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वाद्ययंत्रों की धुन से गूंजा फाग मेला, देवलुओं ने निकाली देवी-देवताओं की शोभायात्रा - रामपुर

बुशहर क्षेत्र में देवी-देवताओं का अस्तित्व प्रत्येक गांव में सामाजिक जीवन का आवश्यक अंग है. देव मेले यहां की पहचान हैं. रामपुर में जिला स्तरीय फाग मेला शुक्रवार से शुर हो गया है. पदम पैलस राज महल के प्रांगण में तीन दिन तक देवताओं के साथ आए देवलु और अन्य लोग नाटी डालते हैं.

जिला स्तरीय फाग मेला
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Published : Mar 23, 2019, 4:54 PM IST

Updated : Mar 24, 2019, 12:46 PM IST

रामपुरः जिला स्तरीय फाग मेला शुक्रवार से शुरू हो गया है. मेले के दूसरे दिन शनिवार को 12 बजे से देवताओं की शोभा यात्रा शुरू हुई. गणेश देवता के देवलुओं ने बाजार मेंशोभायात्रा निकाली. सभी देवता अपने देवलुओं के साथ बाजार से होकर नेशनल हाईवे के साथ पदम पैलस तक शोभायात्रा निकालेंगे. इसके बाद दरबार के प्रांगण में जाकर नाटी लगाई जाती है. जहां क्षेत्र से आए सभी लोग देवताओं का इंतजार करते हैं.

phag fair
जिला स्तरीय फाग मेला

बता दें किबुशहर क्षेत्र में देवी-देवताओं का अस्तित्व प्रत्येक गांव में सामाजिक जीवन का आवश्यक अंग है. यह मेला पदम पैलस राज महल के प्रांगण में मनाया जाता है. तीन दिन इस प्रांगण में देवताओं के साथ आए देवलु और अन्य लोग नाटी डालते हैं. माना जाता है कि पहले लोग इस मेले में ही अपने रिश्तेदारों से मिल पाते थे. एक साल के बाद दूसरे साल के लिए मेले में आने का वादा किया जाता था, यदि कोई इस मेले में नहीं आता था तो माना जाता था कि उस महिला या पुरुष की मृत्यु हो चुकी होगी या फिर किसी बीमारी के कारण इस मेले में नहीं आ पाए होंगे. इस दौरान महिलाएं अपने साथ घर से गेहूं व चावल की मौड़ी भी लेकर आती थीं और एक दूसरे को बांट कर मेले का आनंद लेती थीं.

स्पेशल रिपोर्ट

रामपुरः जिला स्तरीय फाग मेला शुक्रवार से शुरू हो गया है. मेले के दूसरे दिन शनिवार को 12 बजे से देवताओं की शोभा यात्रा शुरू हुई. गणेश देवता के देवलुओं ने बाजार मेंशोभायात्रा निकाली. सभी देवता अपने देवलुओं के साथ बाजार से होकर नेशनल हाईवे के साथ पदम पैलस तक शोभायात्रा निकालेंगे. इसके बाद दरबार के प्रांगण में जाकर नाटी लगाई जाती है. जहां क्षेत्र से आए सभी लोग देवताओं का इंतजार करते हैं.

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जिला स्तरीय फाग मेला

बता दें किबुशहर क्षेत्र में देवी-देवताओं का अस्तित्व प्रत्येक गांव में सामाजिक जीवन का आवश्यक अंग है. यह मेला पदम पैलस राज महल के प्रांगण में मनाया जाता है. तीन दिन इस प्रांगण में देवताओं के साथ आए देवलु और अन्य लोग नाटी डालते हैं. माना जाता है कि पहले लोग इस मेले में ही अपने रिश्तेदारों से मिल पाते थे. एक साल के बाद दूसरे साल के लिए मेले में आने का वादा किया जाता था, यदि कोई इस मेले में नहीं आता था तो माना जाता था कि उस महिला या पुरुष की मृत्यु हो चुकी होगी या फिर किसी बीमारी के कारण इस मेले में नहीं आ पाए होंगे. इस दौरान महिलाएं अपने साथ घर से गेहूं व चावल की मौड़ी भी लेकर आती थीं और एक दूसरे को बांट कर मेले का आनंद लेती थीं.

स्पेशल रिपोर्ट


फाग मेले के दुसरे दिन बाजार से होकर निकली देवी-देवताओं की शोभायात्रा
वाद्ययंत्रों के साथ देवलुओं ने लगाई खुब नाटी

रामपुर बुशहर, 23 मार्च मीनाक्षी 
जिला स्तरीय फाग मेला प्रचीन काल में रियासतों के समय से मनाते आ रहे है। जिसका शूभारंभ 22 मार्च से हो गया है आज मेले का दुसरा दिन है इस दिन मेले में आए सभी देवी-देवते बाजार से होकर शोभयात्रा निकालते है। जिसमें आज 12 बजे से देवताओं की शोभा यात्रा शुरू हो गई है। गनेश देवता के देवलुओं ने बांस के डंडे उठाकर बाजार में  शोभायात्रा के दौरान खुब नाचे । यहां से सभी देवता अपने देवलुओं के साथ बाजार से होकर नेशनल हाईवे के साथ पदम पैलस तक शोभायात्रा निकालेंगे। इसके ऊपरांत दरबार के प्रांगण में जाकर नाटी लगाएंगे। जहां पर क्षेत्र से आए सभी लोग देवताओं का इंतजार करते हे। 

बता दें कि 
बुशहर क्षेत्र में देवी-देवताओं का अस्तित्व प्रत्येक गांव में सामाजिक जीवन का आवश्यक अंग है। यह मेला पदम पैलस राज महल के प्रांगण में मनाया जाता है। तीन दिन इस प्रांगण में देवताओं के साथ आए देवलु और अन्य लोग नाटी लगाते है।  माना जात है कि पहले लोग इस मेले में ही अपने रीशते दारों से मिल पाते थे। एक साल के बाद दुसरी साल के लिए मेले मे आने का वादा किया जाता था। यदि कोई इस मेले में नहीं आता थे तो माना जाता था की उस महिया या पुरूश की मृत्यु हो चुकी होगी या फिर किसी बीमारी के कारण इस मेले में नहीं आ पाएं होंगे। इस दौरान महिलाएं अपने साथ घर से गेहु व चावल की मौड़ी भी लेकर आती थी और एक दुसरे को बंट कर मेले का आनं लेती थी। आज से फाग मेला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में अब देव आगमन शुरू हो जाएगा। रामपुर से सबसे बड़े देवता माने जाने वाले दत्त महाराज बसारा के देवता, गसो काजल, जाक रचोली कल शाम को पहुंच चुके है। यह देवता इस मेले के मुख्य माने जाते है। इनके आने के पश्चात ही अन्य देवता इस मेले में शिरकत करते है। 

Last Updated : Mar 24, 2019, 12:46 PM IST
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