शिमला: प्रदेश में गठित गौ सेवा आयोग द्वारा गौ सदन निर्माण एवं प्रबंधन के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए हैं. यह जानकारी पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने गौ सेवा आयोग की बैठक की में दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो गौ सदन सरकारी भूमि पर चल रहे हैं उन गौ सदनों की भूमि को पशुपालन विभाग के नाम पर हस्तांतरित करके गौ सदन चलाने वाली संस्था को लीज पर उपलब्ध करवाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस उद्देश्य पर 8.40 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है जिसमें से 3.93 करोड़ रुपये की राशि मंदिर ट्रस्ट निधि व अन्य निधि उपायुक्तों द्वारा स्वीकार की गई है. मंत्री ने कहा कि गौ संरक्षण के लिए पंचायत, महिला मण्डल, योग मण्डल व स्वयं सेवी संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इनके प्रबंधन के लिए एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 5 किलोवाट तक बिजली की खपत वाले गौ सदनों को घरेलू तथा अन्य गौ सदनों को व्यावसायिक/एनडीएनसी मीटर उपलब्ध करवाए गए थे. जबकि अब गौशाला/गौ सदन/गौअभ्यारण्यों को 20 किलोवाट की खपत वाले घरेलू मीटर लगाने की अनुमति दे दी गई है.
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मंत्री कंवर ने कहा गौ संरक्षण का दायित्व केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने समस्त गैर सरकारी एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों से बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए आगे आने की अपील है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्रामीणों द्वारा पशु छोड़ने पर उन्हें पांच हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा.