शिमलाः आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के वीरवार को 4 मामले दर्ज किए गए. आईजीएमसी प्रशासन ने 28 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे. जांच के दौरान चार मामले पॉजीटिव पाए गए हैं. प्रदेश में अभी तक स्क्रब टायफस से 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने बताया कि स्क्रब टायफस के वीरवार को 4 मामले आए हैं. उन्होंने बताया कि सभी का इलाज किया जा रहा है. अब तक कई लोग स्क्रब से ठीक होकर घर भी जा चुके हैं.
बता दें कि सितंबर से अक्टूबर के अंत तक स्क्रब टायफस के सबसे ज्यादा मामले आते हैं. डॉक्टरों के अनुसार इस बरसात में लोगों को स्क्रब से अधिक सावधान रहने की जरूरत है.बता दें कि स्क्रब टाइफस जीवाणु रिकेटशिया यानि संक्रमित माइट (पिस्सू) के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों से पनपता है. यह जीवाणु चमड़ी के जरिये शरीर में प्रवेश करता है जिससे तेज बुखार आता है. इसलिए जब भी खेतों में जाएं तो अपने शरीर को पूरा ढक के रखें.
स्क्रब टाइफस का उचित इलाज नहीं किया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हो, जोड़ों में दर्द, कंपकपी के साथ बुखार, अकड़न या शरीर का थका हुआ लगना, गर्दन, बाजुओं के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना स्क्रब टायफस के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे किसी भी लक्षण पर मरीज को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवा लेनी चाहिए.