शिमलाः आईजीएमसी शिमला में एक मरीज पिछले 5 दिनों से नाक का ऑपरेशन करवाने के लिए एक मरीज ठोकरें खा रहा है. डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी है, लेकिन बीते 5 दिन से कोरोना की रिपोर्ट ही नहीं मिल पा रही है. इसके चलते मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है.
इस बारे में मरीज गोपाल राणा का कहना है कि ऑपरेशन करवाना बहुत जरूरी है, लेकिन कोरोना की रिपोर्ट कहां से लाए. आईजीएमसी में अगर इस तरह से एक मरीज के साथ व्यवहार किया जाता है तो इससे यही बेहतर था कि यहां पर कोरोना का टेस्ट ही नहीं करवाता. गोपाल ने सरकार व विभाग से मांग की है कि एक तो 5 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं मिल रही है, उसके बाद भी लैब में कर्मचारी व अधिकारी की ओर से ठीक से व्यवहार नहीं किया जाता है. उसे लैब के कर्मचारियों ने पाकिस्तानी तक कह दिया. उसे पांच दिनों से एक कमरे से दूसरे कमरे के चक्कर लगवाए जा रहे हैं.
आईजीएमसी शिमला की अगर बात की जाए तो यहां पर मरीजों को दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर हालत कुछ ऐसी बन चुकी है कि कुछ मरीजों को ऑपरेशन करवाने के लिए लंबी डेट दे दी गई है. कोरोना की रिपोर्ट न मिलने से ऑपरेशन लटक जाते है. यहां तक इन दिनों रूटीन के ऑपरेशन प्रशासन ने बंद किए हैं.
ऑपरेशन की लंबी डेट देने से मरीज परेशान
हैरानी की बात है कि ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, लेकिन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए प्रशासन अलग से टेस्ट व सैंपल की जल्द जांच को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं कर पाया है, जिसके चलते मरीजों को यहां पर काफी परेशानी आ रही है. कुछ मरीजों को एक महीने की भी ऑपरेशन के लिए डेट दी जाती है. मरीज यहां पर पहले अपनी बीमारी से परेशान होता है. वहीं, दूसरी ओर वह आईजीएमसी में परेशान हो जाता है. आईजीएमसी की लैब में काफी सैंपल पेंडिंग रहते है. ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के सैंपल भी पेंडिंग सैंपलों में ही रहते है.
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