश्वविद्यालय से एमफिल और पीएचडी कर रहे हैं, शोधार्थियों का शोध कार्य कोरोना की वजह से प्रभावित हो रहा है. इसकी वजह विश्वविद्यालय में अब तक एचपीयू की लाइब्रेरी को न खोला जाना है. इसके चलते शोधार्थी लाइब्रेरी में अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं और न ही पुस्तकालय से अपने शोध के लिए आवश्यक पुस्तकें ले पा रहे हैं. पुस्तकें न मिलने से शोधार्थियों का शोध कार्य प्रभावित हो रहा है.
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोला जाए पुस्तकालय
छात्र लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी मांग को रख रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के लिए इस पुस्तकालय को खोलें. विश्वविद्यालय का पुस्तकालय काफी बड़ा है. ऐसे में वहां सोशल डिस्टेंसिंग का आसानी से पालन हो सकता है. इससे शोधार्थी वहां बैठकर अपने शोध से जुड़े जनरल और किताबें पढ़ सकें और अपने शोध कार्य को गति दे सके.
एबीवीपी ने रखी पुस्तकालय खोलने की मांग
छात्र हित की इस मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष उठाया जा रहा है. हाल ही में विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले में पुस्तकालय प्रभारी को ज्ञापन सौंपा था. अब आगामी समय में विश्वविद्यालय के कुलपति के समक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस मांग को रखने जा रही है.
विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा मनमानीः सकलानी
एबीवीपी एचपीयू इकाई के अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार अपनी मनमानी कर रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन को चहिए कि शोधार्थियों के शोध कार्य को देखते हुए विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को समय रहते खोलें.
प्रदर्शन की चेतावनी
साथ ही जो आम छात्र विश्वविद्यालय के पुस्तकालय से अपने विषयों से जुड़ी किताबें लेना चाहते हैं, उन्हें भी यह सुविधा दी जाए. उन्होंने सपष्ट किया कि प्रशासन को इस पुस्तकालय को खोलना होगा, वरना विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय परिसर में अपना धरना प्रदर्शन करेगी.
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