शिमला: दशहरा उत्सव के लिए राजधानी शिमला पूरी तरह से तैयार है. शहर में जाखू सहित संकट मोचन, नाभा व समरहिल में रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे. जाखू मंदिर में इस बार 50 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा. वहीं, मेघनाथ व कुंभकर्ण के 40 फीट के पुतले बनाए गए हैं. रावण दहन से पहले गंज बाजार से रामलीला की झांकिया शुरू होंगी, जो जाखू मंदिर तक जाएंगी. जाखू मंदिर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह द्वारा रावण का दहन रिमोट का बटन दबाकर किया जाएगा.
इस अवसर पर जाखू मंदिर में पूरा दिन देवनृत्य भी चलता रहेगा. रावण के पुतले के कारीगर मोहम्मद शाहनवाज ने बताया कि पिछले 22 सालों से वह रावण के पुतले बना रहे हैं. शिमला में मोहम्मद शाहनवाज पिछले 16 सालों से रावण का पुतला बनाने शिमला आ रहे हैं. अभी तक उन्होंने सैंकड़ो पुतले बना दिए हैं. वह शिमला ही नहीं बल्कि कई जगहों पर पुतले बनाने जाते हैं. उन्होंने बताया कि पुतले का निर्माण बांस की लकड़ी और कपड़े का इस्तेमाल करके बनाते हैं. उन्होंने बताया कि हमारा रावण दहन का रिमोट सिस्टम 99 फीसदी कामयाब होता है मात्र 1 फीसदी फेल होने का खतरा होता है. उसके लिए हम पहले से मशाल का प्रबंध रखते हैं.
वहीं, दशहरे को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. इस दौरान पुलिस जवान व होमगार्ड तैनात किए जाएंगे. जिला प्रशासन रामनवमी व दशहरे के दिन जाखू मंदिर जाने के लिए अतिरिक्त टैक्सियों की व्यवस्था की. इस संबंध में एसडीएम शहरी भानु गुप्ता ने बताया कि जाखू मंदिर में मंगलवार को सूर्य अस्त होते ही रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे. दशहरे के दिन जाखू मंदिर तक श्रद्धालु वाहन संजौली, छोटा शिमला, लिफ्ट की पार्किंग तक लाएं. इन पार्किंग स्थलों से जाखू मंदिर के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की टैक्सियों की व्यवस्था की गई है, जो हर 15 मिनट के बाद जाखू मंदिर तक जाएगी. इस दौरान सैकड़ों लोग यहां पर मौजूद रहेंगे.