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हिमाचल के 60 प्रतिशत घरों में उपलब्ध है पीने योग्य पानी, 2022 तक 100 फीसदी का लक्ष्य - हिमाचल न्यूज

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राजभवन में जल जीवन मिशन कार्यक्रम पर सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की. उन्होंने सभी केन्द्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को साल 2022 से पहले पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि इस अवधि में सभी घरों में पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Jan 22, 2020, 9:13 PM IST

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राजभवन में जल जीवन मिशन कार्यक्रम पर सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की. उन्होंने सभी केन्द्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को साल 2022 से पहले पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि इस अवधि में सभी घरों में पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को जल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 'जल जीवन मिशन' कार्यक्रम की घोषणा की है. राज्यपाल ने कहा कि सतही और भूमिगत जल के सतत इस्तेमाल के लिए योजनाएं तैयार करने और इस्तेमाल किए गए पानी को पुनः उपयोग में लाने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है.

इसके लिए विभिन्न योजनाओं का समायोजन किया जाना चहिए. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक 13,488,41 घरों में से 8,07927 घरों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, जो 60 प्रतिशत है जबकि राष्ट्र की प्रतिशतता 19.26 प्रतिशत है.

वर्ष 2024 तक राष्ट्रीय उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल जीवन मिशन को प्रदेश में परियोजना के रूप में अपनाने की आवश्यकता है और इसके लिए प्रदेश को 2022 तक की कार्य योजना तैयार करने पर विचार करना चाहिए.राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को जल की महत्ता के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए.

ग्रामीण स्तर पर स्थापित जल प्रबंधन समितियों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनजातीय पहाड़ी और वन क्षेत्रों में कम लागत की संचालन व रखरखाव वाली सौर ऊर्जा और गुरूत्त्वाकर्षण पर आधारित जल आपूर्ति योजनाओं की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. उन्होंने सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रगति को सराहा.

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राजभवन में जल जीवन मिशन कार्यक्रम पर सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की. उन्होंने सभी केन्द्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को साल 2022 से पहले पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि इस अवधि में सभी घरों में पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को जल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 'जल जीवन मिशन' कार्यक्रम की घोषणा की है. राज्यपाल ने कहा कि सतही और भूमिगत जल के सतत इस्तेमाल के लिए योजनाएं तैयार करने और इस्तेमाल किए गए पानी को पुनः उपयोग में लाने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है.

इसके लिए विभिन्न योजनाओं का समायोजन किया जाना चहिए. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक 13,488,41 घरों में से 8,07927 घरों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, जो 60 प्रतिशत है जबकि राष्ट्र की प्रतिशतता 19.26 प्रतिशत है.

वर्ष 2024 तक राष्ट्रीय उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल जीवन मिशन को प्रदेश में परियोजना के रूप में अपनाने की आवश्यकता है और इसके लिए प्रदेश को 2022 तक की कार्य योजना तैयार करने पर विचार करना चाहिए.राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को जल की महत्ता के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए.

ग्रामीण स्तर पर स्थापित जल प्रबंधन समितियों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनजातीय पहाड़ी और वन क्षेत्रों में कम लागत की संचालन व रखरखाव वाली सौर ऊर्जा और गुरूत्त्वाकर्षण पर आधारित जल आपूर्ति योजनाओं की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. उन्होंने सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रगति को सराहा.

Intro:राज्यपाल ने केन्द्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को 2022 से पहले पूरा करने पर बल दिया

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज यहां राजभवन में जल जीवन मिशन कार्यक्रम पर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने सभी केन्द्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को 2022 से पूर्व पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि इस अवधि में सभी घरों को पाईपों के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा करवाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए।

Body:उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को जल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘जल जीवन मिशन’ कार्यक्रम कीघोषणा की है।

राज्यपाल ने कहा कि सतही और भूमिगत जल के सतत् इस्तेमाल के लिए योजनाएं तैयार करने और इस्तेमाल किए गए पानी को पुनः उपयोग में लाने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं का समायोजन किया जाना चहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक 1348841 घरों में से 807927 घरांे में पानी की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, जो 60 प्रतिशत है जबकि राष्ट्र की प्रतिशतता 19.26 प्रतिशत है। वर्ष 2024 तक राष्ट्रीय उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल जीवन मिशन को प्रदेश में परियोजना के रूप में अपनाने की आवश्यकता है और इसके लिए प्रदेश को 2022 तक की कार्ययोजना तैयार करने पर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को जल की महत्ता के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए और ग्रामीण स्तर पर स्थापित जल प्रबंधन समितियों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय पहाड़ी और वन क्षेत्रों में कम लागत की संचालन एवं रखरखाव वाली सौर ऊर्जा और गुरूत्त्वाकर्षण पर आधारित जल आपूर्ति योजनाओं की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रगति को सराहा।

Conclusion:सचिव, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास डाॅ. आरएन बत्ता ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

विभाग के मुख्य अभियंता नवीन पुरी ने प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और योजनाओं पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी।

राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे
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