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गौ सदन निर्माण के लिए जारी किए करोड़ों रुपये, मंत्री वीरेन्द्र कंवर बोले- गायों की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी

गौ सेवा आयोग द्वारा प्रदेश में गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए गये हैं. पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की. मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा गौ संरक्षण का दायित्व केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है.

मंत्री वीरेन्द्र कंवर गौ सेवा आयोग की बैठक अध्यक्षता करते हुए
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Published : Jul 23, 2019, 9:04 AM IST

शिमला: प्रदेश में गठित गौ सेवा आयोग द्वारा गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए हैं. यह जानकारी पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने गौ सेवा आयोग की बैठक की में दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो गौ सदन सरकारी भूमि पर चल रहे हैं उन गौ सदनों की भूमि को पशुपालन विभाग के नाम पर हस्तांतरित करके गौ सदन चलाने वाली संस्था को लीज पर उपलब्ध करवाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस उद्देश्य पर 8.40 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है जिसमें से 3.93 करोड़ रुपये की राशि मंदिर ट्रस्ट निधि व अन्य निधि उपायुक्तों द्वारा स्वीकार की गई है. मंत्री ने कहा कि गौ संरक्षण के लिए पंचायत, महिला मण्डल, योग मण्डल व स्वयं सेवी संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इनके प्रबंधन के लिए एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा.

गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन, पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर
मंत्री वीरेन्द्र कंवर गौ सेवा आयोग की बैठक अध्यक्षता करते हुए

उन्होंने कहा कि 5 किलोवाट तक बिजली की खपत वाले गौ सदनों को घरेलू तथा अन्य गौ सदनों को व्यावसायिक/एनडीएनसी मीटर उपलब्ध करवाए गए थे. जबकि अब गौशाला/गौ सदन/गौअभ्यारण्यों को 20 किलोवाट की खपत वाले घरेलू मीटर लगाने की अनुमति दे दी गई है.

ये भी पढ़े: कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी, यहां सालाना 10 करोड़ का कारोबार करने वाली मंडी के हाल बेहाल

मंत्री कंवर ने कहा गौ संरक्षण का दायित्व केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने समस्त गैर सरकारी एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों से बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए आगे आने की अपील है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्रामीणों द्वारा पशु छोड़ने पर उन्हें पांच हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा.

शिमला: प्रदेश में गठित गौ सेवा आयोग द्वारा गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए हैं. यह जानकारी पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने गौ सेवा आयोग की बैठक की में दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो गौ सदन सरकारी भूमि पर चल रहे हैं उन गौ सदनों की भूमि को पशुपालन विभाग के नाम पर हस्तांतरित करके गौ सदन चलाने वाली संस्था को लीज पर उपलब्ध करवाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस उद्देश्य पर 8.40 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है जिसमें से 3.93 करोड़ रुपये की राशि मंदिर ट्रस्ट निधि व अन्य निधि उपायुक्तों द्वारा स्वीकार की गई है. मंत्री ने कहा कि गौ संरक्षण के लिए पंचायत, महिला मण्डल, योग मण्डल व स्वयं सेवी संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इनके प्रबंधन के लिए एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा.

गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन, पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर
मंत्री वीरेन्द्र कंवर गौ सेवा आयोग की बैठक अध्यक्षता करते हुए

उन्होंने कहा कि 5 किलोवाट तक बिजली की खपत वाले गौ सदनों को घरेलू तथा अन्य गौ सदनों को व्यावसायिक/एनडीएनसी मीटर उपलब्ध करवाए गए थे. जबकि अब गौशाला/गौ सदन/गौअभ्यारण्यों को 20 किलोवाट की खपत वाले घरेलू मीटर लगाने की अनुमति दे दी गई है.

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मंत्री कंवर ने कहा गौ संरक्षण का दायित्व केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने समस्त गैर सरकारी एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों से बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए आगे आने की अपील है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्रामीणों द्वारा पशु छोड़ने पर उन्हें पांच हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा.

Intro:

प्रदेश में गठित गौ सेवा आयोग द्वारा गौ सदनों के निर्माण एवं रख-रखाव के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह जानकारी पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां आयोजित गौ सेवा आयोग की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 3.93 करोड़ रुपये की राशि मंदिर ट्रस्ट निधि व अन्य निधि से उपायुक्तों द्वारा स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस उद्देश्य पर 8.40 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।Body:वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में जो गौ सदन सरकारी भूमि पर चल रहे हैं उन गौसदनों की भूमि को पशुपालन विभाग के नाम पर हस्तांतरित करके गौ सदन चलाने वाली संस्था को लीज पर उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा पशु छोड़ने पर उन्हें पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण को लेकर पंचायतों, महिला मण्डलों, योग मण्डलों व स्वयं सेवा संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा इसके रखरखाव के लिए एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 किलोवाट तक बिजली की खपत वाले गौ सदनों को घरेलू तथा अन्य गौ सदनों को व्यावसायिक मीटर/एनडीएनसी मीटर उपलब्ध करवाए गए थे जो कि अब 20 किलोवाट खपत वाले गौशाला/गौसदनों/गौअभ्यारण्यों को घरेलू मीटर लगाने की अनुमति दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण का दायित्व केवल सरकार तक सीमित नहीं है। उन्होंने समस्त गैर सरकारी एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों से बेहसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन संजय गुप्ता, सचिव (भाषा, कला एवं संस्कृति) पूर्णिमा चौहान, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, निदेशक पशुपालन डॉ. सुदेश चौधरी, सरकारी व गैर सरकारी सदस्य भी अन्य सहित उपस्थित थे। Conclusion:
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