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400 शिक्षण संस्थानों को किया जाएगा सेनिटाइज, क्वारंटाइन सेंटर में किए गए थे तब्दील

प्रदेश के 400 के करीब कॉलेज और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया था. अब इन शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले शिक्षा विभाग इन्हें पूरी तरह से सेनिटाइज करेगा. इसी वजह से स्कूल और कॉलेज में छुट्टियों को आगे बढ़ाने का फैसला सरकार ने लिया है.

Education Department Himachal Pradesh
शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश
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Published : Jun 2, 2020, 10:29 PM IST

शिमला: प्रदेश में बाहरी राज्यों से प्रवेश करने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन ने प्रदेश के 400 के करीब कॉलेज और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया था. अब इन शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले शिक्षा विभाग इन्हें पूरी तरह से सेनिटाइज करेगा. इसी वजह से स्कूल और कॉलेज में छुट्टियों को आगे बढ़ाने का फैसला सरकार ने लिया है.

वहीं, शिक्षा विभाग इन शिक्षण संस्थानों को छात्रों के लिए तभी खोलने की बात कर रहा है जब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे लेकर एडवाइजरी जारी की जाएगी. प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाने से पहले शिक्षा विभाग से जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं मांगी थी.

वीडियो

शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना स्कूल और कॉलेज को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, ऐसे में अब यह जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी की किस तरह से छात्रों के लिए इन संस्थानों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाए. उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश के 400 के करीब स्कूल,कॉलेजों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया है.

प्रशासन की ओर से इसके लिए अनुमति शिक्षा विभाग से नहीं ली गई थी, लेकिन जिस तरह के हालात थे उसमें यह जरूरी भी था, लेकिन अब इन संस्थानों को छात्रों के लिए सुरक्षित किया जाए और इनकी सेनिटाइजेशन पूरी तरह से की जाए इस बात को विभाग सुनिश्चित करेगा. शिक्षा निदेशक ने कहा कि जिला प्रशासन इन संस्थानों को सेनिटाइज करने के साथ ही इस बात की पुष्टि करेगा कि यह संस्थान छात्रों के प्रवेश के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं या नहीं.

वहीं, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद शिक्षा विभाग क्वारंटाइन बनाए गए इन संस्थानों को खोलेगा. उन्होंने कहा कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सुरक्षा विभाग की प्राथमिकता है और ऐसे में यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन संस्थानों में प्रवेश करने पर छात्र, शिक्षक और कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे.

बता दें कि प्रदेश में शिक्षण संस्थानों से क्वारंटाइन सेंटर हटाने की मांग शिक्षा मंत्री के समक्ष शिक्षा विभाग की ओर से रखी गई थी. इसी के बाद सरकार की ओर से जिला प्रशासन को यह निर्देश जारी किए गए थे कि शिक्षण संस्थानों से क्वारंटाइन सेंटर को हटाकर लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करें. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह शिक्षण संस्थान छात्रों के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनकी सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी सही तरीके से पूरा किया जाए.

शिमला: प्रदेश में बाहरी राज्यों से प्रवेश करने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए जिला प्रशासन ने प्रदेश के 400 के करीब कॉलेज और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया था. अब इन शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले शिक्षा विभाग इन्हें पूरी तरह से सेनिटाइज करेगा. इसी वजह से स्कूल और कॉलेज में छुट्टियों को आगे बढ़ाने का फैसला सरकार ने लिया है.

वहीं, शिक्षा विभाग इन शिक्षण संस्थानों को छात्रों के लिए तभी खोलने की बात कर रहा है जब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे लेकर एडवाइजरी जारी की जाएगी. प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाने से पहले शिक्षा विभाग से जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं मांगी थी.

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शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना स्कूल और कॉलेज को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, ऐसे में अब यह जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी की किस तरह से छात्रों के लिए इन संस्थानों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाए. उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश के 400 के करीब स्कूल,कॉलेजों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया है.

प्रशासन की ओर से इसके लिए अनुमति शिक्षा विभाग से नहीं ली गई थी, लेकिन जिस तरह के हालात थे उसमें यह जरूरी भी था, लेकिन अब इन संस्थानों को छात्रों के लिए सुरक्षित किया जाए और इनकी सेनिटाइजेशन पूरी तरह से की जाए इस बात को विभाग सुनिश्चित करेगा. शिक्षा निदेशक ने कहा कि जिला प्रशासन इन संस्थानों को सेनिटाइज करने के साथ ही इस बात की पुष्टि करेगा कि यह संस्थान छात्रों के प्रवेश के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं या नहीं.

वहीं, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद शिक्षा विभाग क्वारंटाइन बनाए गए इन संस्थानों को खोलेगा. उन्होंने कहा कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सुरक्षा विभाग की प्राथमिकता है और ऐसे में यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन संस्थानों में प्रवेश करने पर छात्र, शिक्षक और कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे.

बता दें कि प्रदेश में शिक्षण संस्थानों से क्वारंटाइन सेंटर हटाने की मांग शिक्षा मंत्री के समक्ष शिक्षा विभाग की ओर से रखी गई थी. इसी के बाद सरकार की ओर से जिला प्रशासन को यह निर्देश जारी किए गए थे कि शिक्षण संस्थानों से क्वारंटाइन सेंटर को हटाकर लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करें. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह शिक्षण संस्थान छात्रों के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनकी सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी सही तरीके से पूरा किया जाए.

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