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प्रदेश में 9528 टीचर्स के पद खाली, प्रस्तावित शिक्षकों के पदों पर 26 जून को HC में होगी सुनवाई

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में टीचर्स के 9528 पद खाली.

फाइल फोटो
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Published : Jun 11, 2019, 9:45 PM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस बाबत स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे.

वर्तमान में प्रदेश के स्कुलों में शिक्षकों के कितने पद खाली पड़े हैं और अगले छह महीनो में कितने पद खाली होंगे. इस बारे में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्मचन्द चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग से रिपार्ट मांगी थी.

पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि लोक सेवा आयोग व सेवा चयन आयोग की सिफारिशों के पश्चात शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. कुछ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आचार संहिता के कारण देरी हुई है. आचार संहिता के तुरंत पश्चात इन शिक्षकों को भी नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कर्मचारी आयोग हमीरपुर को आदेश दिए हैं कि शपथपत्र के माध्यम से बताया जाए कि कितने समय में अन्य स्वीकृत रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी. शिक्षा सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने जेबीटी के 919 पद, सी एंड वी के1367 पद और टीजीटी के 1901 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.इस दौरान शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के 14,354 पद खाली हैं, जिनमें से प्राथमिक स्कूलों में टीचर्स के 25293 स्वीकृत पदों में से 1754 पद खाली चल रहे हैं और इसी तरह अप्पर प्राइमरी में अध्यापकों के 16185 स्वीकृत पदों में से 2499 पद खाली हैं.

वहीं, सीएंडवी के 16901 स्वीकृत पदों में से 5277 पद खाली हैं. मंडी जिला के निहरी तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दोघरी में अध्यापकों के खाली पदों को उजागर करने वाले मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने उक्त आदेश पारित किए हैं.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस बाबत स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे.

वर्तमान में प्रदेश के स्कुलों में शिक्षकों के कितने पद खाली पड़े हैं और अगले छह महीनो में कितने पद खाली होंगे. इस बारे में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्मचन्द चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग से रिपार्ट मांगी थी.

पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि लोक सेवा आयोग व सेवा चयन आयोग की सिफारिशों के पश्चात शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. कुछ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आचार संहिता के कारण देरी हुई है. आचार संहिता के तुरंत पश्चात इन शिक्षकों को भी नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कर्मचारी आयोग हमीरपुर को आदेश दिए हैं कि शपथपत्र के माध्यम से बताया जाए कि कितने समय में अन्य स्वीकृत रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी. शिक्षा सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने जेबीटी के 919 पद, सी एंड वी के1367 पद और टीजीटी के 1901 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.इस दौरान शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के 14,354 पद खाली हैं, जिनमें से प्राथमिक स्कूलों में टीचर्स के 25293 स्वीकृत पदों में से 1754 पद खाली चल रहे हैं और इसी तरह अप्पर प्राइमरी में अध्यापकों के 16185 स्वीकृत पदों में से 2499 पद खाली हैं.

वहीं, सीएंडवी के 16901 स्वीकृत पदों में से 5277 पद खाली हैं. मंडी जिला के निहरी तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दोघरी में अध्यापकों के खाली पदों को उजागर करने वाले मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने उक्त आदेश पारित किए हैं.

शिक्षको के खाली पदों को भरने वाले मामले पर सुनवाई 26 जून को।

हाईकोर्ट ने  शिक्षा विभाग से पूछा है कि शिक्षकों के कितने पद खाली व कितने होंगे छह माह में खाली।
शपथ पत्र रिकॉर्ड पर रखने के लिए दिया अतिरिक्त समय।

प्रदेश के स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस बाबत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए है कि वर्तमान में प्रदेश के स्कुलो में शिक्षको के कितने पद खाली पड़े है और अगले छः महीनो में कितने पद खाली होंगे। भविष्य में रिक्त पदों को भरने के लिए  राज्य सरकार की ओर  क्या रणनीति होगी। ये आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्मचन्द चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को भरने को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किये। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से  कोर्ट को बताया गया था कि लोक सेवा आयोग व सेवा चयन आयोग की सिफारिशों के पश्चात शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है ।कुछ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आचार संहिता के कारण देरी हुई है आचार संहिता के तुरंत पश्चात इन शिक्षकों को भी नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी।पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कर्मचारी आयोग हमीरपुर को आदेश दिए है कि वह शपथपत्र के माध्यम से बताये कि कितने समय में अन्य स्वीकृत रिक्त पदों को भरने बाबत प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। शिक्षा सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि राज्य सरकार द्वारा जेबीटी के 919 पद, सी एंड वी के 1367 पद और टीजीटी के 1901 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू  कर दी गई है। पिछली सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के 14,354 पद खाली है। जिनमे से प्राथमिक स्कूलों में अध्यापको के 25293 स्वीकृत पदों में से 1754 पद खाली चल रहे है और इसी तरह अप्पर प्राइमरी में अध्यापको के 16185 स्वीकृत पदों में से 2499 पद खाली है तथा सी एंड वी के 16901 स्वीकृत पदों में से 5277 पद खाली है। मंडी जिला के निहरी तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दोघरी में अध्यापको के खाली पदों को उजागर करने वाले मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किये। 

मामले की आगामी सुनवाई 26 जून को निर्धारित की गई है।
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