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स्क्रब टाइफस से अब तक 301 मामलों में 9 की मौत, बीते साल के मुकाबले आंकड़ा घटा

राजधानी शिमला में इस वर्ष स्क्रब टाइफस के मरीजों का आंकड़ा काफी कम हुआ है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन के प्रयासों से लोगों में स्क्रब टाईफस को लेकर काफी जागरूकता देखने को मिली.

स्क्रब टायफस
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Published : Oct 20, 2019, 1:18 PM IST

शिमला: राजधानी के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल में इस साल स्क्रब टाइफस के काफी कम मामले सामने आए हैं. इस संबंध में ईटीवी को जानकारी देते हुए आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस में इस बार कमी का कारण सरकार और प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए किए गए प्रयास है.

डॉ. जनक राज की मानें तो जागरूकता के कारण लोगों ने स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखते ही तुरंत आईजीएमसी आकर इलाज करवाया. उन्होंने बताया कि इस साल मरीजों के स्क्रब टाइफस के 2408 सैम्पल लिए गए, जिनमें से 301 मरीजों में ही स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया, जबकि इस बीमारी के कारण 9 लोगों की मौत भी हो गई.

वीडियो

गौरतलब है कि साल 2019 में 400 से अधिक लोगों में स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया था. जिनमें से 17 लोगों की मौत हो गई थी. डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी में दाखिल मरीजों का इलाज किया जा रहा है और मरीज ठीक हो कर घर जा रहे हैं.

शिमला: राजधानी के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल में इस साल स्क्रब टाइफस के काफी कम मामले सामने आए हैं. इस संबंध में ईटीवी को जानकारी देते हुए आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस में इस बार कमी का कारण सरकार और प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए किए गए प्रयास है.

डॉ. जनक राज की मानें तो जागरूकता के कारण लोगों ने स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखते ही तुरंत आईजीएमसी आकर इलाज करवाया. उन्होंने बताया कि इस साल मरीजों के स्क्रब टाइफस के 2408 सैम्पल लिए गए, जिनमें से 301 मरीजों में ही स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया, जबकि इस बीमारी के कारण 9 लोगों की मौत भी हो गई.

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गौरतलब है कि साल 2019 में 400 से अधिक लोगों में स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया था. जिनमें से 17 लोगों की मौत हो गई थी. डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी में दाखिल मरीजों का इलाज किया जा रहा है और मरीज ठीक हो कर घर जा रहे हैं.

Intro:स्क्रब टायफस अब तक 301मामले 9 की मौत
बीते साल के मुकाबले आंकड़ा घटा


शिमला।
आइजीएमसी में इस साल काफी हद तक स्क्रब टायफस नियंत्रण में रहा है । आइजीएमसी में चिकित्सकों की मरीजो पर निगरानी ओर प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध से बीते साल के मुताबिक इस बार स्क्रब टायफस के मामले भी कम।आये है वही मौत में भी कमी आयी है।


Body:इस सम्बंध में ईटीवी को जानकारी देते हुए आइजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस में इस बार कमी आयी है इसका कारण सरकार द्वारा जागरूकता के लिए किए गए प्रयास है जिससे लोग स्क्रब के लक्षण दिखते ही तुरंत आइजीएमसी आकर ईलाज करवाया और ठीक हो कर घर चले गए।
उन्होंने बताया कि इस साल स्क्रब टायफस के 2408 सेम्पल मरीजो के लिए गए जबकि उनमेसे 301 लोगो मे स्क्रब टायफस पोस्टिव पाया गया वही 9 लोगो की मौत हुई है।


Conclusion:वही बीते साल 218 में 400 से अधिक लोगो मे स्क्रब टायफस पोस्टिव पाया गया था और 17लोगो की मौत हुई थी।एमएस ने बताया कि आइजीएमसी में दाखिल मरीजो का ईलाज किया जा रहा है और मरीज ठीक हो कर घर जा रहे है।

स्क्रब टायफस बरसात में उगने वाली घास में पैदा होने वाले पिस्सू के काटने से होता है। इसके लक्षण में। तेज 104 डिग्री बुखार बदन दर्द शरीर मे काले निशान का पड़ना है। समय पर यदि मरीज को।अस्प्ताल ना लाया जाए तो उसकी मौत हो सकती है।
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